ईरान-इजरायल युद्ध में चीन फंसा, रूस और पुतिन को मिलेगा फायदा? शी जिनपिंग की मुश्किलें बढ़ीं!

ईरान-इजरायल टेंशन में चीन का उलझना: क्या पुतिन को मिलेगा फायदा? शी जिनपिंग की मुसीबतें और बढ़ीं!

क्या हो रहा है?

अमेरिका ने हाल में ईरान पर हमला किया तो चीन सीधे आगे आया। उसने ईरान का खुलकर साथ दिया और अमेरिका की नीतियों को कोसा। पर असल में, ये पूरा मामला चीन के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। आइए समझते हैं कि इस झमेले में चीन क्यों फंसा, रूस कैसे फायदा उठा सकता है और शी जिनपिंग की मुश्किलें कैसे बढ़ रही हैं।

चीन का ईरान प्यार: दोस्ती या मजबूरी?

दोनों देशों की स्ट्रैटेजिक जरूरतें

ईरान चीन को तेल देता है, चीन ईरान को पैसा और टेक्नोलॉजी। ये 25 साल का डील सिर्फ व्यापार नहीं, अमेरिका के खिलाफ एक जंग है। लेकिन क्या चीन वाकई ईरान के लिए लड़ने को तैयार है?

चीन की लिमिटेड रणनीति

Experts की मानें तो चीन दिल से तो ईरान का साथ दे रहा है, पर हाथ से नहीं। वो अपने business interests और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच बैलेंस बना रहा है। बात-बात पर अमेरिका से उलझना उसके लिए फायदेमंद नहीं।

चीन की जेब पर क्या असल होगा?

तेल का खेल

ईरान से आने वाला तेल अब रिस्की हो गया है। global energy market में उठापटक से चीन की economy को झटका लग सकता है। अब उसे दूसरे देशों से तेल लेने के नए रास्ते ढूंढने होंगे।

बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट्स पर संकट

मध्य पूर्व में चीन के लाखों डॉलर के projects अब खतरे में हैं। sanctions का डर और भी बड़ी मुसीबत बन सकता है।

पुतिन का मौका: रूस कैसे खेलेगा?

यूक्रेन से ध्यान हटा

अब दुनिया की नजर मध्य पूर्व पर है तो पुतिन को यूक्रेन में हाथ खुल गए। साथ ही, वो ईरान को military और राजनीतिक सपोर्ट देकर अपना दबदबा बढ़ा सकता है।

तेल-गैस का नया बाजार

यूरोप को गैस बेचने का रूस को गोल्डन चांस मिला है। चीन और भारत जैसे देशों के साथ उसके रिश्ते और मजबूत होंगे। देखा जाए तो युद्ध में रूस को फायदा ही फायदा है!

शी जिनपिंग की बढ़ती टेंशन

घर और बाहर की मुसीबतें

चीन की economy पहले से ही डाउन है, ऊपर से ये नया संकट। अमेरिका और western देशों से रिश्ते और खराब हो रहे हैं। शी जिनपिंग के लिए ये वाकई मुश्किल वक्त है।

एशिया में बढ़ती अशांति

मध्य पूर्व में आग लगी है तो Taiwan और South China Sea पर ध्यान कम हो गया। पर ये चीन के लिए अच्छा नहीं, क्योंकि उसे इन मोर्चों पर भी जीत चाहिए।

आखिरी बात

चीन इस वक्त चारों तरफ से घिरा हुआ है। एक तरफ ईरान का दबाव, दूसरी तरफ economy की मुसीबत। इस बीच पुतिन चुपके से अपना खेल खेल रहे हैं। शी जिनपिंग को अब बहुत सोच-समझकर चलना होगा, वरना चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

लोगों के सवाल (FAQ)

Q1. क्या चीन ईरान को सैन्य मदद देगा?

चीन की policy हमेशा से military intervention से बचने की रही है। वो पैसा और political सपोर्ट देगा, पर सीधे युद्ध में नहीं उतरेगा।

Q2. रूस को सबसे ज्यादा फायदा कैसे होगा?

रूस को दोहरा फायदा – energy market में दबदबा बढ़ेगा और यूक्रेन पर दबाव कम होगा। पुतिन इस मौके को हाथ से जाने नहीं देंगे!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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