टेक्सास बाढ़: जब प्रकृति ने दिखाया अपना कहर, PM मोदी से लेकर आम लोगों तक सब दुखी
क्या आपने कभी सोचा है कि एक पल में कितनी जिंदगियाँ बदल सकती हैं? टेक्सास में यही हुआ। गुआडालूप नदी का पानी अचानक इतना उफान पर आया कि लोगों को समझने तक का मौका नहीं मिला। 27 लोगों की जान चली गई – और हैरानी की बात ये कि इनमें बच्चे भी शामिल हैं। सच कहूँ तो, ये आँकड़े पढ़कर दिल दहल जाता है। PM मोदी ने भी ट्वीट करके अपना दुख जताया, पर असल सवाल तो ये है कि ऐसी त्रासदियों से कैसे निपटा जाए?
पूरा मामला समझें तो… टेक्सास में तो मानो आसमान ही फट पड़ा। कैंप Mystic का हाल तो और भी बुरा है – वहाँ अभी तक बच्चों समेत कई लोग लापता हैं। मौसम विभाग वालों का कहना है कि नदी का जलस्तर अचानक इतना बढ़ गया कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। सच बात तो ये है कि हम अभी भी प्रकृति के आगे बेबस हैं।
अभी की स्थिति? बेहद डरावनी। 27 मौतें तो सिर्फ शुरुआत हैं – 50 से ज्यादा लोग अभी भी गायब हैं। रेस्क्यू टीमें पूरी ताकत से काम कर रही हैं, पर मौसम ने जैसे पीछा ही नहीं छोड़ा है। आपातकालीन सेवाएँ भी संघर्ष कर रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है – क्या हम वाकई ऐसी आपदाओं के लिए तैयार हैं?
दुनिया भर के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। PM मोदी ने कहा कि भारत टेक्सास के साथ है, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने फेडरल टीम्स भेज दी हैं। पर एक पीड़ित परिवार का बयान सुनिए: “हमारे बच्चे कहाँ हैं? हमें तुरंत मदद चाहिए!” ये सवाल किसी एक परिवार का नहीं, पूरी मानवता का है।
आगे क्या? मौसम विभाग ने और बारिश की चेतावनी दी है – अगले 48 घंटे बेहद अहम होंगे। फिलहाल तो बचाव कार्य ही प्राथमिकता है, पर लंबे समय में हमें ऐसी आपदाओं से निपटने के नए तरीके खोजने होंगे। क्योंकि आज टेक्सास है, कल कोई और जगह हो सकती है। सच तो ये है कि प्रकृति के आगे हमारी तैयारियाँ अभी भी बहुत कमजोर हैं।
एक बात और – ऐसे वक्त में दुनिया भर से मिल रही मदद दिखाती है कि मानवता अभी ज़िंदा है। पर सवाल ये है कि क्या हम सिर्फ त्रासदी के बाद ही एकजुट होते हैं?
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Source: Times of India – Main | Secondary News Source: Pulsivic.com