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“सेना को मिली ‘फ्लाइंग तोप’! ₹8.6 करोड़/यूनिट की कीमत वाली यह हथियार क्रांति लाएगी”

सेना को मिल गई ‘उड़ती तोप’! जानिए क्या खास है ये ₹860 करोड़ वाली मशीन

अब भारतीय सेना की ताकत में एक और धमाकेदार जुगाड़ जुड़ गया है – अमेरिका से आए नए Apache AH-64E हेलीकॉप्टर। सच कहूं तो, इन्हें देखकर लगता है जैसे कोई हवा में उड़ता हुआ युद्ध का मैदान हो! ‘फ्लाइंग तोप’ वाली उपाधि तो सच में सार्थक है, क्योंकि ये हेलिकॉप्टर सिर्फ उड़ते नहीं, बल्कि दुश्मन की नींद उड़ा देते हैं। और हां, कीमत? एक हेलीकॉप्टर की कीमत लगभग ₹860 करोड़! यानी अगर आपको लगता है कि आपका नया iPhone महंगा है, तो ये आंकड़ा आपको थोड़ा राहत देगा। खैर, मजाक छोड़िए – ये मशीनें अब भारत-पाक बॉर्डर जैसे गर्म मोर्चों पर तैनात होंगी।

चाय की चुस्की के साथ पूरी हुई डील!

ये डील कोई रातोंरात नहीं हुई भाई। असल में कहानी शुरू होती है 2015 में, जब भारत ने Boeing के साथ 22 Apache खरीदने का समझौता किया था। वायुसेना को तो 2019 में ही अपने हेलीकॉप्टर मिल गए थे, लेकिन सेना को इंतजार करना पड़ा। पर देर आयद दुरुस्त आयद! Apache को दुनिया का सबसे खतरनाक हेलीकॉप्टर माना जाता है, और अब हमारे पास भी ये ताकत है। सोचिए, ये एक हीरो है जो टैंक-रोधी मिसाइल, रॉकेट और ऑटोमैटिक तोप सब लेकर चलता है। जमीन पर तबाही मचाना हो या हवा में दुश्मन के हेलीकॉप्टर को धूल चटाना हो – ये सब कर सकता है!

इतिहास रचते हुए: पहली बार सेना के हाथ में Apache

ये कोई मामूली बात नहीं है दोस्तों। पहली बार भारतीय सेना को अपने खुद के Apache AH-64E मिले हैं। शुरुआत में तो सिर्फ 6 हेलीकॉप्टर आए हैं, बाकी धीरे-धीरे आएंगे। और जानते हैं इन्हें कहाँ तैनात किया जाएगा? वहीँ जहाँ सबसे ज्यादा जरूरत है – राजस्थान-पंजाब बॉर्डर पर। पाकिस्तान वालों को अब दो बार सोचना पड़ेगा क्योंकि ये हेलीकॉप्टर गेम चेंजर साबित होंगे।

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

सेना प्रमुख तो बिल्कुल खुश हैं – उनका कहना है “Apache हमारी ताकत को नया लेवल देगा”। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये डील अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते को और मजबूत करती है। पर हर चीज के दो पहलू होते हैं न? विपक्ष वाले सवाल कर रहे हैं कि क्या इतने महंगे हथियार जरूरी थे? क्यों न हम अपने घरेलू रक्षा उद्योग पर ज्यादा फोकस करते? सच कहूं तो, ये सवाल भी वाजिब हैं।

आगे क्या?

इन हेलीकॉप्टरों से हमारी सुरक्षा तो मजबूत होगी ही, खासकर पश्चिमी फ्रंट पर। आने वाले समय में और Apache आएंगे, जो सेना की ताकत बढ़ाएंगे। पर एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या सिर्फ हथियार खरीदना काफी है? क्यों न हम technology transfer पर भी काम करें? ये बहस तो अभी बाकी है।

अंत में बस इतना – Apache AH-64E वाकई में game-changer हैं, पर साथ ही हमें अपने दम पर खड़े होने की राह पर भी चलना होगा। क्योंकि असली ताकत तो वही है जो खुद बनाई जाए, है न?

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अरे भाई, ये ‘फ्लाइंग तोप’ तो कमाल की चीज़ है ना? भारतीय सेना के लिए यह सच में एक game-changer साबित हो सकती है। सोचो जरा – दुश्मनों के खिलाफ हमारी मारक क्षमता अब पहले से कहीं ज़्यादा बेहतर होने वाली है। लेकिन यहाँ सवाल यह है कि क्या यह सब इतना आसान होगा?

₹8.6 करोड़ प्रति यूनिट… हाँ, कीमत थोड़ी ज़्यादा लग सकती है। पर असल में देखा जाए तो यह निवेश सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद अहम है। ऐसा लगता है जैसे हमने अपनी सेना के हाथों में एक और ताकतवर हथियार थमा दिया है।

और सच कहूँ तो, इस तरह के innovation के बिना आज के दौर में सुरक्षित रह पाना मुश्किल है। थोड़ा सा गर्व तो होता ही है ना? जय हिंद!

(ध्यान दें: टोन को और भी कैजुअल बनाने के लिए थोड़ी सी अधूरी सी लगने वाली लाइन्स और रुक-रुक कर बोलने का अंदाज़ जोड़ा गया है। साथ ही, कुछ सवाल और टिप्पणियाँ डालकर इसे और मानवीय बनाया गया है।)

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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