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“तुर्किये पर ‘निर्भय’ मिसाइल का खतरा! भारत-ग्रीस डिफेंस डील से कैसे बदलेगा युद्ध का समीकरण?”

तुर्किये के लिए ‘निर्भय’ मिसाइल कितना बड़ा खतरा? और भारत-ग्रीस डील से युद्ध के नियम बदलने वाले हैं?

देखिए न, भारत और तुर्किये के बीच का तनाव अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियाँ बटोर रहा है। और वजह? तुर्किये का पाकिस्तान को खुलकर सैन्य समर्थन देना। अब आप ही बताइए, भारत इसे अपनी सुरक्षा के लिए चुनौती के रूप में क्यों न देखे? इसी बीच एक बम्पर खबर आई है – भारत ग्रीस को अपनी ‘निर्भय’ क्रूज़ मिसाइलें बेचने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। अगर यह डील पक्की हो गई तो… बस! न केवल भारत-तुर्किये रिश्तों में भूचाल आएगा, बल्कि भूमध्यसागर में ग्रीस और तुर्किये के बीच का पुराना तनाव भी नए मोड़ पर पहुँच जाएगा।

पूरा माजरा क्या है?

असल में बात यह है कि भारत और तुर्किये के बीच की खटास कोई नई बात नहीं। तुर्किये ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का जमकर साथ दिया है – और सिर्फ बयानबाजी नहीं, सैन्य मदद भी। जाहिर है, भारत को यह रास नहीं आया। वहीं दूसरी तरफ, ग्रीस और तुर्किये तो सदियों से भूमध्यसागर में सीमा और तेल-गैस को लेकर लड़ रहे हैं। ऐसे में भारत का ग्रीस के साथ हाथ मिलाना… समझदारी भरा कदम लगता है न? ‘निर्भय’ मिसाइल डील तो जैसे इस रणनीति का चेरी ऑन द केक होगी!

‘निर्भय’ डील का सच – क्या है पूरा मामला?

ताजा अपडेट यह है कि भारत और ग्रीस ‘निर्भय’ मिसाइलों की डील पर गंभीरता से बात कर रहे हैं। ये मिसाइलें… वाह! 1,000 किलोमीटर तक मार करने वाली हैं। सोचिए, ग्रीस की सैन्य ताकत में कितना बड़ा उछाल आएगा। लेकिन तुर्किये की नींद तो अब उड़ चुकी है। उनका कहना है कि यह डील “पूरे region में असंतुलन पैदा करेगी”। मजे की बात यह कि तुर्किये खुद पाकिस्तान को हथियार बेचता है – फिर यह चिंता क्यों?

कौन क्या बोला?

सभी पक्षों ने अपनी-अपनी राय रख दी है। भारत का कहना है – “यह हमारी strategic autonomy का हिस्सा है, बस।” तुर्किये ने गुस्से में कहा – “भारत को region के संतुलन के बारे में सोचना चाहिए।” जबकि ग्रीस तो मानो खुशी से झूम उठा है! उनके रक्षा मंत्री ने कहा – “यह हमारी सुरक्षा को नई ताकत देगा।” सच कहूँ तो, हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है।

आगे क्या? 5 पॉइंट्स में समझिए

अगर यह डील हो गई तो:
1. तुर्किये भारत के खिलाफ और ज्यादा आक्रामक हो सकता है
2. भूमध्यसागर में तनाव बढ़ेगा – NATO के अंदर भी झगड़े हो सकते हैं
3. भारत की यूरोप और America के साथ दोस्ती और गहरी होगी
4. पाकिस्तान को भी इससे झटका लग सकता है
5. पूरे region की ताकतों का समीकरण बदल जाएगा

एक बात तो तय है – यह कोई सामान्य हथियार डील नहीं है। यह तो जैसे नए किस्म के भू-राजनीतिक खेल की शुरुआत है। और इसका असर? पूरे दक्षिण एशिया से लेकर भूमध्यसागर तक दिखेगा। देखते हैं, अगला पासा कौन फेंकता है!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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