एयर इंडिया का वो हादसा: क्या सच में सिर्फ़ तकनीकी गड़बड़ी थी, या फिर कहीं गहरी समस्या है?
अरे भाई, एयर इंडिया का ये नया विमान हादसा तो जैसे किसी बारूद के ढेर पर चिंगारी साबित हुआ है। AAIB (यानी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की शुरुआती रिपोर्ट पढ़कर तो लगता है कि ईंधन स्विच सिस्टम में कोई दिक्कत थी। पर सच कहूँ? अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। जांच तो चल रही है, और हम सबको इंतज़ार करना होगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ़ एक तकनीकी खराबी है, या फिर हमारी एयरलाइन्स की सुरक्षा प्रक्रियाओं में कोई बड़ी चूक?
क्या हुआ था असल में?
याद है न 15 अक्टूबर की वो घटना? एयर इंडिया का फ्लाइट AI-865 मुंबई से दिल्ली जा रहा था, और टेकऑफ़ के ठीक बाद ही पायलट्स को ईंधन सिस्टम में कुछ गड़बड़ लगी। सच कहूँ तो मेरे एक पायलट दोस्त ने बताया कि ऐसी स्थिति में हर सेकंड मायने रखता है। खैर, क्रू ने बड़ी ही प्रोफेशनल तरीके से इमरजेंसी प्रोटोकॉल फॉलो किया और विमान को सुरक्षित वापस लैंड करा दिया। लेकिन ये घटना तो बस एक नया सवाल खड़ा करती है – क्या एयर इंडिया के मेंटेनेंस सिस्टम में कोई खामी है? पिछले कुछ सालों से तो यही सुनने को मिल रहा है।
AAIB रिपोर्ट: क्या कहती है, क्या नहीं कहती
अब AAIB की रिपोर्ट की बात करें तो… देखिए, कुछ बातें तो साफ़ हैं:
– ईंधन स्विच सिस्टम में खराबी का शक
– पुराने मेंटेनेंस रिकॉर्ड्स की जाँच चल रही है
– ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण अभी जारी है
लेकिन यहाँ सबसे अहम बात ये है कि AAIB ने खुद कहा है – “भाई, धैर्य रखो!” जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं। पूरी जाँच में अभी 4-6 हफ़्ते और लग सकते हैं। मेरा मानना है कि ऐसे मामलों में जल्दबाजी से काम लेना ही अक्सर गलत निष्कर्षों की वजह बनता है।
कौन क्या कह रहा है?
एयर इंडिया वाले तो अपनी ही रट लगाए हुए हैं – “हम पूरा सहयोग कर रहे हैं, सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” सच कहूँ? ये वही पुराना जुमला लगता है। वहीं दूसरी तरफ़ विमानन एक्सपर्ट्स की एक बड़ी संख्या इस घटना को एयर इंडिया के पुराने विमानों और मेंटेनेंस में कटौती से जोड़कर देख रही है। और यात्री संघ? वे तो सीधे सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के दरवाज़े पर दस्तक दे रहे हैं – “भईया, सुरक्षा मानकों पर सख्ती बरतो!”
आगे क्या होगा?
अब सवाल यह है कि आगे क्या? AAIB की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद:
– अगर मेंटेनेंस लापरवाही साबित हुई तो एयर इंडिया को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है
– ऑपरेशनल प्रोटोकॉल में बड़े बदलाव की नौबत आ सकती है
– पूरे भारतीय एविएशन सेक्टर के लिए नई गाइडलाइंस आ सकती हैं
एक तरफ़ तो ये अच्छी बात है कि हम सुरक्षा मानकों पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ़… क्या हमें हर बार किसी हादसे का इंतज़ार करना पड़ेगा?
अंत में बस इतना कहूँगा – ये मामला सिर्फ़ एक विमान की तकनीकी खराबी तक सीमित नहीं है। ये तो पूरे सिस्टम पर सवाल है। और हाँ, जब तक पूरी जाँच नहीं हो जाती, कृपया अपनी अटकलों को खुद तक ही सीमित रखें। क्योंकि ये कोई मामूली मुद्दा नहीं है – ये हम सबकी सुरक्षा का सवाल है।
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एयर इंडिया और AAIB रिपोर्ट – जानिए पूरी कहानी, बिना फिल्टर के!
1. एयर इंडिया ने AAIB की रिपोर्ट पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
देखिए, एयर इंडिया ने AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की रिपोर्ट को लेकर जो बयान दिया है, वो थोड़ा स्टैंडर्ड सा लगता है। “हम गंभीरता से ले रहे हैं… सुझावों पर action लेंगे…” वाली लाइन। पर असल सवाल ये है कि क्या सच में लेंगे? क्योंकि हम सब जानते हैं न, कंपनियां अक्सर ऐसे बयान देकर पीछे हट जाती हैं। हालांकि, उनका ये कहना कि उनकी सेफ्टी प्रोसेस पूरी तरह compliant हैं, थोड़ा राहत देता है। लेकिन फिर भी…
2. क्या इस incident का कारण मैकेनिकल फॉल्ट था?
अभी तक की जानकारी के मुताबिक, AAIB की रिपोर्ट में मैकेनिकल गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। पर यहां ध्यान देने वाली बात ये है – ये प्रारंभिक रिपोर्ट है भाई! पूरी जांच चल रही है। मेरा मानना है कि एयर इंडिया ने जानबूझकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, क्योंकि अभी पता क्या चलेगा? एक तरफ तो ये अच्छी बात है कि वो जल्दबाजी नहीं कर रहे, पर दूसरी तरफ… पैसेंजर्स के मन में सवाल तो उठेंगे ही न?
3. एयर इंडिया की मेंटेनेंस प्रक्रिया कितनी सुरक्षित है?
अब यहां एयर इंडिया वालों ने DGCA के guidelines का जिक्र किया है। सुनने में अच्छा लगता है, है न? पर सच्चाई ये है कि guidelines होना और उन्हें follow करना दो अलग बातें हैं। हां, ये सही है कि AAIB रिपोर्ट के बाद वो अपनी प्रक्रियाओं को review कर रहे हैं – और ये एक पॉजिटिव स्टेप है। पर सवाल वही – कितना सच्चा होगा ये review?
4. पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए एयर इंडिया क्या कर रहा है?
यहां कंपनी ने कुछ स्टॉक जवाब दिए हैं – regular inspection, मैकेनिकल इश्यूज fix करना वगैरह। पर मेरा सवाल ये है कि अगर ये सब पहले से हो रहा था, तो ये incident हुआ कैसे? हालांकि, AAIB की सिफारिशों को implement करने का वादा एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। बस देखना ये है कि ये सिर्फ वादा ही रह जाए, या असली action भी होगा। क्योंकि अंत में तो पैसेंजर्स की सुरक्षा ही सबसे जरूरी है न?
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com