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फौजा सिंह हत्यारा गिरफ्तार: फॉच्यूनर से टक्कर के बाद था फरार

फौजा सिंह हत्यारा गिरफ्तार: जब Fortuner ने छीन ली एक जिंदादिल इंसान की जान

सच कहूं तो आज सुबह जब यह खबर पढ़ी, तो दिल बैठ गया। पंजाब के मशहूर 114 साल के युवा दिल फौजा सिंह… हां, ‘युवा दिल’ कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि उम्र के इस पड़ाव पर भी जो जोश उनमें था, वो हममें से ज्यादातर में नहीं! और अब? एक लापरवाह ड्राइवर की Fortuner ने उनकी जिंदगी का अंतिम चैप्टर लिख दिया। पुलिस ने आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों को पकड़ लिया है, जो टक्कर मारने के बाद भाग निकला था। सच में, ये केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि हमारी सिस्टम की विफलता का सबूत है।

एक ऐसा हीरो जिसने उम्र को हरा दिया था

फौजा सिंह सिर्फ नाम नहीं, एक फिलॉसफी थे। सोचिए, 100 साल की उम्र में मैराथन दौड़ना? हम तो 30 की उम्र में सीढ़ियां चढ़ते ही हांफने लगते हैं! उन्होंने साबित कर दिया था कि उम्र महज एक नंबर है। लेकिन 22 जुलाई की वो सुबह… जालंधर की सड़क पर नियमित सैर के दौरान एक तेज रफ्तार Fortuner ने उनकी जिंदगी का गाना बंद कर दिया। और सबसे दुखद? ड्राइवर ने तो बस देखा और भाग लिया। क्या यही है हमारी मानवता?

CCTV और मोबाइल डेटा ने पकड़वाया आरोपी

अच्छी बात ये रही कि पुलिस ने इस बार ढिल्लों को पकड़ने में देर नहीं की। CCTV footage, गवाह, कार का registration details… टेक्नोलॉजी ने अपना काम किया। पर सवाल ये है कि क्या सजा मिलेगी? IPC की धारा 304A (लापरवाही से मौत) के तहत केस दर्ज हुआ है, लेकिन हम सब जानते हैं ऐसे मामलों में क्या होता है। अगर ढिल्लों ने तुरंत मदद बुलाई होती, शायद फौजा सिंह आज भी हमारे बीच होते। लेकिन नहीं… भागना ज्यादा आसान लगा होगा।

परिवार का दर्द और समाज का सवाल

फौजा सिंह के परिवार का दर्द शब्दों से बाहर है। उनका सीधा सा सवाल – “भागने से क्या मिलता है?” स्थानीय नेता रमनदीप सिंह ने सड़क सुरक्षा कानूनों की बात तो की, पर हम सब जानते हैं ये बयानबाजी कहां तक पहुंचती है। एसपी हरप्रीत सिंह ने कोर्ट में जल्द सुनवाई का वादा किया है। देखते हैं न्याय कितनी जल्दी मिलता है… या फिर फाइलों में ही दफन हो जाता है।

अब क्या? सिर्फ इंतजार…

अब पुलिस सबूत जुटा रही है। परिवार न्याय और मुआवजे की मांग करेगा। मीडिया कुछ दिन और हल्ला मचाएगा। फिर? फिर सब नॉर्मल। नए केस आएंगे, ये केस फाइलों में धूल खाएगा। फौजा सिंह जैसे हीरो को हमने इस तरह खोया, ये सिर्फ एक परिवार का नहीं, पूरे देश का नुकसान है। और हां… अगली बार जब सड़क पर गाड़ी चलाएं, तो याद रखिएगा – हर पैदल चलने वाला किसी का फौजा सिंह हो सकता है।

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फौजा सिंह हत्याकांड का मामला तो काफी चर्चा में रहा था, और अब खबर ये है कि आरोपी आखिरकार पुलिस के हाथ लग ही गया। वो भी तब, जब सबको लग रहा था कि ये Fortuner वाला केस ठंडे बस्ते में चला जाएगा। लेकिन देखा जाए तो पुलिस वालों ने कमाल की मेहनत की है – सच में, इनकी सूझबूझ की तारीफ करनी पड़ेगी।

अब सवाल ये उठता है कि इससे क्या सीख मिलती है? एक तो ये कि चाहे कितनी भी देर हो जाए, गुनहगारों को न्याय के सामने झुकना ही पड़ता है। और दूसरा… असल में ये केस साबित करता है कि हमारी पुलिस जब ठान ले तो क्या नहीं कर सकती।

सबसे अच्छी बात? पीड़ित परिवार को तो न्याय मिला ही, साथ ही समाज में ये संदेश भी गया कि कानून से खिलवाड़ करने वालों का अंजाम एक जैसा ही होता है। बस, अब देखना ये है कि न्यायिक प्रक्रिया कितनी तेजी से आगे बढ़ती है।

फौजा सिंह हत्यारा गिरफ्तार: सारे सवाल, सारे जवाब

फौजा सिंह कौन है? और क्यों है चर्चा में?

देखिए, फौजा सिंह वो शख्स है जिसने एक Fortuner से टक्कर मारकर न सिर्फ एक जान ली बल्कि खुद भी भाग खड़ा हुआ। सीधे शब्दों में कहें तो – हत्या और हिट-एंड-रन दोनों के आरोपी। बुरी बात ये है कि ऐसे केस में भागना तो और भी बड़ा जुर्म है, है न?

आखिरकार पकड़ा कैसे गया ये फौजा सिंह?

असल में पुलिस की टीम लगातार उसके पीछे लगी हुई थी। कुछ सूत्रों के मुताबिक, वो किसी दूरदराज के गाँव में छुपा हुआ था। और हाँ, उसके खिलाफ पहले से ही नॉन-बेल वारंट जारी था – मतलब सीधा जेल जाना तय था।

वो भीषण हादसा कब और कहाँ हुआ था?

याद कीजिए पिछले महीने की [तारीख] की बात… [शहर/जगह का नाम] में हुई इस टक्कर ने एक निर्दोष की जान ले ली। और फौजा? वो तो सीन-ऑफ-क्राइम से गायब हो गया। क्या आप मानेंगे कि ऐसा करके वो और भी बड़ा अपराधी बन गया?

अब आगे क्या? केस की क्या स्थिति है?

फिलहाल तो फौजा जेल में है। कोर्ट की कार्यवाही चल रही है। पुलिस फॉरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयान जुटा रही है। मेरे ख्याल से अगले 15-20 दिनों में चार्जशीट फाइल हो जाएगी। पर सच कहूँ तो, ऐसे केस में सजा मिलने में सालों लग सकते हैं। हमारी ज्यूडिशियल सिस्टम की स्पीड तो आप जानते ही हैं!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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