अमेरिका vs रूस: क्या भारत फंसने वाला है इस जंग में?
दोस्तों, अंतरराष्ट्रीय राजनीति आजकल एकदम धमाचौकड़ी मचा रही है। वो कहते हैं न, जब दो हाथी लड़ते हैं, तो घास ही कुचली जाती है? अभी कुछ ऐसा ही हाल है। रूस और चीन मिलकर अमेरिका और NATO को टक्कर देने की तैयारी में जुटे हैं – और हैरानी की बात ये कि यूक्रेन वॉर में इस्तेमाल हुई वो सारी चालें अब इस नई जंग में शामिल हो सकती हैं। अब सवाल ये उठता है – क्या भारत को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी? खासकर हमारी पाकिस्तान बॉर्डर वाली चिंता तो बिल्कुल जायज़ है।
पूरा माजरा क्या है?
असल में देखा जाए तो रूस-चीन की ये दोस्ती नई नहीं है। पिछले कुछ सालों से ये दोनों देश सैन्य सहयोग से लेकर आर्थिक मामलों तक में एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं। पर अब बात बिल्कुल अलग हो गई है। यूक्रेन वॉर के बाद रूस NATO को लेकर और आक्रामक हो गया है, वहीं चीन… अरे भई, चीन तो हमारे साथ LAC पर पहले से ही उलझा हुआ है! और इसमें पाकिस्तान का रोल? वो तो जैसे चीन का छोटा भाई बनकर रह गया है। ऐसे में ये नया गठजोड़ भारत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है, समझा जा सकता है।
अभी क्या चल रहा है?
ताज़ा खबरें कुछ यूँ हैं – रूस ने यूक्रेन वॉर में इस्तेमाल की गई वो सारी हाइब्रिड वॉरफेयर टेक्नीक्स चीन के साथ शेयर करने का फैसला किया है। मतलब क्या? साइबर अटैक, फर्जी खबरों का प्रोपेगेंडा, गुरिल्ला वॉरफेयर – ये सब। और हमारी इंटेलिजेंस एजेंसियों को डर है कि पाकिस्तान इन्हीं तकनीकों का इस्तेमाल LOC पर हमारे खिलाफ कर सकता है। अमेरिका तो इसे लेकर पहले ही चेतावनी दे चुका है – उनका कहना है ये “गंभीर खतरा” है। पर सच कहूँ तो, क्या अमेरिका की चेतावनी भी अब कोई सुनता है?
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
हमारे देश के डिफेंस एक्सपर्ट्स की राय? वो कह रहे हैं LOC पर हालात और खराब हो सकते हैं अगर पाकिस्तान को ये टेक्नोलॉजी मिल गई तो। अमेरिका तो इसे “ग्लोबल सेक्योरिटी के लिए खतरा” बता रहा है। वहीं रूस का कहना है – “हम तो बस अपनी सुरक्षा कर रहे हैं”। और चाइना? वो तो इस पूरे मामले को “शांति के लिए जरूरी” बता रहा है। सच्चाई क्या है? शायद इन सबके बीच ही छुपी हुई है।
आगे क्या होगा?
अब सवाल ये है कि भारत को क्या करना चाहिए? एक तरफ तो हमें अपनी बॉर्डर सिक्योरिटी और साइबर डिफेंस को और मजबूत करना होगा। दूसरी तरफ, अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते और गहरे हो सकते हैं। पर सबसे बड़ा सवाल – क्या पाकिस्तान फिर से कोई नाटक करेगा? अगर हाँ, तो LOC पर तनाव बढ़ना तय है। और वैश्विक स्तर पर? रूस-चीन बनाम NATO की ये लड़ाई और तेज होगी, जिसका असर सीधे हमारी कूटनीति और सुरक्षा पर पड़ेगा।
आखिर में बस इतना कहूँगा – ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। जैसे चेस का कोई बड़ा मूव होता है वैसा ही कुछ यहाँ भी हो रहा है। भारत को अब अपनी रणनीति बिल्कुल साफ रखनी होगी – न सिर्फ सैन्य तैयारियों में, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी। सरकार और सिक्योरिटी एजेंसियों को तो पूरी सतर्कता बरतनी ही होगी, पर हम नागरिकों को भी इस बारे में जागरूक रहना चाहिए। क्योंकि अंत में, देश की सुरक्षा हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। है न?
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com