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“रेप केस पर कल्याण बनर्जी-मदन मित्रा के विवादित बयान से ममता शर्मसार, TMC ने क्यों ली दूरी?”

कल्याण बनर्जी-मदन मित्रा के बयानों ने TMC को क्यों डुबो दिया? ममता बनर्जी फंसी कैमरे में!

कोलकाता का ये law college का मामला… सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। एक छात्रा पर सामूहिक अत्याचार की खबर ने न सिर्फ पश्चिम बंगाल की राजनीति को हिला दिया, बल्कि TMC के कुछ नेताओं ने तो जैसे खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली। सच कहूं तो, कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा के बयान सुनकर लगता है जैसे हम 21वीं सदी में नहीं, किसी मध्ययुगीन युग में जी रहे हैं।

क्या हुआ था असल में? पूरी कहानी

सीन ये था – कोलकाता के एक नामी-गिरामी law college के campus में। एक छात्रा ने कुछ लड़कों पर… नहीं, जानवरों पर… सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं। अब तक तो ठीक था। लेकिन फिर शुरू हुआ असली नाटक। TMC के नेताओं ने जो बयानबाजी की, उसे सुनकर तो लगा कि ये लोग किस दुनिया में जी रहे हैं?

नेताओं के बयान: सुनकर रह जाएंगे दंग!

मदन मित्रा जी क्या बोले? “अगर पढ़ी-लिखी है तो खुद को बचाना आना चाहिए था”। अरे भईया! ये कैसा तर्क है? ऐसे ही तो कह दें कि अगर कोई लूट लिया जाए तो उसकी गलती – पैसे साथ लेकर क्यों घूमता था? और कल्याण बनर्जी साहब तो बाजी मार गए – “दोस्तों के बीच की घटना” बता डाली। भाई, ऐसे दोस्त तो दुश्मन से भी बदतर!

बाद में TMC को होश आया तो damage control शुरू किया। नेताओं से दूरी बनाई, बयानों को निंदनीय बताया। पर सवाल ये है – क्या ये सब दिखावा है या सच में पार्टी को अहसास हुआ कि गलती हुई?

राजनीति गरमाई, सड़कें भी

विपक्ष तो मानो मौके की ताक में ही बैठा था। BJP और वामदल ने TMC को घेरना शुरू कर दिया। social media पर #ShameOnTMC ट्रेंड होने लगा। औरतों के संगठन सड़कों पर उतर आए। सच तो ये है कि ये मामला अब सिर्फ एक अपराध नहीं रहा – ये तो एक सामाजिक आंदोलन बन गया है।

Twitter, Facebook पर जो बहस छिड़ी है, उसे देखकर लगता है कि जनता अब बदलाव चाहती है। Victim blaming के इस रवैये से लोग तंग आ चुके हैं।

अब आगे क्या? 2024 की राजनीति पर असर?

2024 के elections को देखते हुए ये मामला TMC के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है। Police investigation चल रही है, विपक्ष CBI जाँच की माँग कर रहा है। पर असल सवाल तो ये है कि क्या ममता बनर्जी अपने ही नेताओं की गलतियों का खामियाजा भुगतने को तैयार हैं?

एक तरफ कानूनी लड़ाई, दूसरी तरफ राजनीतिक संकट। और सबसे ऊपर – समाज के सामने ये सवाल कि हम औरतों की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं? ये मामला सिर्फ एक घटना नहीं, एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है। देखना ये है कि TMC और ममता बनर्जी इससे कैसे उबरती हैं।

आपको क्या लगता है? क्या ये सिर्फ एक राजनीतिक विवाद है या समाज में बदलाव की शुरुआत? कमेंट में बताइए…

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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