SCO मंच पर जयशंकर का जोरदार अल्टीमेटम! चीन-पाकिस्तान टेंशन में, पहलगाम पर चुप्पी तोड़ी

SCO मंच पर जयशंकर ने दिया साफ़ संदेश – चीन-पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ी, पहलगाम पर मोर्चा खोला!

अरे भाई, क्या बात है! विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO की मीटिंग में जो धमाकेदार बयान दिया, वो सुनकर तो लगा जैसे पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया होगा। आतंकवाद पर उनकी स्पष्ट और बिना लाग-लपेट वाली बातों ने न सिर्फ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस policy’ को दोहराया, बल्कि चीन और पाकिस्तान को भी अच्छा-खासा झटका दिया। और सही भी तो है – पहलगाम में हुए उस नृशंस हमले के बाद तो यही बोलना था न? “आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती” – ये लाइन तो सीधे दिल में उतर गई।

SCO का खेल और भारत की चाल

अब थोड़ा समझते हैं SCO के इस चेसबोर्ड को। देखिए न, इसमें चीन और रूस जैसे बड़े खिलाड़ी बैठे हैं। नाम तो regional security और economic cooperation का है, पर असल में? भारत के लिए ये मंच आतंकवाद जैसे मुद्दों पर वैश्विक समर्थन जुटाने का गोल्डन चांस है। और पहलगाम हमले ने तो पाकिस्तानी पालतू आतंकी गुटों को फिर से सुर्खियों में ला दिया। मजे की बात ये कि चीन, जोकि पाकिस्तान का बेस्ट फ्रेंड है, हमेशा SCO में इन मुद्दों को टालता रहा है। क्या कहें – ‘चुप्पी सबसे बड़ा जवाब’ वाली पॉलिसी!

जयशंकर के वार: सीधे और सटीक

जयशंकर जी ने तो जैसे सीधे निशाने पर निशाना साधा। उनकी बातों में तीन बड़े पॉइंट्स थे:
1. आतंकवाद के खिलाफ global unity ज़रूरी है – बिल्कुल सही!
2. सभी member countries को funding networks को टारगेट करना चाहिए
3. और सबसे ज़बरदस्त – बिना नाम लिए उन देशों को घेरा जो आतंकवाद को पालते हैं

ये भारत की foreign policy की असली ताकत दिखाता है – कोई समझौता नहीं, कोई डिप्लोमेटिक झुकाव नहीं। एकदम स्ट्रेट फॉरवर्ड।

रिएक्शन का खेल: घर-बाहर क्या बोल रहे हैं?

भारत में तो मानो सब एक सुर में बोल रहे हैं – कांग्रेस से लेकर बाकी विपक्षी दल तक सब जयशंकर के साथ खड़े हैं। ये देश की एकता दिखाता है। लेकिन सामने वाले पक्ष? पाकिस्तान तो अभी तक ‘ऑफिशियली’ चुप है, पर उनके मीडिया वाले भारत पर SCO platform के ‘दुरुपयोग’ का रोना रो रहे हैं। और चीन? उसकी चुप्पी तो और भी मज़ेदार है – जैसे कछुआ सिर घुसा लिया हो।

आगे की रणनीति: क्या होगा अगला मूव?

अब भारत का प्लान क्या हो सकता है? मेरा मानना है:
– SCO और दूसरे इंटरनेशनल फोरम्स पर प्रेशर बनाना जारी रखेगा
– चीन-पाकिस्तान पर diplomatic दबाव बढ़ेगा, खासकर UN में
– J&K में सिक्योरिटी और टाइट होगी

पर एक चिंता भी है – कहीं ये भारत-चीन और भारत-पाक relations में और तनाव न ले आए। हालांकि, सच तो ये है कि आतंकवाद पर समझौता करना तो किसी भी कीमत पर ठीक नहीं।

अंत में यही कहूंगा – जयशंकर ने SCO पर जो बयान दिया, वो भारत की फॉरेन पॉलिसी की मजबूती दिखाता है। उन्होंने साफ कर दिया कि भारत आतंकवाद से लड़ने के लिए अकेला नहीं है। अब बस देखना है कि चीन और पाकिस्तान इस पर क्या जवाब देते हैं। वैसे मेरा मानना है… उनके पास देनें को कुछ है ही नहीं!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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