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देवघर हादसा: कांवड़ियों की बस से ट्रक टकराया, 18 श्रद्धालुओं की मौत, जल चढ़ाने आए थे

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देवघर हादसा: जब कांवड़ियों की बस से टकराया ट्रक, 18 लोगों की जान चली गई

मंगलवार की सुबह… वो भी सावन का पवित्र महीना… और फिर ये दर्दनाक हादसा। झारखंड के देवघर में हुई इस ट्रक-बस टक्कर ने सचमुच रोंगटे खड़े कर दिए। गोड्डा-देवघर रोड पर जमुनिया मोड़ के पास हुई इस भीषण दुर्घटना में 18 मासूम जिंदगियां चली गईं। और सबसे दुखद बात? ये सभी श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम में जल चढ़ाने जा रहे थे। सोचिए, कितनी उम्मीदों से निकले होंगे, और रास्ते में ही…?

कांवड़ यात्रा जो बन गई मौत की सवारी

अभी तो पूरा उत्तर भारत कांवड़ियों से गुलजार है। बैद्यनाथ धाम की बात ही कुछ और है – वहां तो भक्त गंगाजल लेकर पैदल ही चलते हैं। लेकिन इस बार… हादसे ने कुछ यात्रियों की कहानी वहीं खत्म कर दी। स्थानीय लोग कह रहे हैं – “यार, इस रास्ते पर तो अक्सर हादसे होते रहते हैं।” और सच भी है, सड़क सुरक्षा का क्या हाल है और भीड़ कितनी बेतरतीब – ये तो हम सब जानते हैं। पर क्या कभी सुधार होगा?

हादसे के बाद का वो दृश्य जो नहीं भूल पाएंगे

अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। और जो बचे हैं, उनमें से कई की हालत बेहद नाजुक है। अस्पताल वाले कह रहे हैं कि कुछ मरीजों को तुरंत रेफर करना पड़ा। पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को पकड़ तो लिया है… पर सवाल यह है कि क्या सिर्फ ड्राइवर को दोष देना काफी है? शुरुआती जांच में दो चीजें सामने आई हैं – ट्रक की रफ्तार ज्यादा थी और बस के ब्रेक फेल हो गए थे। पर क्या ये पूरी कहानी है?

राजनेताओं की बयानबाजी और जनता का गुस्सा

मुख्यमंत्री जी ने तो दुख जताया है, मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या मुआवजा दे देने से बात बन जाएगी? स्थानीय नेता सड़क सुरक्षा की बात कर रहे हैं, पर क्या ये सिर्फ मौका-परस्ती नहीं? वहीं पीड़ित परिवारों का गुस्सा देखिए – “प्रशासन को तो पहले से पता था कि कांवड़ यात्रा चल रही है, फिर भी इंतजाम क्यों नहीं किए?” सोशल मीडिया पर भी बवाल मचा हुआ है। लोग पूछ रहे हैं – “कब तक चलेगी ये लापरवाही?”

अब क्या होगा? सिर्फ वादे या कुछ ठोस?

प्रशासन ने तो कह दिया है कि सुरक्षा इंतजाम चाक-चौबंद किए जाएंगे। मुआवजे का ऐलान भी हो गया। पर असल सवाल ये है कि क्या अगले साल फिर ऐसा ही कुछ होगा? विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अब ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर सख्ती होगी। पर हम सब जानते हैं न, ये सब कितना हो पाता है। सच तो ये है कि ये हादसा सड़क सुरक्षा और धार्मिक यात्राओं के दौरान ट्रैफिक मैनेजमेंट की पोल खोलकर रख देता है।

18 परिवार टूट चुके हैं। और हम? हम सिर्फ शोक संदेश भेजकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं। सच पूछिए तो, ये हादसा हम सबके लिए एक आईना है। क्या हम वाकई अपने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं? या फिर अगले साल फिर ऐसी ही कोई खबर पढ़नी पड़ेगी? वक्त बताएगा… पर शायद तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।

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आखिर हुआ क्या था देवघर में?

सोचिए, सुबह-सुबह श्रद्धालु भक्ति के गीत गाते हुए बस में सवार थे, और अचानक… एक भयानक टक्कर। झारखंड के देवघर में कांवड़ यात्रा पर जा रही बस से ट्रक टकरा गया। नतीजा? 18 मासूम जिंदगियाँ चली गईं, कई घायल। ये सभी बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाने जा रहे थे। बेहद दुखद।

ये हादसा हुआ कहाँ था?

जगह थी झारखंड का देवघर। वही देवघर जो बाबा बैद्यनाथ धाम के लिए मशहूर है। सावन के महीने में तो यहाँ कांवड़ियों का ताँता लगा रहता है। पर इस बार खबर अच्छी नहीं लेकर आई।

समझिए कांवड़ यात्रा का महत्व

असल में देखा जाए तो कांवड़ यात्रा सावन में शिवभक्तों की एक अनोखी परंपरा है। कल्पना कीजिए – पैदल चलकर गंगाजल लाना, फिर उसे शिवलिंग पर चढ़ाना। खास बात? उत्तर भारत में तो यह परंपरा बेहद popular है। क्या आप जानते हैं कुछ लोग तो 100-150 किलोमीटर तक पैदल चलते हैं?

हादसे के बाद सरकार ने क्या किया?

तुरंत action लिया गया। सबसे पहले घायलों को nearest hospital पहुँचाया गया। मृतकों के परिवारों को मुआवजे का ऐलान हुआ। पर सवाल यह है कि क्या सिर्फ मुआवजा काफी है? अब सरकार कह रही है कि सड़क सुरक्षा guidelines और strict होंगी। लेकिन क्या ये दुर्घटनाएँ रुक पाएँगी? वक्त बताएगा।

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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