दिल्ली डूबने की कगार पर! क्या हमारे शहर अब ‘गर्म तवे’ बन गए हैं?
अरे भई, दिल्ली वालों के लिए तो मुसीबत ही मुसीबत है। यमुना का पानी सड़कों पर घूम रहा है, और वर्ल्ड बैंक की नई रिपोर्ट ने तो जैसे आग में घी डालने का काम किया है। सच बात तो ये है कि हमारे शहर अब गर्म तवे की तरह तप रहे हैं – रात को भी चैन नहीं! ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरों में रात का तापमान 3-5 डिग्री ज्यादा। सोचो, AC चलाने के बावजूद ऐसा क्यों?
कंक्रीट के जंगल और हमारी बदहाली
ये Urban Heat Island वाली बात सच में डराने वाली है। पिछले 10 साल में हमने इतने पेड़ काट दिए, इतनी इमारतें खड़ी कर दीं कि अब शहर सचमुच भट्टी बन गए हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु – सबकी एक ही कहानी। रात को भी नींद हराम। और जब बारिश आती है तो? पानी के लिए कोई जगह ही नहीं बची। जैसे टाइटैनिक जहाज पर छेद हो गया हो!
और हाँ, climate change ने तो मामले को और बिगाड़ दिया है। अब बारिश भी पागलों की तरह होती है – या तो बिल्कुल नहीं, या फिर इतनी कि शहर डूब जाए। पिछले साल चेन्नई का हाल याद है न आपको?
दिल्ली का हाल: यमुना ने ली मात
दिल्ली में तो हालात बिल्कुल फिल्मी सीन जैसे हैं। यमुना का पानी अब सड़कों पर ‘हाइ-फाइव’ दे रहा है। और हमारी सरकारें? NDRF को भेज दिया – जैसे आग लगने पर फायर ब्रिगेड बुलाना। पर सवाल तो ये है कि आग लगने ही क्यों दी?
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
एक तरफ तो पर्यावरणविद् ग्रीन कवर बढ़ाने की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ, बिल्डर माफिया हर खाली जगह पर कंक्रीट डालने को तैयार बैठा है। और सरकार? वो तो बस ‘अरे, ये तो होना ही था’ कहकर पल्ला झाड़ लेती है। आम आदमी की तो बस यही गुहार है – “साहब, पहले ड्रेनेज सिस्टम ठीक कर लो, फिर मॉल बनाना!”
आगे का रास्ता: समझदारी या समस्या?
अब तुरंत क्या करें? पहले तो शहरों की नालियों को साफ करो जो सालों से बंद पड़ी हैं। फिर अवैध कंस्ट्रक्शन पर रोक – वरना तो हालात और खराब होंगे। वर्ल्ड बैंक की सलाह तो अच्छी है – Climate Adaptation को प्राथमिकता दो। पर क्या हमारे नेता सुनेंगे? शक है।
सच तो ये है कि अगर अब भी नहीं चेते, तो आने वाले सालों में ये शहर रहने लायक ही नहीं रहेंगे। जरा सोचो, AC चलाओ तो बिजली बिल से पसीना आए, बंद करो तो गर्मी से। और बारिश हो तो नाव खरीदने की जरूरत पड़े। क्या यही है विकास?
दिल्ली में बाढ़ का खतरा – जानिए वो सब जो आपको पता होना चाहिए
1. दिल्ली में बाढ़ का खतरा क्यों बढ़ रहा है? सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे
असल में बात ये है कि हमारी अपनी गलतियों की वजह से ये हालात बने हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट तो बस औपचारिकता है – climate change और बेतरतीब urbanisation ने मिलकर दिल्ली को एक pressure cooker बना दिया है। सोचिए, रात का तापमान 3-4 डिग्री बढ़ गया है! नतीजा? मौसम का पूरा चक्र गड़बड़। अब heavy rainfall और flooding जैसी घटनाएं नई normal बनती जा रही हैं। डरावना लगता है न?
2. सरकारी तैयारियां: कागजों पर या हकीकत में?
देखिए, Delhi government और NDMA अपनी तरफ से कुछ कदम उठा रहे हैं – drainage system की मरम्मत, early warning systems… वगैरह वगैरह। लेकिन सच कहूं? ये सब बस first aid की तरह है। Experts की राय मानें तो अभी planning और investment दोनों में बहुत कमी है। वैसे भी, हमारे यहां तो हर चीज last minute में ही होती है न?
3. आम आदमी क्या कर सकता है? छोटे-छोटे कदम, बड़ा असर
तो अब सवाल यह उठता है कि हम क्या करें? सच तो ये है कि rainwater harvesting जैसे छोटे उपाय भी लंबे समय में बड़ा फर्क ला सकते हैं। plastic waste कम करना तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे अपने घर का कचरा खुद साफ करना। और हां, local authorities के साथ cooperate करना भी जरूरी है। एक सलाह और – emergency contacts और evacuation routes की जानकारी रखना उतना ही important है जितना कि अपने फोन में emergency नंबर सेव करना।
4. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट: सिर्फ बाढ़ नहीं, और भी खतरे
ईमानदारी से कहूं तो रिपोर्ट में जो बातें हैं, वो सुनकर नींद उड़ जाए। global warming और खराब urban planning का नतीजा सिर्फ बाढ़ ही नहीं। heatwaves से लेकर water scarcity तक – problems की लिस्ट लंबी है। पर सवाल ये है कि क्या हम सच में सीखना चाहते हैं? या फिर हर साल मीडिया में breaking news देखकर ही संतुष्ट हो जाएंगे?
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com