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“कश्मीरी युवाओं की कमाल की कमाई! छोटी सी रील से रोज 4-5 हजार कैसे कमाएं?”

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कश्मीरी युवाओं की कमाल की कमाई! छोटी सी रील से रोज 4-5 हजार कैसे कमाएं?

सोचिए, आप एक छोटा सा मजेदार वीडियो बनाते हैं और उससे रोजाना 5 हजार रुपये कमा लेते हैं। जी हां, ये कोई सपना नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं की रोज की हकीकत बन चुका है! Instagram Reels और YouTube Shorts जैसे प्लेटफॉर्म्स ने तो जैसे इनके लिए पैसों की बारिश कर दी है। सच कहूं तो मुझे भी पहले यकीन नहीं होता था, लेकिन जब खुद कश्मीर के कुछ क्रिएटर्स से बात की तो पता चला – एक अच्छी रील बनाकर ये लोग कभी-कभी तो 10 हजार तक कमा लेते हैं। क्या बात है न?

पारंपरिक रोजगार से डिजिटल क्रांति तक

असल में कश्मीर की कहानी थोड़ी दिलचस्प है। यहां हमेशा से नौकरियों का संकट रहा – या तो पर्यटन, या फिर हस्तशिल्प। लेकिन अब? अब तो बस एक smartphone और थोड़ी सी creativity ही काफी है। मैंने देखा कि जिन लड़कों को पहले शहरों की तरफ भागना पड़ता था, वो अब घर बैठे-बैठे पैसे कमा रहे हैं। और सच मानिए, Digital India जैसी योजनाओं ने भी इसमें बड़ा रोल निभाया है। पर सबसे बड़ी बात? ये युवा खुद ही अपना रास्ता बना रहे हैं।

कैसे बदल रही है तस्वीर?

एक तरफ तो कश्मीर की खूबसूरती, दूसरी तरफ यहां के युवाओं की मेहनत। देखा जाए तो ये कॉम्बिनेशन ही कमाल का है! कुछ क्रिएटर्स तो ऐसे हैं जिनके लाखों फैंस हैं। और जब ब्रांड्स को ये नजर आया तो? फिर तो स्पॉन्सरशिप के ऑफर आने लगे। मजे की बात ये कि अब स्थानीय बिजनेस भी इन युवाओं के जरिए promote हो रहे हैं। यानी फायदा दोनों को। सच में, ये तो विन-विन सिचुएशन है!

क्या कहते हैं लोग?

मैंने जब कुछ लोकल युवाओं से बात की, तो एक लड़के ने कहा – “भाई, पहले तो दिल्ली-मुंबई भागना पड़ता था। अब? अब तो फोन उठाओ, वीडियो बनाओ, पैसा कमाओ।” सरकारी अधिकारी भी मानते हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने गेम ही बदल दिया है। एक एक्सपर्ट ने तो यहां तक कहा कि कश्मीर का कंटेंट दुनिया भर में पॉपुलर हो रहा है। और सच कहूं तो ये देखकर अच्छा लगता है।

भविष्य की संभावनाएं

अब सवाल यह है कि आगे क्या? मेरी नजर में तो ये सिर्फ शुरुआत है। अगर सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर इन युवाओं को और ट्रेनिंग दें, तो कश्मीर डिजिटल एंटरप्रेन्योरशिप का हब बन सकता है। बेरोजगारी? वो तो धीरे-धीरे कम होगी ही। पर सबसे बड़ी बात ये कि ये ट्रेंड कश्मीर को ग्लोबल मैप पर नई पहचान दे रहा है।

निष्कर्ष: सच तो ये है कि कश्मीर के युवाओं ने साबित कर दिया है कि अगर मौका मिले तो वो कुछ भी कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी की ये जोड़ी तो जैसे जादू ही कर रही है। और हां, ये सिर्फ पैसों की बात नहीं – ये तो आत्मनिर्भरता और गर्व की कहानी है। क्या आपको नहीं लगता?

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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