“ये आपकी पार्टी के संस्कार हैं?” लोकसभा स्पीकर का कांग्रेस सांसद को जोरदार झाड़
आज फिर लोकसभा में वही पुराना नज़ारा – विपक्षी सांसदों का हंगामा, स्पीकर साहब का गुस्सा। और इस बार कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल को ख़ास तौर पर सुनने को मिला। ओम बिरला ने जो कहा, वो सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे – “देश की जनता ने आपको संसद में बहस के लिए भेजा है या नौटंकी के लिए?” सच कहूँ तो, ये सवाल सिर्फ़ एक सांसद से नहीं, पूरे सिस्टम से पूछा जाना चाहिए।
पूरा माजरा क्या है?
असल में देखा जाए तो ये कोई नई बात नहीं। इस सत्र में विपक्ष लगातार महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। लेकिन तरीका? सदन की कार्यवाही रोककर। एक तरफ तो ये उनका अधिकार है, पर दूसरी तरफ… अरे भई, इससे किसका भला हो रहा है? आज जो हंगामा हुआ, उसमें स्पीकर साहब का गुस्सा तो समझ आता है। पर सवाल यह है कि क्या ये तरीका सही है?
क्या हुआ आज?
माजरा ये हुआ कि स्पीकर ओम बिरला ने वेणुगोपाल को सीधे निशाने पर लेते हुए पूछा – “ये आपकी पार्टी के संस्कार हैं?” भई साहब! ये सवाल तो किसी स्कूल टीचर की याद दिला देता है। लेकिन गंभीरता से देखें तो संसद में ऐसा माहौल चिंताजनक ही है। इतना ही नहीं, कार्यवाही भी कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी। क्या यही है हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया?
किसने क्या कहा?
अब राजनीति तो है ही ऐसी चीज़। भाजपा वाले ख़ुश कि स्पीकर ने विपक्ष को सबक सिखाया। कांग्रेस वालों का कहना है कि सरकार मुद्दों से भाग रही है। सच तो ये है कि दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी रोटी सेक रहे हैं। एक political expert ने मुझसे कहा था – “ये सब drama है, public के लिए।” शायद सही कहा होगा।
अब आगे क्या?
विपक्ष ने और आंदोलन की धमकी दे दी है। मतलब आने वाले दिनों में और हंगामा देखने को मिलेगा। सर्दियों का session तो लगता है पूरा का पूरा ही डूब जाएगा। स्पीकर साहब ने सभी को संयम बरतने को कहा है, पर कौन सुनता है यहाँ? एक बात तो तय है – जब तक दोनों पक्ष आमने-सामने बैठकर बात नहीं करेंगे, ये सिलसिला चलता रहेगा।
अंत में एक बात – संसद है बहस के लिए, मुद्दों पर चर्चा के लिए। पर जब यही जगह political drama का मंच बन जाए, तो समझ लीजिए कि कहीं न कहीं हम सब भी ग़लत हैं। क्योंकि जनता ही तो इन्हें चुनकर भेजती है। सोचने वाली बात है, है न?
“ये आपकी पार्टी के संस्कार हैं?” – लोकसभा स्पीकर का वो विवाद जिसने सबका ध्यान खींचा
1. स्पीकर ने कांग्रेस सांसद को फटकार लगाई… पर क्यों?
देखिए, बात ये है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जोरदार तरीके से कांग्रेस के एक सांसद को डाँट दिया। कारण? Parliamentary decorum का उल्लंघन। अब आप सोच रहे होंगे – इतना बड़ा विवाद सिर्फ शिष्टाचार के लिए? असल में, यहाँ मामला सिर्फ शिष्टाचार से आगे का है। स्पीकर ने सीधे पार्टी के ‘संस्कारों’ पर सवाल उठा दिए। थोड़ा कड़ा लगता है, है ना?
2. विवाद की जड़ – क्या था पूरा मामला?
तो कहानी कुछ यूँ है – Parliament में किसी बिल पर बहस चल रही थी। अचानक कांग्रेस सांसद ने स्पीकर के फैसले को चुनौती दे दी। और फिर क्या? सीन बदल गया। शोर-शराबा, अराजकता… एकदम फिल्मी स्टाइल में। पर Parliament फिल्मों की सेट नहीं होता, है ना?
3. सवाल ये उठता है – क्या स्पीकर का रवैया सही था?
अब ये मामला दिलचस्प हो जाता है। एक तरफ Parliamentary experts कह रहे हैं कि House का discipline बनाए रखना ज़रूरी था। दूसरी तरफ opposition का कहना है – ये तो एकतरफा कार्रवाई है। सच कहूँ तो, ये वो पुरानी लड़ाई है जिसमें हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेकता है। आप किस पक्ष में हैं?
4. राजनीति पर क्या पड़ेगा असर?
देखा जाए तो इस छोटी सी घटना के बड़े नतीजे हो सकते हैं। Government और opposition के बीच तनाव तो बढ़ेगा ही। पर असली सवाल ये है कि आने वाले दिनों में Parliament का कामकाज प्रभावित होगा या नहीं? क्योंकि जब दोनों पक्ष अड़ जाते हैं, तो फिर… आप समझ ही गए होंगे।
एक बात और – ये सिर्फ एक incident नहीं है। ये उस बड़ी तस्वीर का हिस्सा है जिसमें Parliamentary traditions और नए राजनीतिक संस्कार टकरा रहे हैं। क्या आपको नहीं लगता?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com