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ऑपरेशन महादेव: पहलगाम नरसंहार के गुनहगार आतंकी मारे गए! सेना को बड़ी सफलता

Operation Mahadev: पहलगाम हत्याकांड के दोषियों को मिली सज़ा! सेना ने मार गिराए आतंकी

दोस्तों, कभी-कभी इंसाफ की रफ्तार धीमी लगती है, लेकिन जब वह आता है तो पूरा का पूरा आता है। भारतीय सेना ने आखिरकार पहलगाम हत्याकांड के तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया है – और ये कोई छोटी-मोटी खबर नहीं है। Operation Mahadev के तहत हुई यह कार्रवाई असल में सेना की हिम्मत और हुनर दोनों की मिसाल है। अब सवाल यह है कि ये तीनों कौन थे? Lashkar-e-Taiba (LeT) के ये नापाक हाथ – हाशिम मूसा, जिब्रान और हमजा अफगानी – जिन्होंने निर्दोष पर्यटकों की जान ली थी।

याद कीजिए 2022 का वो काला दिन, जब पहलगाम की खूबसूरत वादियों में खून की नदियाँ बह गई थीं। उस वक्त पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। और अब? सेना ने सैटेलाइट phone और modern टेक्नोलॉजी की मदद से इन खूंखारों को ट्रैक किया। सच कहूँ तो, ये सिर्फ तीन आतंकियों की मौत नहीं है, बल्कि देश के लिए एक बड़ा मैसेज है।

असल में पूरी कहानी और भी दिलचस्प है। सेना ने इनके सैटेलाइट phone के सिग्नल्स को ट्रैक किया – वो भी जम्मू-कश्मीर के एक दुर्गम इलाके में! फिर क्या था, मुठभेड़ हुई और तीनों को मार गिराया गया। है न कमाल की बात? साथ ही बड़ी मात्रा में हथियार, ammunition और जाली currency भी बरामद हुए। ये सब देखकर तो लगता है कि ये कोई अकेले नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे।

अब बात करें प्रतिक्रियाओं की तो… सेना प्रमुख से लेकर आम जनता तक सबकी जुबान पर एक ही बात – “ये हमारी zero tolerance पॉलिसी का सबूत है।” रक्षा मंत्रालय भी खुश है, और स्थानीय लोगों ने तो इसे पहलगाम पीड़ितों को मिला इंसाफ ही बताया है। पर सच पूछो तो, ये सिर्फ एक ऑपरेशन का अंत नहीं है।

तो अब क्या? सेना ने घुसपैठ वाले इलाकों में surveillance बढ़ाने का फैसला किया है। और हाँ, इन आतंकियों के funding sources और संपर्कों की जाँच भी जोरों पर है। राजनीतिक तौर पर देखें तो ये सरकार के लिए एक बड़ी जीत है – पर असली जीत तो तब होगी जब आतंकवाद की जड़ें ही खत्म हो जाएँगी।

अंत में बस इतना कहूँगा – Operation Mahadev सिर्फ तीन आतंकियों की मौत नहीं है। ये एक स्पष्ट संदेश है उन सभी को जो भारत की शांति भंग करने की सोचते हैं। सेना की यह सफलता हम सभी के लिए गर्व की बात है, है न?

Operation Mahadev और पहलगाम नरसंहार: आपके सारे सवालों के जवाब यहीं

Operation Mahadev आखिर है क्या? और सेना को इसे लॉन्च करने की ज़रूरत क्यों पड़ी?

देखिए, Operation Mahadev कोई रूटीन मिलिट्री ऑपरेशन नहीं है। ये कश्मीर घाटी में छुपे खतरनाक आतंकवादियों को टारगेट करने वाला एक स्पेशल मिशन था। असल में, पहलगाम में हुए उस दर्दनाक हमले के बाद सेना के पास कोई और चॉइस ही नहीं बची थी। अच्छी बात ये रही कि हमारे जवानों ने इसे बखूबी अंजाम दिया।

पहलगाम नरसंहार: वो काला दिन जिसने सबको हिला दिया

ईमानदारी से कहूं तो, पहलगाम की वो घटना सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। निर्दोष लोगों को निशाना बनाना…ये तो पूरी मानवता के खिलाफ जुर्म था। जानकारों की मानें तो Lashkar-e-Taiba (LeT) और Jaish-e-Mohammed (JeM) जैसे संगठनों के नापाक हाथ इसके पीछे थे। और हैरानी की बात ये कि Operation Mahadev में जिन आतंकियों को निशाना बनाया गया, वो इन्हीं ग्रुप्स से जुड़े थे।

Operation Mahadev का रिजल्ट: कितने आतंकी ढेर हुए और क्या मिला सेना को?

अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4-5 टॉप लेवल के आतंकी मारे जा चुके हैं। पर सिर्फ यही नहीं…सेना को इनके ठिकानों से वो सब मिला जिसकी कल्पना करके आम आदमी डर जाए – हथियारों का बड़ा स्टॉक, गोला-बारूद और कई अहम डॉक्युमेंट्स। एक तरह से देखें तो ये सुरक्षा बलों के लिए डबल विजय रही।

सवाल ये उठता है कि क्या अब कश्मीर में शांति लौटेगी?

Operation Mahadev की सफलता के बाद तो हां, थोड़ी राहत ज़रूर मिली है। पर…हमेशा की तरह एक ‘पर’ जुड़ा हुआ है। सेना अभी भी अलर्ट है क्योंकि कुछ छुपे हुए आतंकी अभी भी एक्टिव हो सकते हैं। स्थिति बेहतर हुई है, पूरी तरह सामान्य नहीं। शायद थोड़ा और वक्त चाहिए।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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