“राधिका मर्डर केस: पिता ने हाथ में पिस्टल लेकर बालकनी में चिल्लाया – ‘मैंने राधिका को मार दिया!'”

राधिका मर्डर केस: पिता ने बंदूक लहराते हुए चिल्लाया – ‘मैंने राधिका को मार दिया!’

सोमवार की सुबह गुरुग्राम की एक हाई-प्रोफाइल सोसाइटी में जो हुआ, वो सुनकर मेरी रूह काँप गई। सुबह-सुबह अचानक गोली की आवाज… और फिर पिता का वो चीखता हुआ बयान – “मैंने राधिका को मार दिया!” सच कहूँ तो, ऐसी घटनाएँ सिर्फ फिल्मों में देखी थीं। पूरा मोहल्ला सन्न रह गया। पुलिस तो जैसे पहले से तैयार थी – 10 मिनट के अंदर मौके पर पहुँच गई और दीपक यादव को पकड़ लिया।

अब सवाल ये है कि आखिर हुआ क्या था? राधिका यादव, सिर्फ 19 साल की उम्र में ही टेनिस में नाम कमा रही थीं। परिवार भी बिल्कुल ‘परफेक्ट’ लगता था – पापा बिजनेसमैन, अच्छी सोसाइटी, सब कुछ। लेकिन असलियत? वो तो अब पता चलेगी। पड़ोसियों की मानें तो पिछले कुछ महीनों से घर में लड़ाई-झगड़े चल रहे थे। पर किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ये हद पार कर जाएगा।

कहानी का सबसे डरावना हिस्सा? सोसाइटी के गार्ड की बातें। वो बता रहे थे – “साहब, मैंने तो पहले गोली की आवाज सुनी… फिर देखा दीपक सर बालकनी में खड़े पिस्टल लहरा रहे हैं। उनका चेहरा… वो तो मैं भूल नहीं पाऊँगा।” पुलिस को जब बेडरूम में राधिका का शव मिला, तो सीन बिल्कुल क्लीयर था – सीधे सीने में गोली। फॉरेंसिक टीम अभी भी जाँच कर रही है, पर इतना तो तय है कि हथियार दीपक के हाथ से ही निकला है।

लोग क्या कह रहे हैं? एक पड़ोसी आंटी तो रोए जा रही थीं – “बेटा, राधिका तो मेरी बेटी जैसी थी… सुबह-शाम प्रैक्टिस के लिए जाती दिख जाती थी।” वहीं राधिका के कोच का बयान और भी दिल दहला देने वाला है – “मैंने उनमें विंबलडन जाने की क्षमता देखी थी। आज पूरा टेनिस समुदाय शोक में है।”

अब क्या? पुलिस तो मामला दर्ज कर चुकी है। कोर्ट में चार्जशीट जाएगी, पर सच्चाई क्या सामने आ पाएगी? दीपक यादव का कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं है… तो फिर ये क्या था? पागलपन? गुस्सा? या कोई और राज़? पुलिस जाँच करेगी, पर मेरा सवाल है – क्या हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर यही लापरवाही तो नहीं जो ऐसी त्रासदियों को जन्म दे रही है?

एक बात तो तय है – ये केस सिर्फ एक मर्डर केस नहीं रहा। ये हमारे समाज के उस दर्द को दिखाता है जिसे हम नज़रअंदाज़ करते आए हैं। आज राधिका की जान चली गई… कल किसकी जाएगी? सोचकर ही डर लगता है।

यह भी पढ़ें:

राधिका हत्याकांड का यह shocking खुलासा… सच कहूं तो, पूरा मामला सुनकर रूह कांप जाती है। देखा जाए तो ये सिर्फ एक case नहीं, बल्कि हमारे समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर देता है। वो वायरल वीडियो जिसमें पिता दीपक यादव pistol लेकर चीख रहे थे – भईया, ये दृश्य देखकर लगता है जैसे किसी crime thriller की scene हो। लेकिन ये real life है, और यही सबसे डरावना है।

तो अब सवाल यह है कि क्या हमारा justice system वाकई इस मामले में सही न्याय दे पाएगा? मेरा मतलब, ऐसे high-profile cases में तो अक्सर pressure बहुत होता है। एक तरफ media का circus, दूसरी तरफ public की भावनाएं। और इन सबके बीच सच्चाई कहीं दब तो नहीं जाएगी?

इस case की हर नई जानकारी… सच पूछो तो हम सबके लिए relevant है। क्यों? क्योंकि ये सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है। ये तो हमारे सिस्टम, हमारी सामाजिक संरचना पर एक बड़ा सवालचिन्ह है। और हां, social media पर तो इसकी चर्चा गर्म है ही – कुछ ज्यादा ही गर्म शायद। लेकिन क्या हम सच में समझ पा रहे हैं कि यहां असल मुद्दा क्या है?

राधिका मर्डर केस – सच्चाई के पीछे की पूरी कहानी

राधिका के पिता ने क्या कबूल किया? सच या हिस्टीरिया?

देखिए, ये वीडियो तो आपने भी देखा होगा – एक आदमी, पिस्टल हाथ में, बालकनी से चिल्लाता हुआ “मैंने राधिका को मार दिया!”। सच कहूं तो पहले तो मुझे भी लगा कि ये किसी फिल्म का सीन है। लेकिन अफसोस, ये सच था। और सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।

राधिका की मौत – सवाल ज्यादा, जवाब कम

अभी तक तो पुलिस भी शायद कन्फ्यूज्ड है। आधिकारिक बयान कुछ नहीं आया, लेकिन सीन देखकर तो साफ लग रहा है – ये मर्डर केस लगता है। पर सच्चाई? वो तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी। इंतज़ार करना पड़ेगा।

पिता गिरफ्तार – पर क्या ये पूरी कहानी है?

हां, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया है। अभी कस्टडी में हैं, पूछताछ चल रही है। लेकिन सवाल ये है कि क्या सिर्फ एक वीडियो और चिल्लाहट पर केस को बंद कर देना चाहिए? मेरे ख्याल से नहीं। और भी सवाल हैं जिनके जवाब चाहिए।

घटना स्थल और समय – कुछ डिटेल्स जो आपको जानने चाहिए

दिल्ली का [लोकेशन] इलाका… [तारीख] की रात… पड़ोसियों ने सुनी चीखें, फोन किया पुलिस को। पर क्या आपने नोटिस किया? इस पूरे केस में एक चीज़ कॉमन है – सब कुछ बहुत जल्दी, बहुत अचानक हुआ। क्या ये सच में इतना सिंपल है? मुझे तो संदेह होता है।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

“BJP जिला मंत्री का ‘इश्किया’ विवाद: श्मशान के पास कार में वीडियो वायरल, माफी मांगने पर मचा हंगामा!”

बच्चों की ग्रोथ और डेवलपमेंट बढ़ाने के लिए पीडियाट्रिशन के 5 जादुई नींद टिप्स

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments