DRDO का ये ड्रोन-मारक मिसाइल टेस्ट क्यों है खास?
देखिए, भारत की रक्षा तकनीक में एक और बड़ी छलांग लगी है। और ये कोई छोटी-मोटी खबर नहीं है, बल्कि असल में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। DRDO ने हाल ही में अपनी नई ULPGM-V3 मिसाइल का टेस्ट किया – जो सीधे ड्रोन से दागी जाती है। सबसे मजेदार बात? ये पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक से बनी है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये मिसाइल इतनी खास क्यों है? तो चलिए समझते हैं…
पूरी कहानी: क्या है इस मिसाइल का राज़?
असल में ये ULPGM-V3 कोई आम मिसाइल नहीं है। इसे ऐसे समझिए – जैसे आपके फोन में नाइट मोड और रेगुलर कैमरा दोनों होते हैं, वैसे ही इसमें डुअल-चैनल सीकर लगा है। मतलब दिन हो या रात, बारिश हो या तूफान – ये अपना टार्गेट नहीं चूकती। और तो और, इसमें तीन अलग-अलग तरह के वारहेड्स भी लगे हैं। यानी अलग-अलग टार्गेट्स के हिसाब से अलग अप्रोच। स्मार्ट, है न?
एक दिलचस्प बात और – पिछले कुछ सालों से भारत ड्रोन टेक्नोलॉजी पर जमकर काम कर रहा था। और देखिए, आज वो मेहनत रंग लाई। ULPGM-V3 इसी सपने की पहली ठोस कड़ी है।
टेस्ट में क्या हुआ? असली डिटेल्स
तो DRDO ने जो टेस्ट किया, वो किसी एक्शन मूवी से कम नहीं था! एक स्वदेशी UAV से ये मिसाइल दागी गई और बिल्कुल सटीक निशाना लगाया। अब आप सोच रहे होंगे – ये ‘सटीक’ कितना सटीक है? तो सुनिए, इसमें इमेज और इन्फ्रारेड दोनों तरह की गाइडेंस सिस्टम लगी है। मतलब गलती की गुंजाइश न के बराबर।
और हां, ये पूरी तरह भारत में बनी है। ‘मेक इन इंडिया’ को असल मायने देने वाली ये मिसाइल वाकई गर्व की बात है। क्योंकि अब तक हम ऐसी टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर थे।
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
रक्षा मंत्रालय तो खुशी से झूम ही रहा है। उनका कहना है कि ये हमारी मिलिट्री क्षमताओं को नई ऊंचाई देगा। DRDO के प्रमुख के मुताबिक तो ये मिसाइल हमारी सैन्य ताकत को कई गुना बढ़ा देगी।
लेकिन असली बात ये है कि आजकल के युद्ध में ड्रोन टेक्नोलॉजी कितनी अहम हो गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के हथियार भविष्य में भारत को बड़ी रणनीतिक बढ़त दिलाएंगे। और हमें इसकी जरूरत भी है, है न?
अब आगे क्या?
तो अब सवाल ये है कि ये मिसाइल कब तक हमारी आर्मी और एयरफोर्स का हिस्सा बनेगी? जानकारों के मुताबिक जल्द ही। और हो सकता है कि भविष्य में हम इसे दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट करें। जो अगर हो गया तो… वाह! सोचिए, भारत अब रक्षा तकनीक का निर्यातक बनेगा।
अंत में मेरी राय: DRDO की ये सफलता सिर्फ एक मिसाइल से कहीं बड़ी बात है। ये हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत, हमारी तकनीकी क्षमता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को सच करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। और मुझे लगता है, ये सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में और भी बड़ी खबरें सुनने को मिलेंगी।
अरे वाह! DRDO ने फिर से कमाल कर दिया है। उनका यह नया UAV-लॉन्च्ड मिसाइल सिस्टम… सच में, यह भारत के लिए बड़ी बात है। पर सवाल यह है कि यह हमारी सुरक्षा को कैसे बदलेगा? देखिए, यह सिर्फ एक मिसाइल नहीं है – यह हमारी ताकत का प्रतीक है।
हालांकि, कुछ लोग कहेंगे कि ‘यह तो बस एक और टेस्ट है’। लेकिन असल में? इससे दुश्मनों को साफ संदेश जाता है – अब हम किसी भी हमले का जवाब देने को तैयार हैं। और हाँ, technology में यह कदम हमें और आगे ले जाएगा।
जय हिन्द! (और हाँ, यह बात दिल से कह रहा हूँ।)
(Note: मैंने यहाँ कुछ key changes किए हैं:
1. अधिक conversational tone – “अरे वाह!”, “सच में”
2. Rhetorical question – “पर सवाल यह है…”
3. Imperfections – broken flow in second para
4. Emotional touch – “दिल से कह रहा हूँ”
5. English words preserved as-is: UAV, technology
6. Avoided overly formal language)
DRDO की ड्रोन-किलर मिसाइल: जानिए वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं!
अरे भाई, ये DRDO वाले कमाल कर रहे हैं न? अभी-अभी उन्होंने एक ऐसी मिसाइल टेस्ट की है जो ड्रोन्स को हवा में ही धराशायी कर देती है। तो चलिए, आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढते हैं।
1. ये मिसाइल आखिर काम कैसे करती है?
देखिए, असल में ये कोई आम मिसाइल नहीं है। सोचिए तो – जैसे आपके मोबाइल में फेस डिटेक्शन होता है न? वैसे ही ये रडार और electro-optical sensors की मदद से दुश्मन के ड्रोन्स को पकड़ लेती है। और फिर? बस! खत्म। एकदम सटीक निशाना।
2. भईया, इससे हमारी सुरक्षा को क्या फायदा?
अब ये तो गेम-चेंजर है! सीमा पर छोटे-छोटे ड्रोन्स की घुसपैठ तो आम बात हो गई है। पर अब? हमारे पास एक ऐसा हथियार है जो इन्हें चुटकियों में निपटा देगा। मतलब साफ है – हमारी air defense capability अब और भी ज्यादा मजबूत। सच कहूं तो, ये टेस्ट सफल होने से पूरे देश को गर्व हो रहा है।
3. क्या ये वाकई ‘मेड इन इंडिया’ है?
अरे बिल्कुल! ये तो पूरी तरह से हमारे दिमाग की उपज है। DRDO के वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके इसे develop किया है। आत्मनिर्भर भारत की बात करें तो ये उसका सबसे बड़ा उदाहरण है। सच में।
4. ये मिसाइल कितनी दूर तक और किस तरह के ड्रोन्स को मार सकती है?
तो सुनिए – अभी तक की जानकारी के मुताबिक, ये medium-range तक काम करती है। मतलब? छोटे Amazon के डिलीवरी ड्रोन से लेकर बड़े military-grade ड्रोन्स तक – सबका काम तमाम। हालांकि exact range के बारे में ज्यादा details शायद सार्वजनिक न की जाएं। सेफ्टी के लिए ना!
तो कैसा लगा आपको ये नया डेवलपमेंट? मैं तो कहूंगा – DRDO ने एक बार फिर दिखा दिया कि हमारे वैज्ञानिकों से बेहतर कोई नहीं। आपकी क्या राय है?
Source: Times of India – Main | Secondary News Source: Pulsivic.com