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“वीजा खत्म होने के बाद भी रशियन महिला ने भारत में कैसे जन्म दिया बच्चे को? पूरा सच जानकर रह जाएंगे हैरान!”

वीजा खत्म होने के बाद भी यह रशियन महिला भारत में कैसे रह पाई? पूरी कहानी जानकर आपका दिमाग चकरा जाएगा!

सुनिए, कर्नाटक के गोकर्ण की एक गुफा में रहने वाली इस रूसी महिला नीना कुटिना (या जिन्हें लोग मोही बुलाते हैं) की कहानी तो किसी फिल्म से कम नहीं है। सोचिए, वीजा खत्म होने के बाद भी उन्होंने भारत में ही अपनी बेटी को जन्म दिया! अब यहाँ दो बातें हैं – एक तो यह कि यह घटना उनकी बिल्कुल अलग जीवनशैली को दिखाती है, और दूसरा… यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या हमारे वीजा नियमों में इंसानियत के लिए कोई जगह है? नीना पिछले कुछ समय से अपनी दो बेटियों के साथ इस गुफा में रह रही थीं। और भईया, यह किस्सा सिर्फ प्रशासन ही नहीं, आम लोगों के बीच भी खूब चर्चा का विषय बना हुआ है।

पहले जानते हैं – आखिर ये नीना कुटिना हैं कौन?

40 साल की नीना, जिन्हें मोही भी कहा जाता है, रूस से हैं। पर यहाँ बात दिलचस्प हो जाती है – वह कोई अध्यात्मिक साधना के लिए नहीं, बल्कि बस एक सादा जीवन जीने के लिए भारत आई थीं। अब समस्या यह हुई कि उनका वीजा तो खत्म हो गया, लेकिन वह यहीं रुक गईं। और फिर तो जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा – इसी दौरान उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दे दिया! सच कहूँ तो, यह मामला और भी पेचीदा हो गया है।

वीजा नियम तोड़ने से लेकर डिलीवरी तक – पूरी कहानी

नीना मानती हैं कि उन्हें पता था कि वीजा नियम तोड़ रही हैं। पर सवाल यह है – क्या उनके पास कोई और चारा था? असल में, स्थानीय प्रशासन और हॉस्पिटल वालों ने मानवता दिखाते हुए उनकी मदद की। नतीजा? एक स्वस्थ बच्ची का जन्म। है न कमाल की बात? नीना बताती हैं कि वह और उनकी बेटियाँ जंगल के पास रहकर खुश थीं। हालाँकि गुफा गाँव के पास ही थी, लेकिन उनकी यह लाइफस्टाइल लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन गई।

लोगों की क्या राय है? कुछ तारीफ, कुछ आलोचना

इस मामले ने तो जैसे पूरे इलाके में तूफान ला दिया! कुछ लोग नीना की हिम्मत की दाद दे रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि नियम तो नियम होते हैं। प्रशासन वालों ने बताया कि वे मामले की जाँच कर रहे हैं, लेकिन इंसानियत के नाते मदद जरूर की। वहीं कुछ सोशल वर्कर्स ने प्रवासी महिलाओं के लिए बेहतर कानूनी सिस्टम की माँग भी उठाई है।

अब आगे क्या? भविष्य अभी धुंधला सा है

सच पूछो तो नीना और उनकी बेटियों का आगे का रास्ता बिल्कुल साफ नहीं है। वीजा नियम तोड़ना कोई मामूली बात तो है नहीं। प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि उन्हें विशेष अनुमति दी जाए या देश छोड़ने को कहा जाए। यह मामला वाकई एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या कानून और इंसानियत के बीच कोई मध्यमार्ग हो सकता है?

आखिर में – कानून या फिर इंसानियत?

नीना की यह कहानी हमें एक मुश्किल सवाल के सामने खड़ा कर देती है। एक तरफ तो उन्होंने अपनी बेटी को सुरक्षित जन्म देने के लिए भारत में रहने का फैसला किया – जो एक माँ के तौर पर समझ आता है। लेकिन दूसरी ओर, वीजा नियमों को तोड़ना भी तो गलत ही है न? अब सबकी निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं, क्योंकि उनका अगला कदम ही नीना और उनकी बेटियों का भविष्य तय करेगा। सच कहूँ तो, यह कोई आसान फैसला नहीं होगा।

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1. क्या वीजा एक्सपायर हो जाने पर भी विदेशी महिलाएं भारत में डिलीवरी करवा सकती हैं?

सुनकर थोड़ा अजीब लगता है न? पर हां, ऐसा हो सकता है। असल में, मेडिकल इमरजेंसी में नियम थोड़े लचीले हो जाते हैं। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला वीजा ओवरस्टे कर रही है और उसकी हालत गंभीर है, तो ह्यूमैनिटेरियन ग्राउंड्स पर उसे रहने दिया जाता है। लेकिन यहां एक बात – ये कोई आम बात नहीं है। हर केस को अलग से देखा जाता है।

2. ऐसे में माँ और बच्चे की क्या स्थिति होगी? सिटीजनशिप मिलेगी क्या?

अरे नहीं! ये गलतफहमी बहुत लोगों को होती है। भारत में जन्म लेने मात्र से कोई भारतीय नागरिक नहीं बन जाता। अमेरिका जैसे देशों की तरह यहां ‘जस सॉलि’ का नियम नहीं है। और माँ के लिए? वीजा एक्सपायर होने पर फाइन तो लग सकता है, पर डिलीवरी के वक्त कुछ राहत भी मिल जाती है। पर सच कहूं तो, ये पूरी तरह अधिकारियों की सहानुभूति पर निर्भर करता है।

3. क्या सरकार या दूसरे संगठन मदद करते हैं ऐसे केस में?

देखिए, भारत सरकार पूरी तरह बेरुखी नहीं दिखाती। मेडिकल इमरजेंसी हो तो लोकल अथॉरिटीज हस्तक्षेप कर सकती हैं। मेरा एक दोस्त दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करता है – उसने बताया कई बार एनजीओ या हॉस्पिटल खुद ही फाइनेंशियल सपोर्ट दे देते हैं। खासकर अगर केस वाकई में सेंसिटिव हो। लेकिन ये सब थोड़ा लकी ड्रॉ जैसा है।

4. सबसे जरूरी – कौन से डॉक्युमेंट्स चाहिए होंगे?

अब ये सबसे क्रिटिकल पार्ट है। पहली बात तो – अपना पासपोर्ट और एक्सपायर्ड वीजा तो रखना ही होगा। उसके साथ मेडिकल रिपोर्ट्स और हॉस्पिटल रिकॉर्ड्स का पूरा बंडल तैयार रखें। बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाना तो बेसिक है ही। एक सलाह और – किसी अच्छे लीगल एक्सपर्ट से बात जरूर कर लें। और हां, अपने देश के एंबेसी को इन्फॉर्म करना न भूलें। वरना बाद में दिक्कत हो सकती है।

एक बात और – ये सब पढ़कर ये मत सोच लेना कि वीजा एक्सपायर होने पर भारत में डिलीवरी करवाना कोई आसान विकल्प है। नहीं भई! ये सिर्फ इमरजेंसी सिचुएशन के लिए है। वरना तो वीजा रिन्यू करवाना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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