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“लोकसभा में आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जंग, विपक्ष ने ट्रंप मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली!”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में धमाल: क्या सरकार बच पाएगी विपक्ष के हमले से?

अरे भाई, आज तो संसद में ऐसा तमाशा हुआ कि बता नहीं सकते! मॉनसून सत्र और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस – जैसे तूफान में पेट्रोल छिड़क दिया हो। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने तो बड़े अंदाज़ में बात शुरू की, लेकिन विपक्ष ने मौके का फायदा उठाते हुए Donald Trump वाले मुद्दे को फिर से गर्मा दिया। सच कहूँ तो, सदन का माहौल ऐसा बन गया जैसे टी-20 मैच का सुपर ओवर चल रहा हो!

ये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है क्या बला?

देखिए ना, असल में ये भारत का एक सुपर सीक्रेट मिलिट्री ऑपरेशन था जो अब इतना सीक्रेट नहीं रहा। मीडिया में लीक हुआ और फिर क्या – सियासत की आग में घी पड़ गया। सरकार कह रही है ये सुरक्षा के लिए ज़रूरी था, विपक्ष चिल्ला रहा है कि “जनता को बेवकूफ बनाया गया”। एक तरफ सच्चाई तो दूसरी तरफ राजनीति – समझने वाली बात ये है कि इनमें से कौन सी चीज़ ज़्यादा भारी पड़ेगी।

आज क्या हुआ?

राजनाथ सिंह जी ने तो पूरा बयान दिया – बड़े अदब से समझाया कि ये ऑपरेशन देश की भलाई के लिए था। पर विपक्ष को मौका मिल गया Trump कार्ड खेलने का! उनका सवाल – “क्या अमेरिका को जानकारी दी गई थी?” अमित शाह जी का जवाब – “ये सब दलितों को बरगलाने की साजिश है!” (ठीक-ठीक यही शब्द नहीं थे, लेकिन मतलब वही निकलता है)। सच्चाई? शायद हम कभी न जान पाएं।

कौन क्या बोला?

राहुल गांधी जी ने तो ट्वीट करके सरकार को झूठा बता दिया। भाजपा वालों का कहना है विपक्ष देश की सुरक्षा से खेल रहा है। एक्सपर्ट्स? वो बीच का रास्ता निकाल रहे हैं – “गोपनीयता ज़रूरी है, पर पारदर्शिता भी”। मतलब साफ है – कोई भी पक्ष पूरी तरह गलत नहीं, पर पूरी तरह सही भी नहीं।

अब आगे क्या?

अब तो लगता है ये मुद्दा लंबा खिंचेगा। विपक्ष ने पूरी प्लानिंग कर ली है इसे उछालने की। सरकार शायद कमिटी बनाए। 2024 के चुनावों तक ये मुद्दा गरमा-गरम रहेगा, इतना तो तय है। असली सवाल ये है कि जनता इस सबको कितना सीरियसली लेगी? क्योंकि अंत में तो वही फैसला करेगी ना!

एक बात तो साफ है – ये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक मिलिट्री ऑपरेशन नहीं रहा, अब ये पूरी तरह से Political Operation बन चुका है। और हमारे नेता इसमें माहिर हैं, है ना?

‘Operation Sindoor’ और विपक्ष की सरकार पर जंग – वो सवाल जो आप भी पूछना चाहते हैं

1. ‘Operation Sindoor’ आखिर है क्या बला? और यह लोकसभा में इतना गरमा क्यों रहा?

देखिए, ‘Operation Sindoor’ को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं मिली। लेकिन राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि यह कोई सरकारी मिशन हो सकता है। अब सवाल यह है कि विपक्ष ने इसे लोकसभा में क्यों उछाला? शायद सरकार के किसी फैसले पर सवाल खड़े करने की कोशिश हो। मतलब साफ है – मौका मिलते ही सरकार को घेरने की कोशिश।

2. ट्रंप कार्ड खेलकर विपक्ष ने क्या मैच फिक्स किया?

अरे भई, डोनाल्ड ट्रंप का नाम सुनते ही तो मीडिया का ध्यान खिंच जाता है ना! विपक्ष ने शायद इसी का फायदा उठाया। चाहे वो विदेश नीति हो, कोई बयान हो या फिर कोई और मुद्दा – ट्रंप का नाम लेते ही बहस गरमा गई। असल में यह सब जनता का ध्यान खींचने की रणनीति है। और क्या? कामयाब रहे या नहीं, यह तो समय ही बताएगा।

3. इस पूरे घमासान का असर क्या होगा? आम आदमी की जेब पर क्या असर पड़ेगा?

सच कहूं तो यह बहस सिर्फ संसद तक सीमित नहीं रहेगी। टीवी डिबेट्स से लेकर चाय की दुकान तक चर्चा होगी। एक तरफ सरकार अपना पक्ष रखेगी, दूसरी तरफ विपक्ष हमला करेगा। और बीच में फंसे होंगे हम जैसे लोग! हालांकि, अगर यह मुद्दा ज्यादा गरमाता है तो आने वाले चुनावों में इसका असर जरूर दिख सकता है।

4. क्या ‘Operation Sindoor’ और ट्रंप मुद्दे को मिलाकर खेला गया कोई पॉलिटिकल गेम है?

बिल्कुल! राजनीति तो एक तरह का शतरंज का खेल ही है ना? विपक्ष ने दो मुद्दों को एक साथ जोड़कर सरकार को चेकमेट देने की कोशिश की है। एक तीर से दो निशाने – पहला मीडिया का ध्यान खींचना, दूसरा सरकार को डिफेंसिव मोड में लाना। चालाकी? बिल्कुल। लेकिन क्या यह काम करेगी? वो तो अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा।

एक बात और – याद रखिए, राजनीति में कुछ भी संयोग से नहीं होता। हर चाल के पीछे कोई न कोई गणित जरूर होता है। सच्चाई? वो तो जनता के हाथ में ही है।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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