कंधमाल में माओवादियों का छुपा हुआ अड्डा मिला – बड़ा खतरा टला!
सुनो यार, ओडिशा के कंधमाल में तो सुरक्षा बलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। डीवीएफ (District Volunteer Force) वालों ने माओवादियों के एक गुप्त ठिकाने को ध्वस्त कर दिया। और ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। बेलगढ़ थाना इलाके में हुए इस ऑपरेशन में तो सचमुच बम-बारूद का भंडार मिला है। सूत्रों की मानें तो ये लोग कोई बड़ा हमला करने वाले थे। लेकिन हमारे जवानों ने समय रहते इनकी चाल विफल कर दी। सच में, सलाम है इनकी हिम्मत को!
अब कंधमाल तो पहले से ही माओवादियों का गढ़ रहा है न? यहाँ तो जैसे हर दूसरे दिन मुठभेड़ की खबर आती रहती है। असल में देखा जाए तो ये लोग घने जंगलों और पहाड़ों में अपने अड्डे बना लेते हैं – ऐसी जगह जहाँ पहुँचना आम आदमी के लिए तो दूर, सुरक्षा बलों के लिए भी मुश्किल होता है। और इस बार जो सामान मिला है – विस्फोटक, हथियार – उसे देखकर तो साफ लगता है कि ये कोई बड़ा धमाका करने की फिराक में थे। डरावना सोच है न?
मजे की बात ये कि डीवीएफ और पुलिस की टीम को किसी गुप्त सूचना के आधार पर ही इस अड्डे का पता चला। और जब छापा मारा तो क्या मिला? IED (Improvised Explosive Device), gunpowder, detonators – यानी पूरा का पूरा जखीरा! सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि ये सब किसी बड़े हमले के लिए जमा किया गया था। हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जांच तो जोरों पर है। इनका पूरा नेटवर्क उजागर होगा, ये तय है।
इस ऑपरेशन पर तो हर कोई अपनी राय दे रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसे “माओवाद के खिलाफ बड़ी जीत” बताया है। वहीं स्थानीय नेता और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पर एक दिलचस्प पहलू ये भी है – कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे मामलों में आदिवासी समुदाय को भी निशाना बनाया जाता है। सच्चाई क्या है? शायद दोनों तरफ के तर्कों को सुनना जरूरी है।
अब सुरक्षा बलों ने इस इलाके में गश्त और तलाशी अभियान तेज कर दिया है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसे ऑपरेशन माओवादियों को कड़ा झटका देते हैं। पर एक सच ये भी है कि ये लोग जल्द ही नए अड्डे बना लेते हैं। तो सतर्कता बनाए रखना ही एकमात्र उपाय है।
इस घटना से एक बात तो साफ है – माओवादी अभी भी सक्रिय हैं और खतरनाक योजनाएँ बना रहे हैं। हमारे सुरक्षा बलों ने इस बार इनकी चाल विफल कर दी, ये बड़ी बात है। लेकिन ये लड़ाई तो लंबी चलेगी, इसमें कोई शक नहीं। और हमें? हमें बस इतना करना है कि अपने जवानों का साथ दें और सतर्क रहें। क्योंकि सुरक्षा ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है, है न?
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अरे भाई, कंधमाल का यह मामला तो कुछ ज्यादा ही गंभीर होता जा रहा है। सच कहूं तो, हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। तो चलिए, बिना समय गंवाए सीधे मुद्दे पर आते हैं…
1. कंधमाल में माओवादियों का गुप्त ठिकाना कहाँ मिला था?
देखिए, security forces को यह ठिकाना मिला कंधमाल के उस जंगली इलाके में जहाँ तो शायद स्थानीय लोग भी कम ही जाते होंगे। असल में बात यह है कि यह इलाका इतना remote था कि वहाँ तक पहुँचना ही एक चुनौती थी। पर intelligence के कुछ ठोस सुराग मिले थे, तभी तो यह operation सफल हो पाया।
2. माओवादी किस बड़े हमले की planning कर रहे थे?
अब यहाँ बात दिलचस्प हो जाती है। जो intelligence reports सामने आई हैं, उनके मुताबिक ये लोग कोई major attack करने वाले थे। और सच कहूँ तो, उनके पास से जो arms, ammunition और explosives मिले हैं, वो देखकर तो लगता है कि ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं थी। कुछ बहुत बड़ा planning चल रहा था, यह तो तय है।
3. इस operation में कितने माओवादी arrested हुए हैं?
अभी तक की बात करें तो 4-5 suspected माओवादियों को पकड़ा गया है। लेकिन यहाँ एक बात और – कुछ और लोगों की तलाश अभी भी जारी है। मतलब यह operation अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। देखते हैं आगे क्या होता है…
4. क्या यह ठिकाना long time से चल रहा था?
बिल्कुल! intelligence agencies का तो यही कहना है कि यह ठिकाना कई महीनों से active था। और सिर्फ active ही नहीं, बल्कि इनका एक important base था यह जगह। जो documents recover हुए हैं, उनसे तो यही पता चलता है कि यहाँ training से लेकर planning तक, सब कुछ चल रहा था। एक तरह से देखा जाए तो यह उनका एक mini headquarters ही था।
तो ये थी पूरी जानकारी। अब आप ही बताइए, क्या यह सब सुनकर आपको भी लगता है कि हमारी security forces ने बहुत बड़ा खतरा टाल दिया है? कमेंट में जरूर बताइएगा!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com