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क्या अमेरिका के पास है भारत और चीन से एकसाथ लड़ने की ताकत? 500% टैरिफ का खतरा!

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क्या अमेरिका भारत और चीन को एक साथ टक्कर दे पाएगा? 500% टैरिफ वाली धमकी पर गंभीर चर्चा!

अरे भाई, अमेरिकी सीनेटरों ने तो इस बार बड़ा ही दिलचस्प मोर्चा खोल दिया है! उन्होंने भारत और चीन को साफ-साफ कह दिया है कि अगर रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया तो 500% टैरिफ का बम गिरा देंगे। सच कहूं तो ये कोई नई बात नहीं, लेकिन इस बार का टोन बिल्कुल अलग है। पर सवाल यह है – क्या अमेरिका के पास इतनी हिम्मत है कि वो दोनों एशियाई दिग्गजों को एक साथ चुनौती दे सके? मजे की बात ये कि भारत और चीन दोनों ही अपने-अपने तरीके से अमेरिकी दबाव को नाकाम करने में माहिर हैं।

पूरी कहानी क्या है?

देखिए न, ये सारा झगड़ा तो रूस-यूक्रेन वॉर से शुरू हुआ। अमेरिका और उसके दोस्तों ने रूस पर इतने प्रतिबंध लगा दिए कि बस! पर भारत और चीन ने तो बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। क्यों? क्योंकि रूस से तेल मिल रहा था बाजार से 30-40% सस्ता। अब भला कोई मूर्ख ही होगा जो सस्ता तेल छोड़कर महंगा खरीदे! अमेरिका ने पहले भी CAATSA का डंडा दिखाया था, लेकिन इस बार उनकी धमकी में दम दिख रहा है।

500% टैरिफ – सच में या सिर्फ धौंस?

अभी-अभी अमेरिकी सीनेट में एक प्रस्ताव आया है जिसमें साफ-साफ 500% टैरिफ की बात कही गई है। ये कोई मजाक नहीं है दोस्तों! भारत ने तो पिछले एक साल में रूसी तेल खरीदना 15 गुना बढ़ा दिया। और चीन? वो तो पहले से ही रूस का नंबर वन कस्टमर है। दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही देश अमेरिकी धमकियों को अनसुना कर रहे हैं। पर कब तक?

दोनों देशों की प्रतिक्रिया – जबरदस्त!

भारत सरकार ने तो साफ कर दिया है कि हमारी Energy Security सबसे ऊपर है। चीन ने तो अमेरिका को सीधे “Economic Bullying” करार दे डाला। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर ये टैरिफ लगा तो पूरी दुनिया के व्यापार को झटका लगेगा। भारतीय उद्योग जगत की चिंता समझिए – एक तरफ तो निर्यात गिरेगा, दूसरी तरफ रोजगार पर संकट आएगा। पर क्या अमेरिका खुद इसकी मार झेल पाएगा?

अब आगे क्या? 3 संभावित परिदृश्य

पहला – अमेरिका अपनी धमकी पर अमल करे और टैरिफ लगा दे। दूसरा – भारत-चीन मिलकर कोई जवाबी चाल चलें। तीसरा – पीछे से कोई डील हो जाए। मेरा मानना है कि रक्षा समझौतों पर असर पड़ सकता है। और हां, तेल की कीमतों में उछाल तो निश्चित है। एक बात तो तय है – ये पूरा मामला दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में दोस्ती-दुश्मनी सब पैसे के इर्द-गिर्द घूमती है!

अंत में बस इतना – ये गेम थ्योरी का सबसे दिलचस्प उदाहरण है। अमेरिका ब्लफ कर रहा है या सच में एक्शन लेगा? भारत-चीन कितना टिक पाएंगे? देखते हैं… क्योंकि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता!

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1. क्या अमेरिका की military इतनी ताकतवर है कि भारत और चीन दोनों से पंगा ले सके?

सुनिए, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य शक्ति तो है ही, लेकिन सवाल यह है कि क्या वो दोनों मोर्चों पर लड़ सकता है? देखा जाए तो उसके पास F-35 जैसे लड़ाकू विमान और न्यूक्लियर सबमरीन तो हैं, पर भारत और चीन की combined strength कोई मजाक थोड़े ही है। असल में, यह कोई video game नहीं जहां आप ‘Ctrl+Alt+Del’ करके restart कर दें।

2. 500% टैरिफ? ये क्या चीज़ है और हमारी चाय की प्याली में कैसे गिरेगी?

समझिए भईया, ये कोई छोटा-मोटा टैक्स नहीं। मान लीजिए आप Amazon से 100 रुपये का सामान मंगाते हैं और डिलीवरी पर 500 रुपये extra चार्ज आ जाए – बस यही हाल exports का होगा! भारत और चीन के बिजनेस के लिए ये earthquake जैसा होगा। और हां, इससे आपके फोन, लैपटॉप की कीमतों में भी उछाल आ सकता है। सोचिए!

3. क्या ये टैरिफ भारत-चीन को गले लगवा देगा? वो भी इतनी जल्दी?

ईमानदारी से कहूं तो… शायद हां, पर सिर्फ थोड़े समय के लिए। एक तरफ तो दोनों देश अमेरिका के खिलाफ एकजुट दिखेंगे, लेकिन याद रखिए – ये वही चीन है जो अभी भी अरुणाचल को अपना बताता है। दोस्ती? हां। पर पक्की दोस्ती? उतनी ही जितनी हमारी न्यू ईयर रेजोल्यूशन्स टिकती हैं!

4. ये trade war तो नहीं बन जाएगा ना? क्योंकि हम सबकी जेब पर असर होगा

बिल्कुल सही पकड़ा आपने! अगर अमेरिका ने ये कदम उठाया और हमारे देशों ने भी जवाबी कार्रवाई की तो… बस फिर तो पूरी दुनिया की economy डगमगाएगी। आपके दफ्तर की चाय से लेकर पेट्रोल तक, सबके दाम आसमान छूने लगेंगे। एक तरह से देखें तो ये economic world war जैसा हो जाएगा। और हम सब? बीच के मैदान में बैठे हुए!

क्या आपको लगता है ये सब होगा? कमेंट में बताइए… 😉

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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