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“ब्रिटेन दौरे पर PM मोदी: 2 दिनों में क्या-क्या होगा? पूरी जानकारी यहाँ!”

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मोदी जी का ब्रिटेन दौरा: 48 घंटे में क्या-क्या होने वाला है?

तो देखिए, PM मोदी ब्रिटेन पहुँच चुके हैं और ये सिर्फ़ एक औपचारिक यात्रा नहीं है। असल में, ये दो दिन भारत और ब्रिटेन के रिश्तों को एक नई दिशा दे सकते हैं। अब सवाल यह है कि क्या वाकई FTA पर डील हो पाएगी? क्योंकि रक्षा, टेक और ट्रेड – इन तीनों ही मोर्चों पर बड़ी बातचीत होनी है। और सच कहूँ तो, ये सिर्फ़ आर्थिक मामला नहीं है। दुनिया को ये दिखाने का मौका है कि भारत अब ग्लोबल पावर के तौर पर कितना आगे बढ़ चुका है।

भारत और ब्रिटेन: पुराने दोस्त, नए अवसर

देखा जाए तो हमारे और ब्रिटेन के रिश्ते बहुत पुराने हैं – अच्छे-बुरे सब मिलाकर। लेकिन पिछले कुछ सालों में जिस तरह डिफेंस टेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी और डिजिटल इनोवेशन में साथ मिलकर काम किया है, वो काबिले-तारीफ़ है। FTA की बातचीत तो लगभग पक्की हो चुकी है, बस अंतिम मुहर लगनी बाकी है। और अगर ये हो गया तो? सीधा फायदा – बिज़नेस बढ़ेगा, नौकरियां बनेंगी, इन्वेस्टमेंट आएगा। सरल भाषा में कहें तो विन-विन सिचुएशन!

दौरे के हाइलाइट्स: क्या है खास?

सबसे बड़ी बात तो ये कि मोदी जी और ब्रिटिश PM ऋषि सुनक के बीच वन-ऑन-वन मीटिंग होगी। FTA पर साइन होना तो लगभग तय है, लेकिन असली खेल तो डिफेंस डील में है। संयुक्त सैन्य अभ्यास? टेक्नोलॉजी ट्रांसफर? हालांकि, मेरी नज़र में सबसे दिलचस्प होगा लंदन में भारतीय डायस्पोरा के साथ उनका इंटरैक्शन। ये सिर्फ़ भावनात्मक मुलाकात नहीं होगी, बल्कि भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ पॉलिसी को भी बल मिलेगा।

और हाँ, एक बात और – क्या आप जानते हैं कि ब्रिटेन में भारतीय समुदाय कितना बड़ा है? लगभग 1.5 मिलियन! तो सोचिए, जब मोदी जी उनसे बात करेंगे, तो कैसा माहौल होगा। एकदम ज़बरदस्त।

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

भारतीय विदेश मंत्रालय तो इसे ‘गेम-चेंजर’ बता रहा है। ब्रिटेन के ट्रेड मिनिस्टर का कहना है कि FTA से दोनों देशों को फायदा होगा। पर…हमेशा की तरह विपक्ष को कुछ न कुछ आपत्ति है। कुछ लोग लेबर स्टैंडर्ड्स को लेकर चिंता जता रहे हैं। मगर ईमानदारी से? ये सब नॉर्मल है। जब भी कोई बड़ा डील होता है, ऐसी बहसें तो होती ही हैं।

आगे क्या? भविष्य की राह

अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये यात्रा हमारे लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। FTA साइन हो गया तो ट्रेड में बूम आएगा। डिफेंस और टेक्नोलॉजी में नए अवसर खुलेंगे। और सबसे बड़ी बात? वैश्विक मंच पर भारत की पोजीशन और मजबूत होगी।

तो अब बस देखना ये है कि अगले 48 घंटे क्या लेकर आते हैं। एक बात तो तय है – ये सिर्फ़ एक यात्रा नहीं, बल्कि इतिहास बनने का मौका है। क्या हम इसका पूरा फायदा उठा पाएंगे? वक्त बताएगा।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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