चौंकाने वाली ऑडियो: इजरायली एजेंटों ने ईरानी जनरलों से कहा – ’12 घंटे में भाग जाओ, वरना…’
क्या हुआ था?
ईरान और इजरायल की कहानी तो पुरानी है, लेकिन हाल में एक ऐसी घटना हुई जिसने सबको हैरान कर दिया। सुनने में आ रहा है कि इजरायली intelligence agents ने ईरान के कुछ जनरलों को फोन करके सीधे-सीधे धमकी दी। उन्हें 12 घंटे का समय देते हुए कहा गया कि देश छोड़कर भाग जाएं, नहीं तो… आप समझ ही गए होंगे। ये खबर न सिर्फ दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाली है, बल्कि पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।
पूरी कहानी क्या है?
क्या हुआ था असल में?
पिछले हफ्ते की बात है। अचानक कई ईरानी जनरलों के फोन बजे। कॉल करने वालों ने खुद को Mossad का एजेंट बताया। बातचीत बहुत साफ थी – “आपके पास 12 घंटे हैं। इससे पहले कि हमारे लोग आप तक पहुंचें, यहां से गायब हो जाइए।” अब ये कॉल असली थे या नहीं, ये तो पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन ईरानी सरकार इसे हल्के में नहीं ले रही।
Mossad का क्या रोल है इसमें?
जानकारों का मानना है कि ये पूरा मामला Mossad की स्क्रिप्ट लगता है। ये इजरायल की वही मशहूर intelligence agency है जो ऐसे covert operations के लिए जानी जाती है। Experts की राय है कि ये psychological warfare का हिस्सा हो सकता है – दुश्मन को दिमागी तौर पर कमजोर करने की रणनीति। ऐसे केस पहले भी देखने को मिले हैं, लेकिन इतनी सीधी धमकी? ये नई बात है!
ईरान ने क्या रिएक्ट किया?
सरकार और सेना का जवाब
ईरानी सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने इजरायल पर सीधे आरोप लगाए हैं। सेना के प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि वे ऐसी किसी भी धमकी का मुंहतोड़ जवाब देंगे। फिलहाल, ईरान ने अपने सभी high-ranking officials की सुरक्षा और भी टाइट कर दी है।
आम जनता क्या कह रही है?
ईरानी media में तो ये मुद्दा छाया हुआ है ही, social media पर भी इसकी खूब चर्चा हो रही है। #IsraelThreat और #IranSecurity जैसे hashtags ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ लोग इजरायल की इस हरकत को कायरता बता रहे हैं, तो कुछ अपनी सरकार से सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं।
दुनिया क्या कह रही है?
अन्य देशों की प्रतिक्रिया
अमेरिका और यूरोपीय देश अभी तक चुप हैं, लेकिन diplomatic sources के मुताबिक UN इस मामले पर बात कर सकता है। रूस ने संयम बरतने की सलाह दी है, जबकि कुछ अरब देशों ने इजरायल की खुलकर निंदा की है।
आगे क्या हो सकता है?
ये घटना ईरान-इजरायल रिश्तों में नया तनाव पैदा कर सकती है। Middle East पहले से ही बारूद का ढेर बना हुआ है। Experts का कहना है कि अगर ऐसी घटनाएं बढ़ती हैं, तो बड़े संघर्ष का खतरा भी बढ़ सकता है।
गहराई से समझें
क्यों चुने गए ये जनरल?
जिन जनरलों को टारगेट किया गया, वे ईरानी सेना और intelligence के टॉप लोग हैं। कुछ तो nuclear program से भी जुड़े हुए हैं। साफ है कि इजरायल ईरान के strategic assets को निशाना बना रहा है।
धमकी का असली मकसद क्या है?
Psychological warfare का मतलब होता है दुश्मन को मानसिक रूप से हिला देना। Mossad इस तरह की टेक्नीक्स में माहिर है, लेकिन इस बार जो हुआ वो बेहद aggressive और direct था।
आखिर में…
ये घटना ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का एक नया अध्याय है। आने वाले दिनों में ऐसी और घटनाएं देखने को मिल सकती हैं जो पूरे region को अस्थिर कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वो इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाए।
लोगों के सवाल (FAQ)
1. Mossad आखिर है क्या?
Mossad इजरायल की सबसे ताकतवर intelligence agency है जो विदेशों में गुप्त ऑपरेशन्स के लिए मशहूर है।
2. ईरानी जनरल ही क्यों टारगेट हुए?
क्योंकि ये लोग ईरानी सेना और nuclear program के अहम कड़ी हैं।
3. क्या ईरान की सुरक्षा पर असर पड़ेगा?
ईरान ने पहले ही सुरक्षा कड़ी कर दी है, लेकिन तनाव बढ़ने का खतरा तो है ही।
4. क्या ये युद्ध की शुरुआत है?
अभी तो ऐसा कुछ नहीं लगता, लेकिन तनाव बढ़ाने वाली घटना जरूर है।
5. दुनिया ने अभी तक क्या किया?
UN और बड़े देश अभी तक कोई बड़ा कदम नहीं उठा पाए हैं।
Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com