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“लड़कियों सावधान! रात की पार्टी में जाने से पहले पढ़ें पुलिस की यह चेतावनी, वरना…”

लड़कियों, सुनो जरा! रात की पार्टी का प्लान बना रही हो तो पहले ये पुलिस वाली बात जान लो…

अहमदाबाद की सड़कों पर लगे ये नए पोस्टर देखे हैं आपने? गुजरात पुलिस ने कुछ ऐसा किया है जिसने फिर से वही पुरानी बहस छेड़ दी है – कि महिलाओं की सुरक्षा और उनकी आजादी के बीच की लकीर कहाँ खींचें? ये पोस्टर, जिनमें लड़कियों को रात की पार्टियों के लिए ‘सावधानी’ बरतने को कहा गया है, अभी सोशल मीडिया पर तूफान ला रहे हैं। पुलिस का कहना है कि ये सिर्फ जागरूकता है, पर सच कहूँ तो बहुत से लोग इसे शुद्ध victim blaming बता रहे हैं।

अब गुजरात को तो हमेशा से महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता रहा है न? पर पिछले कुछ सालों में यहाँ crimes के आँकड़े थोड़े बढ़े हैं। पुलिस कहती है कि ये पहल crime prevention के लिए है… लेकिन सवाल ये है कि क्या तरीका सही है? एक तरफ तो safety की बात, दूसरी तरफ ये feeling कि लड़कियों को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है?

पोस्टर पर लिखा है वैसे तो बड़ा सीधा सा मैसेज: “लड़कियों, रात की पार्टी में जाने से पहले सोच लो, नहीं तो…”। साथ में वो सब usual tips – अंधेरी जगहों पर अकेले मत जाओ, अनजान लोगों से ज्यादा मत घुलो-मिलो, और हाँ alcohol के साथ समझदारी से पेश आओ। पुलिस इसे guidelines बता रही है, पर क्या आपको नहीं लगता कि ये थोड़ा… preachy लगता है? वो भी तब, जबकि महिला संगठन इसे moral policing का नया तरीका बता रहे हैं।

अब देखिए, reactions तो किसी भी Indian family के dinner table जैसे हैं – बिल्कुल divided! पुलिस वाले कह रहे हैं “हम तो बस aware कर रहे हैं भई, freedom पर रोक थोड़े न लगा रहे!” वहीं एक्टिविस्ट्स का साफ कहना है “ये तो खुला intimidation है। अपराधियों पर focus करो, हमारे outfit choices पर नहीं!” और एक कॉलेज की लड़की ने तो बड़ी सही बात कही – “पार्टी करना हमारा right है, पर साथ ही पुलिस को public spaces को safe बनाने के better arrangements भी तो करने चाहिए न?”

अब आगे क्या? पुलिस कहती है वो feedback ले रही है। कुछ NGOs तो पोस्टर हटाने की demand कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगों को लगता है कि safety tips देने में क्या बुराई है। देखते हैं आने वाले दिनों में पुलिस अपने stand पर कायम रहती है या कोई नया रास्ता निकालती है।

ये पूरा मामला असल में एक बड़ा सवाल उठाता है – क्या हम महिलाओं को safe रखने के नाम पर उन्हें घर में बंद कर दें? या फिर असली समाधान है अपराधियों को सबक सिखाना और policing को improve करना? ये debate तो पूरे देश की है, सिर्फ गुजरात की नहीं। और सच कहूँ तो… जब तक हम इसका सही जवाब नहीं ढूंढ लेते, ऐसे controversies तो चलते ही रहेंगे।

लड़कियों के लिए Night Party Safety – जानिए कैसे रहें सुरक्षित

आजकल night parties का मज़ा लेना तो हर किसी को पसंद है, लेकिन सुरक्षा का सवाल अक्सर दिमाग में कचोटता रहता है। खासकर लड़कियों के लिए। तो चलिए, बात करते हैं कुछ practical tips की जो real life में काम आएंगी।

1. पुलिस की चेतावनी – सिर्फ फॉर्मैलिटी नहीं, ज़रूरी है!

देखिए, पुलिस वाले तो हमेशा ही कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। लेकिन इन बातों को हल्के में लेना ठीक नहीं। असल में, location share करना उतना ही ज़रूरी है जितना घर से निकलते वक्त मोबाइल चेक करना। और हां, drinks का मामला… अरे भई, यहां तो बिल्कुल भी लापरवाही नहीं चलेगी! Unknown लोग? उनसे तो वैसे भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए – party हो या न हो।

2. अगर महसूस हो discomfort? तुरंत एक्शन लें!

यहां ‘wait and watch’ वाला approach बिल्कुल नहीं चलेगा। ईमानदारी से कहूं तो अगर gut feeling कुछ गलत बता रही है, तो 99% cases में वो सही ही होती है। तो क्या करें? सीधा अपने दोस्तों को बताएं। Organizers को inform करें। और अगर स्थिति गंभीर लगे तो 100 पर call करने में एक सेकंड भी न गंवाएं। वैसे, safety apps तो आजकल must-have हैं ही।

3. Solo party? बिल्कुल नहीं!

सुनकर थोड़ा सख्त लग सकता है, लेकिन सच तो यही है कि अकेले जाना risky हो सकता है। हालांकि मैं समझ सकती हूं कि कभी-कभी friends available नहीं होते। तो अगर solo ही जाना पड़े तो? पहले से plan बना लें – किसी को बता दें कि कहां जा रही हैं, कब तक रहेंगी। और हो सके तो check-in messages भेजती रहें। थोड़ा extra cautious होने में हर्ज ही क्या है?

4. Late night वापसी – यहां लापरवाही नहीं!

अब ये तो golden rule है – verified cabs ही लें। Ola/Uber में भी driver का details share कर दें। Live location? वो तो हमेशा on ही रहना चाहिए। और सुनिए, अंधेरे रास्ते? भूलकर भी नहीं! अगर थोड़ा लंबा चक्कर लगाना पड़े तो लगा लें, लेकिन safe route ही चुनें। सच कहूं तो ये सारे precautions लेने में ज्यादा समय भी नहीं लगता, बस आदत डालने की देर है।

अंत में बस इतना ही – मज़ा करो, लेकिन smartly! थोड़ी सी सावधानी आपको बड़ी मुसीबत से बचा सकती है। है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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