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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: टेकऑफ के 3 सेकंड बाद बंद हो गए दोनों इंजन, AAIB की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने!

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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: सिर्फ 3 सेकंड में कैसे फेल हो गए दोनों इंजन? AAIB की रिपोर्ट ने उड़ा दिए होश!

12 जून की सुबह… वो भी अहमदाबाद एयरपोर्ट पर… सोचिए, आप बैग पैक करके दुबई के लिए निकले हैं और तभी – बम! विमान के दोनों इंजन टेकऑफ के ठीक 3 सेकंड बाद फेल हो जाते हैं। सच कहूं तो ये कोई हॉलीवुड मूवी का सीन नहीं, बल्कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के बोइंग 737 की असली कहानी है। AAIB की ताजा रिपोर्ट पढ़कर तो मैं भी सकते में आ गया – क्या हमारे विमानों की सुरक्षा सिर्फ कागजों तक ही सीमित है?

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। 190 लोगों को ले जा रहा ये विमान अगर रनवे से थोड़ा और आगे निकल जाता, तो शायद आज ये कहानी कुछ और ही होती। भगवान का शुक्र है कि जानें तो नहीं गईं, लेकिन सवाल तो बनता ही है न? पिछले कुछ सालों में ऐसी कितनी ही घटनाएं हो चुकी हैं – कभी इंजन में धुआं, कभी टायर फटना… और अब ये! आखिर कब तक हम ‘किस्मत’ के भरोसे उड़ते रहेंगे?

AAIB की रिपोर्ट तो और भी डरावनी है। सुनिए – “fuel supply system failure” का शक! मतलब साफ है, विमान को ठीक से ईंधन ही नहीं मिला। और हैरानी की बात ये कि CVR रिकॉर्डिंग से पता चला कि पायलटों ने तुरंत ही इंजन फेल होने की चेतावनी दी थी। सबसे बड़ी बात? इसी विमान के maintenance records में पहले से ही कई शिकायतें दर्ज थीं। तो फिर इसे उड़ाने की जल्दी क्यों हुई?

अब सबकी अपनी-अपनी बातें हैं। एयर इंडिया वाले कह रहे हैं कि वो पूरा सहयोग कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये पायलट की गलती नहीं, बल्कि तकनीकी लापरवाही है। और यात्रियों के परिजन? वो तो सीधे लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। सच तो ये है कि हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है, लेकिन असली मुद्दा कौन सुलझाएगा?

तो अब क्या? AAIB को पूरी जांच करने में 3 महीने लगेंगे। DGCA ने तुरंत एक्शन लेते हुए इसी मॉडल के दूसरे विमानों की जांच का आदेश दिया है। पर सवाल ये है कि क्या ये काफी है? मेरा मानना है कि अब हमें सिर्फ रिएक्ट करने के बजाय प्रोएक्टिव होने की जरूरत है। वरना… अगली बार भगवान ही मालिक है।

एक बात तो तय है – ये घटना हमारे विमानन सेक्टर के लिए एक बड़ा वेक-अप कॉल है। अगर हमने अभी सबक नहीं सीखा, तो फिर… खैर, उम्मीद तो यही करनी चाहिए कि AAIB की फाइनल रिपोर्ट सिर्फ जिम्मेदारी तय करने तक ही सीमित न रहे, बल्कि आने वाले समय के लिए एक ठोस एक्शन प्लान भी दे।

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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