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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके! 10 सेकंड तक कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता

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दिल्ली-एनसीआर में धरती ने फिर दिखाया अपना तेवर! 4.1 तीव्रता का झटका, लोगों के होश उड़ गए

सुबह के 9:04 बजे… वो पल जब दिल्ली-एनसीआर के लोगों को लगा जैसे कोई विशालकाय हाथ ज़मीन को हिला रहा हो। मेरे फोन पर तो एक साथ 5-6 मैसेज आ गए – “भाई, क्या तुमने भी महसूस किया?” असल में, रिक्टर स्केल पर 4.1 की तीव्रता वाला ये भूकंप महज 10 सेकंड तक रहा, लेकिन इतना तेज़ कि लोगों की नींद उड़ गई। और हैरानी की बात ये कि epicenter था हमारे बिल्कुल पास – फरीदाबाद से सिर्फ 30 किमी दूर!

अब सवाल यह है कि आखिर दिल्ली-एनसीआर इतना संवेदनशील क्यों? दरअसल, हम बैठे हैं जोन-4 पर, जहां भूकंप आना कोई नई बात नहीं। पिछले कुछ सालों में तो ये झटके बिल्कुल वैसे ही हो गए हैं जैसे दिल्ली की सर्दियों में कोहरा – थोड़ा-थोड़ा करके आता रहता है। मगर डरावनी बात ये है कि हिमालय की टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार खिसक रही हैं, और ये तनाव कभी भी बड़े भूकंप का कारण बन सकता है। सच कहूं तो, हम एक टाइम बम पर बैठे हैं।

आज का झटका तो पूरे एनसीआर ने महसूस किया – दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद… सब जगह एक जैसी हलचल। अच्छा हुआ कोई नुकसान नहीं हुआ, वरना सुबह-सुबह का ये हादसा किसी बड़ी त्रासदी में बदल सकता था। हालांकि, सावधानी के तौर पर मेट्रो सेवाएं थोड़ी देर के लिए रोक दी गईं। समझ आता है – सुरक्षा ही सबसे पहली प्राथमिकता है न!

इस घटना पर आपदा प्रबंधन वालों की प्रतिक्रिया काफी तेज़ रही। उनका कहना है, “हम पूरी तरह अलर्ट हैं।” वहीं आम लोगों के अनुभव सुनकर तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मेरे पड़ोसी राहुल ने बताया, “यार, मैं तो नहाने गया था, अचानक पूरा बाथरूम हिलने लगा! कपड़े पहनने का भी टाइम नहीं मिला।” भूकंप विशेषज्ञ डॉ. सिन्हा का कहना है कि ये सामान्य गतिविधि है, लेकिन… यहाँ एक बड़ा ‘लेकिन’ है – हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।

अब क्या? विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में और झटके आ सकते हैं। इसलिए:
– फर्नीचर को दीवार से बांध लें
– Emergency kit जरूर रखें (टॉर्च, पानी, दवाइयाँ)
– भारी सामान नीचे रखें
– सबसे जरूरी – घबराएं नहीं!

आज की ये घटना एक बार फिर याद दिला गई कि प्रकृति के सामने हम कितने छोटे हैं। कोई नुकसान नहीं हुआ, ये तो बस एक चेतावनी थी। अगली बार…? खैर, उम्मीद करते हैं कि अगली बार न आए! लेकिन तैयारी हमेशा रखनी चाहिए – क्योंकि जब धरती कांपेगी, तो पूछकर नहीं आएगी!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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