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“EC को नागरिकता साबित करने का अधिकार? बिहार SIR पर विपक्ष का केंद्र पर हमला!”

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EC को नागरिकता साबित करने का अधिकार? बिहार SIR पर विपक्ष का केंद्र पर हमला!

अरे भई, बिहार में तो हालात गरम हैं! चुनाव आयोग (EC) ने कुछ लोगों से नागरिकता के सबूत मांगे और बस… विपक्ष आग बबूला हो गया। सच कहूं तो, ये मामला उतना सीधा नहीं जितना लगता। एक तरफ तो EC अपना काम कर रही है, दूसरी तरफ विपक्षी दलों को लग रहा है कि ये “आम नागरिकों को परेशान करने वाला” कदम है। और देखिए न, ये सारा विवाद बिहार की वो Special Intelligence Report (SIR) से शुरू हुआ है – जिसने राजनीति में नया मसाला डाल दिया है।

असल में बात ये है कि बिहार में पिछले कुछ महीनों से सीमा वाले इलाकों में “अवैध नागरिकता” को लेकर चर्चाएं चल रही थीं। अब राज्य सरकार की ये SIR रिपोर्ट आई, जिसमें कुछ संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी थी। EC ने इसी के आधार पर कुछ लोगों से दस्तावेज मांगे – और फिर क्या? राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। सच में, ये भारत जैसे लोकतंत्र में एक नाजुक मुद्दा है।

अब तक की कहानी ये है कि EC ने 500 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेज दिए हैं। और विपक्ष? पूरा युद्धस्तर पर उतर आया है! RJD, कांग्रेस और Left पार्टियां सड़कों पर हैं, इसे “लोकतंत्र पर हमला” बता रही हैं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है – “भई, ये तो EC का अपना फैसला है, हमारा इसमें कुछ नहीं।” पर सवाल ये है कि क्या सच में ऐसा है? राजनीति में कुछ भी सीधा-साधा नहीं होता, है न?

अब अलग-अलग लोग क्या कह रहे हैं, सुनिए: तेजस्वी यादव तो बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में आरोप लगा रहे हैं – “ये BJP की साजिश है!” दूसरी तरफ BJP वाले गंभीर होकर कह रहे हैं कि “EC संवैधानिक संस्था है, उसका फैसला मानना चाहिए।” और मानवाधिकार वालों की चिंता भी समझ आती है – बिना मजबूत सबूत के लोगों को परेशान करना ठीक नहीं। पर सच क्या है? शायद वक्त ही बताएगा।

तो अब क्या होगा? देखिए, अगर नोटिस का जवाब नहीं दिया तो EC कानूनी कार्रवाई कर सकती है। विपक्ष तो पूरी तैयारी में है – संसद से लेकर सड़कों तक ये मुद्दा उठाने को। कुछ विश्लेषक तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर हालात और बिगड़े तो ये मामला कोर्ट तक पहुंच सकता है। बड़ा दिलचस्प होगा!

अंत में बात ये है कि ये पूरा मामला नागरिकता और सरकारी अधिकारों के बीच की उस पतली रेखा को दिखाता है, जिस पर चलना इतना आसान नहीं। और हां, बिहार की राजनीति पर इसका असर लंबे समय तक दिखेगा – खासकर अगले चुनावों में। क्योंकि राजनीति में तो हर छोटी सी चिंगारी भी बड़ा आग बन सकती है। है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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