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अहमदाबाद प्लेन क्रैश का राज: क्या फ्यूल कंट्रोल स्विच था जिम्मेदार? पूरी जानकारी यहाँ!

अहमदाबाद प्लेन क्रैश: क्या सच में फ्यूल कंट्रोल स्विच था असली खलनायक?

8 जनवरी 2024 की वो सुबह… जिसे अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मौजूद लोग कभी नहीं भूल पाएंगे। एअर इंडिया का वो बोइंग 787-8 विमान, जो टेकऑफ के ठीक बाद अचानक ज़मीन से टकराया – 241 यात्रियों और 33 ज़मीनी स्टाफ की जान लेकर। सच कहूं तो, पूरे देश को झटका लगा था। और अब AAIB की शुरुआती रिपोर्ट कह रही है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच शायद मुख्य वजह रहा हो। पर सवाल ये है – आखिर ये सिस्टम फेल कैसे हुआ? और क्या ये सिर्फ एक तकनीकी खराबी थी या फिर कुछ और?

बोइंग 787-8 का इतिहास: कितना सुरक्षित है ये ‘ड्रीमलाइनर’?

देखिए, बोइंग 787-8 को तो हम सब आधुनिक विमानन का चमत्कार मानते आए हैं। लेकिन याद कीजिए 2013 को, जब इसकी बैटरियों ने धोखा दिया था। और अब? फ्यूल सिस्टम पर सवाल! जो किसी विमान की जान होता है – बिल्कुल वैसे ही जैसे इंसान के लिए खून। फ्यूल कंट्रोल स्विच अगर काम करना बंद कर दे, तो इंजन बेजान हो जाते हैं। टेनेरिफ़ (1977) से लेकर स्पेनिश एयरफोर्स क्रैश (2008) तक – फ्यूल सिस्टम फेल्योर ने कितनी बड़ी कीमत वसूली है, ये तो इतिहास बताता है।

AAIB रिपोर्ट के झटके: क्या मिला ब्लैक बॉक्स में?

अब जरा AAIB की प्रारंभिक जांच के कुछ चौंकाने वाले पहलू देखिए:
– दोनों इंजन एक साथ फेल हुए – ये कोई सामान्य बात नहीं
– कॉकपिट रिकॉर्डिंग में पायलटों की आखिरी बातें… “फ्यूल सप्लाई इश्यू” की चेतावनी
– डेटा बता रहा है कि फ्यूल स्विच ने गलत सिग्नल दिए होंगे

एअर इंडिया और बोइंग दोनों जांच में सहयोग कर रहे हैं, पर सच तो ये है कि उनकी छवि को भारी नुकसान पहुंचा है। आपको क्या लगता है – क्या ये सिर्फ तकनीकी खराबी थी या फिर कहीं मेन्टेनेंस में लापरवाही तो नहीं?

देश की प्रतिक्रिया: गुस्सा, दुख और सवाल

इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। पीड़ित परिवार सिर्फ मुआवजे नहीं, बल्कि जवाबदेही चाहते हैं। विशेषज्ञों की राय? बोइंग के फ्यूल सिस्टम में शायद डिज़ाइन लेवल की खामियां हैं। और सरकार ने क्या किया? नए सुरक्षा प्रोटोकॉल्स का ऐलान किया है – जिसमें अब फ्यूल सिस्टम की नियमित जांच अनिवार्य होगी। लेकिन सवाल ये है कि ये नियम पहले क्यों नहीं थे?

आगे की राह: क्या सीख मिलेगी इस हादसे से?

AAIB की फाइनल रिपोर्ट का इंतज़ार करना होगा। पर एक बात तो तय है – विमानन उद्योग को अपने फ्यूल कंट्रोल सिस्टम पर फिर से विचार करना होगा। और कानूनी पचड़ा? एअर इंडिया और बोइंग के लिए मुकदमों का दौर शुरू होने वाला है। ये घटना सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए एक सबक है।

अंतिम बात: सुरक्षा ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए

इस दुर्घटना ने हमें एक बार फिर याद दिलाया है – टेक्नोलॉजी चाहे जितनी एडवांस हो जाए, इंसानी जान से बढ़कर कुछ नहीं। जांच के नतीजे न सिर्फ कारण स्पष्ट करेंगे, बल्कि भविष्य के लिए गाइडलाइन्स भी तय करेंगे। बस एक उम्मीद – कि ऐसी त्रासदी फिर कभी न हो। क्योंकि हर जान… अनमोल होती है।

आपको क्या लगता है इस पूरे मामले के बारे में? क्या विमानन सेक्टर को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं पर फिर से विचार करना चाहिए? कमेंट में बताइए।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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