रात को सोता है, दिन में जागता है! पाकिस्तान का यह सोलर-Powered GPS डिवाइस पकड़ा गया
क्या आपने कभी सोचा है कि जासूसी भी अब सोलर एनर्जी से चलने लगी है? महाराष्ट्र के कोरलाई बीच पर मिला यह अजीबोगरीब डिवाइस तो यही साबित करता है। स्थानीय लोगों और Coast Guard की नज़र पड़ी तो पता चला – यह चुपके से पाकिस्तान को GPS सिग्नल भेज रहा था! और सबसे मजेदार बात? दिन में सोलर से चार्ज होकर एक्टिव रहता, रात को आराम करता। सच में, टेक्नोलॉजी ने जासूसी को भी स्मार्ट बना दिया है!
अब कोरलाई बीच कोई आम जगह तो है नहीं। यहां तो भारतीय नौसेना की चहल-पहल रहती है। ऐसे में समुद्र किनारे मिला यह डिवाइस किसी सुरक्षा अलार्म से कम नहीं था। पुलिस ने जब इसे खोलकर देखा तो साफ पता चला – डिज़ाइन, टेक्नोलॉजी, सब कुछ पाकिस्तानी एजेंसियों का हाथ दिखा रहा था। और हां, इसे ढूंढने में पुलिस को पूरे 4 दिन लग गए। मतलब यह डिवाइस इतना आसानी से पकड़ में आने वाला भी नहीं था।
अब तक की जानकारी क्या है? डिवाइस फोरेंसिक टीम के पास है जो इसके हर बाइट को जांच रही है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह नौसेना की हरकतों पर नज़र रख रहा था। गिरफ्तारी? अभी तक तो कोई नहीं हुआ। लेकिन जांच तेज़ है। एक पुलिस अधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड बताया, “यह कोई आम मामला नहीं है। हमें पता होना चाहिए था कि ऐसे डिवाइस हमारी सीमाओं में घुस आए हैं।”
लोग क्या कह रहे हैं? स्थानीय एक मछुआरे ने मुझे बताया, “भैया, हम तो रोज़ ही कुछ न कुछ अजीब चीज़ें समुद्र किनारे देखते हैं। लेकिन यह वाला केस तो बिल्कुल फिल्मी लग रहा है!” सच कहूं तो, उसकी यह बात पूरी तरह गलत भी नहीं है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब दुश्मन देश ऐसे हाई-टेक तरीके अपना रहे हैं जिन्हें पकड़ना मुश्किल होता जा रहा है।
आगे क्या? तटीय सुरक्षा और सख्त होने वाली है। ड्रोन्स और ऐसे स्पाइ डिवाइस को डिटेक्ट करने के लिए नई तकनीक पर काम शुरू हो चुका है। कूटनीतिक स्तर पर भी कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है – क्या हमारी सुरक्षा व्यवस्था इन नए तरीके के खतरों के आगे टिक पाएगी? या फिर हमें हमेशा एक कदम पीछे ही रहना पड़ेगा?
एक बात तो तय है – यह मामला सिर्फ एक डिवाइस तक सीमित नहीं है। यह हमारी सुरक्षा चुनौतियों का नया चेहरा है। और हां, अगर आपको समुद्र किनारे कोई अजीब सा डिवाइस दिखे… तो पुलिस को जरूर बताइएगा!
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रात को चुप, दिन में एक्टिव! पाकिस्तान के सोलर-Powered GPS सिस्टम पर सवाल जो आप पूछना चाहते थे
अजीब सा लगता है न? एक ऐसा सिस्टम जो दिन में तो आंखें खोल लेता है, लेकिन रात होते ही सो जाता है। चलिए, इसके बारे में और जानते हैं!
1. यार, ये पाकिस्तानी सोलर-Powered GPS सिस्टम आखिर चलता कैसे है?
सीधी सी बात है – ये सिस्टम सूरज भैया के दम पर चलता है। दिन में जब धूप मिलती है, तो ये GPS की मदद से लोकेशन ट्रैक करने लगता है। लेकिन सूरज ढलते ही… अरे भाई, सिस्टम भी थक जाता है! सोलर पावर नहीं मिलेगी तो काम कैसे करेगा?
2. पाकिस्तानी पुलिस ने इस GPS सिस्टम का खुलासा क्यों किया?
असल में बात ये है कि वो लोगों को ये बताना चाहते थे कि “देखो भई, हम तो दिन के उजाले में किसी भी गाड़ी या इंसान को ट्रैक कर सकते हैं!” एक तरह से ये तकनीक का डेमो था। पर सच कहूं? थोड़ा सा डरावना भी लगता है।
3. क्या ये सिस्टम पूरी तरह भरोसे के काबिल है?
ईमानदारी से? जब तक धूप रहेगी, ये काम करेगा। लेकिन मौसम खराब हो या बादल छाए हों, तो परफॉरमेंस गड़बड़ा सकती है। मतलब ये कि… अगर कोई शाम को भागना चाहे तो उसके लिए अच्छी खबर है!
4. भारत में ऐसे सोलर-Powered GPS सिस्टम चलते हैं क्या?
हां, पर हमारे यहां थोड़ा अलग तरीका है। ज्यादातर GPS सिस्टम तो बैटरी या बिजली पर चलते हैं। सोलर वाले भी हैं, लेकिन हमारी टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर कुछ अलग ही है। है न मजेदार बात?
तो क्या सोलर-Powered GPS भविष्य है? शायद हां, शायद नहीं। पर फिलहाल तो ये दिन-रात का फर्क ही इसे खास बनाता है। क्या सोचते हैं आप?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com