“शरीर बीमार था या जमीर?” – जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता ने क्या बोला जिसने सियासत को हिला दिया?
अरे भई, सोमवार की शाम तो भारतीय राजनीति में धमाकेदार खबर आई! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया। सच कहूं तो, ये खबर सुनकर मैं भी चौंक गया। असल में, इस्तीफे की वजह ‘स्वास्थ्य कारण’ बताई गई है, लेकिन क्या सच में यही सच्चाई है? क्योंकि अब तो एक कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर ऐसा बम फोड़ा है कि पूरा मामला ही पलट गया। उन्होंने लिखा – “शरीर बीमार था या जमीर?” भई साहब, ये सवाल तो अब हर जुबान पर है!
पर्दे के पीछे की कहानी: क्या वाकई सिर्फ स्वास्थ्य की बात है?
देखिए, धनखड़ साहब 2022 से उपराष्ट्रपति थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों से… खैर, आपको भी पता ही होगा – मीडिया में खबरें आ रही थीं कि सरकार से उनके रिश्ते में खटास आ गई है। अब सवाल ये है कि क्या सच में कोई स्वास्थ्य समस्या थी, या फिर…? राजनीति के जानकार तो यही कह रहे हैं कि मामला गहरा है। कुछ सूत्रों का कहना है कि सरकार की कुछ नीतियों से वो खुश नहीं थे। पर सच क्या है? अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन दिल्ली की सियासी गलियारों में तो चर्चा जोरों पर है।
वायरल हुआ वो ट्वीट: “शरीर या जमीर?”
अब इस पूरे मामले में मसाला तब लगा जब एक कांग्रेस नेता ने X (पहले का Twitter) पर ये बमबारी ट्वीट कर दिया – “शरीर बीमार था या जमीर?” सच बताऊं? ये ट्वीट करते ही जैसे राजनीतिक तूफान आ गया! भाजपा तो ऐसे उछली जैसे उसे सोने की चिड़िया मिल गई हो। उनके प्रवक्ता ने तो सीधे कांग्रेस पर हमला बोल दिया – “ये तो संवैधानिक पदों का अपमान है! कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति का नमूना!” वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसे ‘व्यक्तिगत विचार’ कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की। मजे की बात? पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राजनीति गरमाई: कौन क्या बोला?
अब इस मामले पर सभी की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग हैं। भाजपा वाले तो कांग्रेस को ही घेरने में लगे हैं। विपक्ष के कुछ लोग इसे गंभीर मुद्दा बता रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की राय? देखिए, कुछ का कहना है कि ये सत्ता और संविधान के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है। कुछ ये भी कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में ये नए विवादों को जन्म दे सकता है। सच कहूं तो, ये पूरा मामला बहुत दिलचस्प होता जा रहा है!
अब आगे क्या? सियासत के नए समीकरण
अब सबकी नजरें दो चीजों पर हैं – पहला, केंद्र सरकार कब नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करती है। दूसरा, विपक्ष इस मुद्दे को संसद में कितना उछालता है। शीतकालीन सत्र में तो जमकर बहस होने वाली है। और हां, कांग्रेस के भीतर भी ये सवाल उठ रहा है कि क्या पार्टी ऐसे विवादित बयानों पर लगाम लगाने में नाकाम रही है? लंबे समय में देखें तो, ये घटना राजनीतिक गठजोड़ों को भी प्रभावित कर सकती है।
आखिरी बात: राजनीति में नया मोड़
सच पूछो तो, धनखड़ साहब का इस्तीफा और उस पर चली प्रतिक्रियाएं भारतीय राजनीति में नए विवाद की शुरुआत लग रही हैं। एक तरफ सरकार नए उपराष्ट्रपति की तलाश में लगी है, तो दूसरी तरफ विपक्ष इस मुद्दे को उछालकर सरकार को घेरने की फिराक में है। अब देखना ये है कि आगे का खेल कैसे खेला जाता है। क्योंकि ये मामला सिर्फ एक इस्तीफे तक सीमित नहीं रहने वाला – इसके राजनीतिक और संवैधानिक निहितार्थ बहुत गहरे हैं।
यह भी पढ़ें:
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com