झारखंड में चमत्कार या इतिहास का पन्ना? 1200 साल पुरानी देवी मूर्ति मिली!
अरे भई, झारखंड के साहिबगंज में तो कुछ ऐसा हुआ है जैसे किसी फिल्म की स्क्रिप्ट सच हो गई हो! कमालपुर गांव का एक किसान सब्जी की खेती कर रहा था और अचानक… धम्म! ज़मीन से निकली 1200-1300 साल पुरानी देवी की मूर्ति। सच कहूं तो मूर्ति इतनी सुंदर है कि देखने वाला मंत्रमुग्ध हो जाए। ग्रामीण तो इसे भगवान का चमत्कार मान बैठे हैं। अब गांव में क्या बुजुर्ग, क्या बच्चे – सबके सब इसकी पूजा में जुट गए हैं। और हां, राजमहल डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस. के. मिश्रा जी ने भी इसे देखा है – उनका कहना है कि ये मूर्ति ऐतिहासिक तौर पर बेहद खास है।
पर ये सिर्फ कोई पुरानी मूर्ति नहीं मिली है दोस्तों। असल में ये तो हमारे इतिहास का एक जीता-जागता सबूत है! कमालपुर गांव का इलाका तो पाल और सेन वंश के ज़माने (यानी 8वीं से 12वीं सदी) में कितना समृद्ध रहा होगा, अंदाज़ा लगाइए। मूर्ति पर की गई नक्काशी देखकर तो लगता है जैसे किसी माहिर कारीगर ने इसे बनाया हो। क्या बात है न?
मज़े की बात ये है कि ये मूर्ति मिली कैसे? स्थानीय किसान भैया ट्रैक्टर चला रहे थे और अचानक… ठोकर खा बैठे! पर ये ठोकर तो भाग्य वाली निकली। डॉ. मिश्रा ने जब इसे देखा तो पता चला कि ये तो 1200-1300 साल पुरानी है। अब पुरातत्व विभाग वाले आएंगे, रिसर्च करेंगे। पर ग्रामीणों ने तो बिना देर किए इसे “ग्राम देवी” घोषित कर दिया है। धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व का ये अनोखा मेल देखने लायक है।
गांव में तो जैसे उत्सव सा माहौल है। कुछ लोग कह रहे हैं – “देवी माँ ने हमें चुना है”, तो कुछ डॉ. मिश्रा जैसे विद्वान इसके ऐतिहासिक पहलू पर ज़ोर दे रहे हैं। प्रशासन भी इस मामले में संवेदनशीलता दिखा रहा है – न ही जल्दबाज़ी, न ही लापरवाही। बैलेंस बनाए रखना ज़रूरी है न?
अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या होगा? पुरातत्व विभाग रिसर्च तो करेगा, पर क्या ग्रामीण मूर्ति को संग्रहालय भेजने देंगे? ये तो वक्त ही बताएगा। एक बात तय है – इस इलाके में और भी ऐतिहासिक खजाने छिपे हो सकते हैं। कौन जाने, ये मूर्ति तो बस शुरुआत हो!
अंत में इतना ही कहूंगा – ये खोज सिर्फ पुरानी मूर्ति नहीं, बल्कि हमारी विरासत का जीवंत प्रमाण है। और हां… ग्रामीणों की आस्था भी तो देखिए! क्या पता, आने वाले दिनों में ये छोटा सा गांव इतिहास के नक्शे पर बड़े अक्षरों में लिखा जाए। वैसे भी, झारखंड के इतिहास में तो बहुत कुछ ऐसा है जो अभी तक धरती की गोद में छिपा हुआ है। है न?
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com