भारत की अर्थव्यवस्था को ignore करना? ट्रंप साहब, ये आपकी सबसे बड़ी गलती होगी!
अरे भई, डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से वही कर दिया! हाल ही में उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की बात कही है – साथ ही रूस के साथ कारोबार करने पर जुर्माने की धमकी भी दी है। अब सवाल यह है कि क्या यह सच में अमेरिका के हित में है? कनाडा के एक बड़े बिजनेस टाइकून ने तो साफ कह दिया है कि भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को नजरअंदाज करना ट्रंप की सबसे बड़ी रणनीतिक भूल होगी। और सच कहूं तो, ये सिर्फ एक बयान नहीं है – ये पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा संकेत है।
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, भारत और अमेरिका के trade relations पिछले कुछ सालों में काफी मजबूत हुए हैं। हमारा trade volume लगातार बढ़ रहा है – इतना कि भारत अब अमेरिका के लिए सिर्फ एक partner नहीं, बल्कि key player बन चुका है। लेकिन ट्रंप साहब को तो हमेशा से ही शिकायत रही है। उनके कार्यकाल में भी वो भारत पर trade deficit का राग अलापते रहे। अब फिर वही रट लगा रहे हैं – high tariffs और रूस के साथ deal करने पर सजा। उनकी ‘America First’ policy तो ठीक है, पर क्या यह सच में अमेरिका के long-term interests में है? विशेषज्ञ तो इससे सहमत नहीं दिखते।
कौन क्या बोला?
ट्रंप ने तो अपने बयान में साफ कह दिया कि भारत को “unfair trade practices” के लिए सबक सिखाना चाहिए। पर दुनिया ने इस पर क्या रिएक्ट किया? एक कनाडियन industrialist ने तो जमकर जवाब दिया – “भारत को ignore करना? ये तो ऐसा होगा जैसे सोने की खान को हाथ से जाने देना!” सच भी तो है – भारत सिर्फ एक बड़ा market नहीं है, बल्कि global supply chain का अहम हिस्सा बन चुका है।
CII ने भी अपनी चिंता जताई है कि यह कदम bilateral trade को नुकसान पहुंचाएगा। और अमेरिकी analysts क्या कह रहे हैं? उनका मानना है कि यह शायद politically तो फायदेमंद हो, पर economically यह एक गलत कदम है। Technology और pharma सेक्टर तो खासकर प्रभावित होंगे। सच कहूं तो, यह एक ऐसा फैसला है जिससे सभी को नुकसान होगा।
आगे क्या होगा?
अगर ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं (जो कि अभी एक बड़ा ‘अगर’ है), तो हमें trade war की आशंका हो सकती है। पर भारत सरकार शायद diplomatic talks का रास्ता चुनेगी। और हां, हमारे पास options भी तो हैं! Europe और South-East Asia के markets हमारे लिए नए opportunities ला सकते हैं। असल में, यह पूरा मामला global economy के लिए एक turning point साबित हो सकता है।
तो कुल मिलाकर? यह सिर्फ भारत-अमेरिका relations की बात नहीं है। यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का सवाल है। अब देखना यह है कि यह chess game आखिर किस तरफ मुड़ता है। एक बात तो तय है – सबकी नजरें इस पर टिकी हुई हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, और यह सच्चाई है कि अब इसे नजरअंदाज करना किसी के लिए भी मुश्किल होगा। सोचिए, जब एक Business Tycoon खुद कह रहा है कि Donald Trump जैसे नेताओं को भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने चाहिए, तो समझ लीजिए बात कितनी गंभीर है। वरना? पछताना पड़ सकता है।
असल में, देखा जाए तो India का Economic Growth अभी और तेज होने वाला है। यह कोई भविष्यवाणी नहीं, बल्कि आंकड़ों से साफ जाहिर होता है। और ऐसे में, अगर कोई देश या नेता इसे ignore करने की गलती करता है… तो समझ लीजिए उनके पास बाद में पछताने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा।
एक तरफ तो हमारी अर्थव्यवस्था Global Market में अपनी धाक जमा रही है, वहीं दूसरी तरफ दुनिया के बड़े नेताओं को भी यह समझना होगा कि अब वक्त आ गया है भारत को गंभीरता से लेने का। सच कहूं तो, यह सिर्फ आर्थिक मामला नहीं, बल्कि एक सामरिक जरूरत बन चुका है।
तो अब सवाल यह उठता है – क्या दुनिया के नेता इस बदलाव को समझ पाएंगे? या फिर उन्हें सबक सीखने के लिए वक्त लगेगा? खैर, समय ही बताएगा। लेकिन एक बात तो तय है – भारत अब किसी के इंतजार में नहीं बैठने वाला।
भारत की अर्थव्यवस्था: जानिए क्यों दुनिया इस पर नज़र गड़ाए बैठी है (और कुछ ज़रूरी सवाल)
कितनी तेज़ है भारत की ग्रोथ? सच्चाई या बस हवा-हवाई?
सुनकर थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सच यही है कि भारत आज दुनिया की टॉप 3-4 फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी में शुमार हो चुका है। हाल के सालों में 6-7% की GDP ग्रोथ रेट? अमेरिका-यूरोप वालों के लिए तो ये सपने जैसा है! हालांकि, यहां एक सवाल ज़रूर उठता है – क्या ये ग्रोथ आम आदमी तक पहुंच रही है? उस पर बाद में चर्चा करेंगे।
अरे भाई, भारत को इग्नोर करना इतना बड़ा रिस्क क्यों?
इसे ऐसे समझिए – आज भारत सिर्फ 140 करोड़ लोगों का देश नहीं, बल्कि एक बिलियन-प्लस कंज्यूमर मार्केट है। मिडिल क्लास की तादाद बढ़ रही है, युवाओं में टेक स्किल्स का जुनून है, और सरकार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की बात कर रही है। सच कहूं तो, आज कोई भी मल्टीनेशनल कंपनी भारत को नज़रअंदाज़ करे, तो समझो उसने अपना ही नुकसान किया।
Trump साहब को क्यों मिली ये चेतावनी? (और हमें क्यों सुननी चाहिए)
देखिए, बात साफ है – अमेरिका के कारोबारी दिग्गजों ने ट्रंप को आईना दिखा दिया। भारत का मार्केट पोटेंशियल अंडरएस्टीमेट करोगे? तो तुम्हारे अपने बिजनेस को लॉन्ग टर्म में झटका लगेगा। असल में, भारत और अमेरिका का ट्रेड रिलेशन दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन है। पर सवाल यह है कि क्या राजनीति इकोनॉमी पर भारी पड़ेगी?
ग्रोथ के ये हीरो: जानिए कौन चला रहा है भारत की इकोनॉमी
एक तरफ तो डिजिटल इंडिया का जादू चल रहा है, तो दूसरी ओर स्टार्टअप यूनिकॉर्न्स की बाढ़ आई हुई है। मेक इन इंडिया? हालांकि धीमी शुरुआत रही, लेकिन अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दम दिख रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और FDI तो हैं ही… पर सबसे बड़ा हीरो? हमारा अपना घरेलू कंजप्शन! जब तक भारतीय खरीदते रहेंगे, ग्रोथ का पहिया घूमता रहेगा।
एकदम ज़बरदस्त। सच में।
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