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“बिहार में एंबुलेंस गैंगरेप मामले पर सियासी भूचाल: तेजस्वी vs नीतीश, चिराग की बयानबाजी से मांझी बेचैन!”

बिहार का वह एंबुलेंस गैंगरेप केस जिसने सियासत का तापमान बढ़ा दिया: तेजस्वी बनाम नीतीश, और चिराग की ‘फायरबॉल’ टिप्पणियों ने क्यों मचाई खलबली?

बिहार के गया में एक ऐसी घटना हुई जिसने न सिर्फ लोगों की रूह कंपा दी, बल्कि राजनीति को भी झकझोर कर रख दिया। सोचिए, एक लड़की होम गार्ड भर्ती के लिए दौड़ रही थी, बेहोश हुई, और जिस एंबुलेंस में उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसी में उसके साथ…? सच कहूँ तो ये किसी डरावनी फिल्म की पटकथा लगती है, लेकिन ये हकीकत है। और इस हकीकत ने पूरे बिहार को कैसे हिला दिया, ये समझना ज़रूरी है।

क्या हुआ था असल में? पूरी कहानी एक नज़र में

देखिए, बात ये है कि गया में होम गार्ड भर्ती का फिजिकल टेस्ट चल रहा था। सैकड़ों युवाओं की भीड़। इनमें एक लड़की भी थी जो दौड़ते-दौड़ते बेहोश हो गई। अब तक तो सब नॉर्मल था। लेकिन फिर… जिस एंबुलेंस में उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसके ही ड्राइवर और स्टाफ ने रास्ते में क्या किया, ये सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सच कहूँ तो इससे बड़ी नीचता और क्या हो सकती है? पुलिस ने तो तुरंत एक्शन ले लिया, लेकिन अब तक ये मामला राजनीति के चूल्हे पर चढ़ चुका था।

राजनीति का गर्मा-गर्म खेल: कौन किस पर भड़का?

अब आते हैं सियासी हंगामे पर। तेजस्वी यादव तो मानो बस इसी मौके की तलाश में थे – “देख लिया नीतीश जी, आपके राज में महिलाओं की हालत?” वहीं BJP के चिराग पासवान ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए ट्विस्ट दे दिया। और हमारे मुख्यमंत्री जी? उनका कहना है कि विपक्ष हर चीज को राजनीति बना देता है। पर सवाल ये है कि क्या वाकई में ऐसे मामलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए? खैर, इस बहस में पीड़िता का परिवार तो बस न्याय की गुहार लगा रहा है।

अब आगे क्या? 3 संभावित सिनारियो

अब स्थिति ये है कि:
1. CBI जाँच की मांग जोर पकड़ रही है
2. विपक्ष सड़कों पर उतरने की तैयारी में है
3. सरकार ने एंबुलेंस सिस्टम की समीक्षा का ऐलान किया है

लेकिन असली सवाल ये है कि क्या ये सब दिखावा है या वाकई कुछ बदलेगा? बिहार में तो चुनावी हवाएँ भी चलने लगी हैं, ऐसे में ये मामला कितना गरमायेगा, ये तो वक्त ही बताएगा। एक तरफ जनता का गुस्सा, दूसरी तरफ नेताओं के भाषण – सच कहूँ तो ये पूरा मामला बिहार की राजनीति का नया टर्निंग प्वाइंट बन सकता है।

आखिर में, एक बात तो तय है – ये घटना बिहार में महिला सुरक्षा के सवाल को फिर से उठा दिया है। अब देखना ये है कि ये मामला सिस्टम में सुधार लाता है या फिर नेताओं के भाषणों में ही दफन हो जाता है। क्योंकि हमारे यहाँ अक्सर ऐसा ही होता आया है, है न?

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1. ये बिहार एंबुलेंस केस है क्या बला?

देखिए, मामला कुछ यूं है कि बिहार में एक एंबुलेंस में ही एक लड़की के साथ गैंगरेप की घटना हुई। सोचिए, जिस गाड़ी को इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, उसमें ऐसा जघन्य अपराध! अब ये केस सिर्फ क्राइम नहीं रहा, बल्कि पूरी राजनीति गरमा गई है। तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार तो लगभग रोज ही एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।

2. तेजस्वी और नीतीश – इनका झगड़ा किस बात पर है?

असल में बात ये है कि तेजस्वी यादव सरकार को पूरी तरह फेल बता रहे हैं। उनका कहना है कि “इतनी बड़ी घटना हो गई और प्रशासन सोया रहा?” वहीं नीतीश कुमार अपनी सरकार का पक्ष रखते हुए कह रहे हैं कि “सब कुछ ठीक से हुआ, एक्शन लिया गया।” पर सच्चाई? जनता को तो बस ये दिख रहा है कि राजनीति चल रही है, न्याय की बात पीछे छूट गई है।

3. चिराग पासवान और मांझी जी ने क्या-क्या बोला?

अरे भई! चिराग तो मानो सरकार पर बरस ही पड़े हैं। उनके बयानों में आग है – “ये सरकार महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकती।” वहीं मांझी जी… उनका अंदाज थोड़ा अलग है। वो बेचैनी जाहिर कर रहे हैं, शायद समझौते का रास्ता निकालना चाहते हैं। पर सवाल ये है कि क्या सिर्फ बयानबाजी से कुछ होगा?

4. अब तक इस केस में हुआ क्या है?

पुलिस ने आरोपियों को पकड़ तो लिया है, ये अच्छी बात है। पर यहां दिक्कत ये है कि विपक्ष का कहना है कि “अरे ये तो देर से हुआ!” और सच कहूं तो ये पूरा मामला बिहार की law and order पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जांच चल रही है, पर क्या नतीजा निकलेगा? वो तो वक्त ही बताएगा।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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