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रीको रडार से मलबे में जिंदगी की तलाश! सेना के 9 जवान लापता, बचाव अभियान जारी

रीको रडार से मलबे में जिंदगी की तलाश! सेना के 9 जवान लापता, बचाव अभियान जारी

कल दोपहर 1:45 बजे का वो पल… उत्तराखंड के हर्षिल के पास धराली गांव वाले शायद ही कभी भूल पाएं। एकाएक बादल फटा और पूरा इलाका तबाही के मुंह में समा गया। ईमानदारी से कहूं तो, ये कोई सामान्य बारिश नहीं थी – बल्कि जैसे आसमान ही फट पड़ा हो! तब से लेकर अब तक सेना, NDRF और SDRF की टीमें जान की बाज़ी लगाकर काम कर रही हैं। पर सबसे डरावनी बात? हमारे 9 जवान अभी भी गायब हैं। और इन्हें ढूंढने के लिए RICO radar जैसी हाई-टेक मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है।

देखिए, धराली और आसपास के इलाके तो पहाड़ों की गोद में बसे हैं – यहां बादल फटना कोई नई बात नहीं। लेकिन इस बार… अरे भाई, बारिश का कहर ही कुछ और था! नदियों का पानी इतना बढ़ा कि लगने लगा जैसे पहाड़ ही बह जाएंगे। नतीजा? भयानक भूस्खलन जिसमें कई जवान मलबे में दब गए। हालात की गंभीरता देखते हुए बचाव दलों ने तुरंत काम शुरू कर दिया – और वो आज भी जारी है।

अब सवाल यह है कि मलबे के नीचे ज़िंदा लोगों को कैसे ढूंढा जाए? यहीं काम आता है RICO radar सिस्टम – जो मलबे के अंदर की सबसे मामूली हलचल भी पकड़ लेता है। सच कहूं तो, ये टेक्नोलॉजी कमाल की चीज़ है। वहीं NDRF और SDRF के जवान भी अपने खास ट्रेनिंग और उपकरणों के साथ जुटे हुए हैं। मौसम खराब होने के बावजूद हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं। पर दिल दहला देने वाली सच्चाई ये है कि हमारे 9 जवानों का अभी तक कोई पता नहीं।

इस पर सेना प्रमुख का बयान काफी मार्के की बात थी: “हमारी टीमें दिन-रात एक किए हुए हैं। बस एक ही लक्ष्य – हमारे जवानों को सुरक्षित वापस लाना।” वहीं स्थानीय लोगों की बात सुनिए: “यहां बादल फटना तो आम बात है, लेकिन इस बार तो सच में हद हो गई। सरकार को इस इलाके के लिए बेहतर disaster management सिस्टम लाना ही होगा।” राज्य सरकार ने केंद्र से मदद मांगी है और पीड़ितों को हर संभव मदद का वादा किया है।

अगले कुछ घंटे और दिन बेहद अहम होने वाले हैं। मौसम साफ होते ही बचाव कार्य और तेज़ होगा। इस घटना ने उत्तराखंड सरकार को झकझोर कर रख दिया है – अब उन्हें पहाड़ी इलाकों के disaster management पर नए सिरे से सोचना होगा। और हां, अगर जवानों को जल्द नहीं ढूंढा गया, तो इस इलाके में चल रहे सैन्य ऑपरेशन्स पर भी असर पड़ सकता है।

इस वक्त पूरा देश उन 9 जवानों की सलामती के लिए दुआएं कर रहा है। ये घटना एक बार फिर उन कमियों को उजागर कर गई है जो हमारे disaster management में मौजूद हैं। उम्मीद है, इस त्रासदी से सबक लेकर हम भविष्य में बेहतर तैयारी करेंगे। वरना… अफसोस करने से क्या फायदा?

रीको रडार तकनीक, सच कहूं तो, आपदा प्रबंधन में क्रांति ला रही है। सोचिए, जब भूकंप या बिल्डिंग गिरने जैसी आपदा आती है, तो मलबे के नीचे दबे लोगों को ढूंढना कितना मुश्किल होता होगा? लेकिन अब यह तकनीक game-changer साबित हो रही है। असल में, यह न सिर्फ समय बचाती है बल्कि उन पलों को बचाती है जो किसी के लिए पूरी जिंदगी का मतलब होते हैं।

हाल ही में सेना के 9 जवानों के लापता होने की खबर ने सभी को झकझोर दिया। पर अच्छी बात यह है कि उन्हें ढूंढने का अभियान तेजी से चल रहा है। और हम सबकी यही दुआ है कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित घर लौटें। सच में, ऐसी तकनीकें न केवल hope देती हैं बल्कि वाकई में जान बचाती हैं।

इस बचाव मिशन के बारे में और जानना चाहते हैं? हमारे…

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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