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“ग्रेजुएट रिक्शावाले का अनोखा सफर: ई-रिक्शा से इंस्टाग्राम-यूट्यूब स्टार तक!”

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ग्रेजुएट रिक्शावाले की कहानी: जब एक ई-रिक्शा चालक बन गया इंस्टाग्राम-यूट्यूब स्टार!

दिल्ली की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर ई-रिक्शा चलाते हुए एक लड़का… सुनने में तो ये आम सी बात लगती है ना? लेकिन इस लड़के की कहानी ने पूरे देश का ध्यान खींच लिया है। सुमित, जो एक बिल्कुल साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनका ई-रिक्शा उन्हें सोशल मीडिया स्टार बना देगा। असल में, ये कहानी है संघर्ष की, हिम्मत की और वो जुनून जो इंसान को आगे बढ़ने पर मजबूर कर देता है।

जब ज़िंदगी ने दिया अचानक मोड़

सुमित की कहानी तो हम सब जैसी ही शुरू होती है। पढ़ाई पूरी की, घर वालों को खुश करने की कोशिश की। लेकिन ज़िंदगी का एक ऐसा मोड़ आया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उनके पिता जी एक्सीडेंट का शिकार हो गए। और फिर? फिर तो जैसे पूरे परिवार की जिम्मेदारी अचानक इस नौजवान के कंधों पर आ गिरी।

यहाँ से दिलचस्प बात शुरू होती है। जब सुमित ने ई-रिक्शा चलाना शुरू किया, तो लोगों की प्रतिक्रिया… है ना मज़ेदार? “अरे ये तो ग्रेजुएट रिक्शावाला है!” जैसे ताने सुनने को मिले। लेकिन सच कहूँ तो, सुमित ने इन्हीं तानों को अपनी ताकत बना लिया। उन्होंने सोचा – “क्यों न इसी पहचान को अपना ब्रांड बना लिया जाए?” और बस फिर क्या था…

सोशल मीडिया का जादू

अब ये बात तो आप भी जानते हैं कि आजकल किसी भी चीज़ को viral होने में कितना वक्त लगता है? सुमित ने बस अपने रोज़मर्रा के काम को कैमरे में कैद करना शुरू किया। उनके वीडियोज़ में थी ईमानदारी, थी मेहनत, और सबसे खास – एक ऐसा ह्यूमर जो दिल छू लेता था। देखते ही देखते उनके इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फॉलोअर्स की संख्या आसमान छूने लगी।

और अब? अब तो स्थिति ये है कि ब्रांड्स खुद उनके पास पहुँच रहे हैं। सुमित का कहना बिल्कुल सही है – “लोग हँसते रहे, मैं काम करता रहा। आज मैं गर्व से कहता हूँ – हाँ, मैं हूँ ग्रेजुएट रिक्शावाला!” सच में, ये बात दिल को छू जाती है।

क्या है उनकी सफलता का राज़?

मैंने कई सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स से बात की तो एक बात सामने आई – authenticity। जी हाँ, सुमित के कंटेंट में वही असलीपन है जो आज के दौर में दुर्लभ होता जा रहा है। एक एक्सपर्ट ने तो यहाँ तक कहा – “ये लड़का सिखा रहा है कि real होना ही सबसे बड़ा USP है।” और उनके फैंस? उनका तो कहना ही क्या! एक फैन ने मुझे बताया – “सुमित भाई ने दिखा दिया कि सपने देखने और पूरे करने की कोई उम्र नहीं होती।”

आगे का सफर

अब सुमित कहाँ रुकने वाले हैं! वो तो अब डिजिटल कंटेंट क्रिएटर बन चुके हैं। युवाओं को मोटिवेट करने से लेकर सोशल मीडिया पर गाइडेंस देने तक – उनकी योजनाओं की लिस्ट काफी लंबी है। और सबसे खास बात? उनकी इस कहानी ने कितने ही और सुमितों को हिम्मत दी है अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाने की।

सच कहूँ तो, सुमित की ये कहानी साबित करती है कि भारत की सड़कों पर चलते हुए ई-रिक्शे में भी सपने बसते हैं। बस जरूरत है तो उन्हें पहचानने की और उन पर काम करने की हिम्मत की। क्या आपको नहीं लगता कि ऐसी कहानियाँ हम सभी के लिए प्रेरणा हैं?

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1. इस ग्रेजुएट रिक्शावाले की कहानी क्या है?

देखिए, ये कहानी तो किसी बॉलीवुड फिल्म जैसी लगती है, है न? एक आम लड़का जिसने ग्रेजुएशन की, फिर जब नौकरी नहीं मिली तो ई-रिक्शा चलाने लगा। लेकिन यहीं से twist आता है – इसी रिक्शे वाले ने Instagram और YouTube पर अपनी जिंदगी की असली कहानी बताकर लाखों लोगों को हैरान कर दिया। सच कहूं तो, इससे ज्यादा real और inspiring कहानी शायद ही मिले!

2. उसने ई-रिक्शा चलाने से social media star तक का सफर कैसे तय किया?

असल में बात ये है कि वो बस अपना काम करता रहा – रोज 10-12 घंटे रिक्शा चलाता, और फिर जब थोड़ा समय मिलता तो अपने फोन से वीडियो बनाता। कोई खास planning नहीं थी, बस दिल की बात कह दी। और यही तो चीज लोगों को पसंद आई! उसके वीडियो में वो fake नहीं था – पसीने से लथपथ शर्ट, थकान भरी आँखें, लेकिन हमेशा मुस्कुराता चेहरा। ऐसा लगता था जैसे हमारा ही कोई दोस्त अपनी कहानी सुना रहा हो।

3. क्या उसने पढ़ाई पूरी करने के बाद सीधे social media पर काम शुरू किया?

अरे नहीं भाई! सच तो ये है कि हमारे देश में हर साल हजारों ग्रेजुएट ऐसे ही होते हैं – डिग्री तो है, लेकिन नौकरी नहीं। उसने भी महीनों तक कोशिश की, interview दिए, लेकिन कहीं नहीं लगा। तो क्या करता? घर बैठे रोता रहे? उसने तो हिम्मत दिखाई और ई-रिक्शा ले लिया। और यही तो खूबसूरती है इस कहानी की – जब एक दरवाजा बंद होता है, तो खिड़की खोलने का हौसला होना चाहिए।

4. इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

सुनिए, मैं इसे ऐसे समझता हूँ – आज के दौर में success का मतलब बिल्कुल बदल गया है। पहले लोग सोचते थे कि अच्छी नौकरी = सफलता। लेकिन ये कहानी हमें बताती है कि असली सफलता तो अपने हुनर को पहचानने में है। चाहे वो रिक्शा चलाना हो या वीडियो बनाना। और सबसे बड़ी बात? लोगों से जुड़ना। जब आप real होते हैं, तो लोग automatically आपसे connect कर लेते हैं। एकदम सच्ची बात!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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