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ED अधिकारी कपिल राज: केजरीवाल और हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने वाले ऑफिसर की पूरी कहानी

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ED अधिकारी कपिल राज की कहानी: जिसने केजरीवाल और हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया, अब खुद ने दिया इस्तीफा!

अरे भई, ये क्या हुआ? ED के वरिष्ठ अधिकारी कपिल राज, जिनके नाम से बड़े-बड़े नेता कांपते थे, उन्होंने अचानक इस्तीफा दे दिया! सच कहूं तो मुझे भी यकीन नहीं हो रहा। ये वही शख्स हैं जिन्होंने अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन जैसे दिग्गजों को हाथकड़ी लगाई थी। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो ये ‘टाइगर’ अफसर पद छोड़ने पर मजबूर हो गया? राजनीति के गलियारों में तो इसकी चर्चा से हंगामा मच गया है।

कौन हैं ये कपिल राज?

देखिए, UPSC क्लियर करना कोई मामूली बात तो है नहीं। और इसी के दम पर कपिल राज ने IRS में एंट्री ली। लेकिन असल मजा तो तब आया जब ये ED में पहुंचे। इन्होंने जितने भी केस हैंडल किए – दिल्ली का शराब घोटाला हो या झारखंड का जमीन स्कैम – हर जगह इनकी सख्त छवि बनी। सच बताऊं? ऐसे अफसर आजकल कम ही दिखते हैं जो ‘सिस्टम’ के दबाव में नहीं आते।

जब ये हीरो बने ‘विलेन’

याद है न वो वाकया जब केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया? पूरे देश की नजरें इसी कपिल राज पर थीं। और फिर हेमंत सोरेन वाला मामला… बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में! पर सच तो ये है कि इतने बड़े-बड़े नेताओं को टारगेट करने के बाद इनका जीवन आसान नहीं रहा होगा। क्या पता, शायद यही वजह रही हो इस्तीफे की?

इस्तीफे का राज… या रहस्य?

अब ये तो कोई नहीं जानता कि आखिर क्यों दिया इस्तीफा। कोई कह रहा है तबादले का डर, कोई कह रहा है व्यक्तिगत कारण। मजे की बात ये कि सरकार की तरफ से अभी तक कोई क्लैरिटी नहीं मिली। ऐसा लगता है जैसे कोई थ्रिलर फिल्म चल रही हो जिसका अंत अभी तक किसी को पता नहीं!

राजनीति का पेंच या सिस्टम की खामी?

देखा जाए तो हर पार्टी अपना-अपना राग अलाप रही है। AAP वाले कह रहे हैं – “दबाव का शिकार हुए”, BJP वाले बोल रहे हैं – “रूटीन मामला है”। सोशल मीडिया पर तो जैसे माहौल गरमा गया है! एक तरफ जहां लोग इनकी ईमानदारी की दाद दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग सवाल कर रहे हैं – “क्या ये सरकार से नाराजगी का इशारा है?”

अब आगे क्या?

असल में सवाल ये है कि अब ED की जांच टीम का क्या होगा? और कपिल राज… क्या ये कोई बड़ा खुलासा करेंगे? या फिर सब कुछ छोड़कर शांत जीवन जीने का फैसला? एक बात तो तय है – ये केस भारतीय नौकरशाही के इतिहास में एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है।

सच कहूं तो, ये सिर्फ एक अफसर का इस्तीफा नहीं है। ये तो हमारे पूरे सिस्टम पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर देता है। क्या वाकई ईमानदार अफसरों के लिए इस देश में कोई जगह नहीं? या फिर ये सिर्फ एक और राजनीतिक चाल है? वक्त ही बताएगा…

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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