ED ने पकड़ा बड़ा मामला: भेड़ों के नाम पर 1000 करोड़ की लूट!
अरे भई, ED वाले तो इस बार बड़ी मछली पकड़ लाए हैं! सुनकर हैरान रह जाएंगे – 200 से ज़्यादा फर्जी बैंक अकाउंट्स, 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी… और सब भेड़ों के नाम पर! है ना मज़ेदार? पर असल में ये कोई मज़ाक नहीं है। सरकार की भेड़ पालन योजना को ही चुन-चुन कर लूटा गया। सच कहूं तो, ये केस तो साफ दिखाता है कि हमारे सिस्टम में कितने छेद हैं।
पूरी कहानी क्या है?
देखिए न, सरकार ने तो अच्छा इरादा रखा था – गांव के लोगों को भेड़ पालने के लिए पैसे देने की योजना बनाई। लेकिन हमारे देश के कुछ ‘बुद्धिमान’ लोगों को तो हर चीज में गड़बड़ करने का शौक है। उन्होंने सोचा क्यों न कागज़ी भेड़ बनाकर पैसे लूट लिए जाएं? और बस, शुरू हो गया फर्जी किसानों के नाम पर अकाउंट खोलने का सिलसिला।
अब सवाल ये उठता है कि पकड़ा कैसे गया? तो सुनिए, असली किसानों ने जब देखा कि उन्हें पैसे नहीं मिल रहे, तो उन्होंने शोर मचा दिया। और फिर ED वालों ने तो जैसे छान-बीन शुरू की, तो एक के बाद एक खुलासे होते चले गए। पता चला कि ये कोई अकेला शख्स नहीं, बल्कि पूरा गिरोह काम कर रहा था।
अभी तक क्या हुआ है?
ED की टीम ने तो जैसे धमाल मचा दिया! राजस्थान, हरियाणा, UP – एक के बाद एक राज्यों में छापे पड़े। 5 लोग गिरफ्तार, जिनमें एक तो बैंक मैनेजर ही निकला! यानी बैंक के अंदर के लोग भी शामिल थे। अब आप ही बताइए, जब अंदर के लोग ही चोर निकलें, तो सिस्टम कैसे सुरक्षित रहेगा?
अब तक तो 10 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त हो चुकी है – कैश, ज्वैलरी, डॉक्यूमेंट्स सब कुछ। पर सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस मामले में विदेशी कनेक्शन भी हो सकते हैं। ED वाले कह रहे हैं कि कुछ लोगों के फॉरेन बैंक अकाउंट्स की भी जांच चल रही है। ये तो गोलमाल और भी बड़ा होता जा रहा है!
किसका क्या रिएक्शन है?
इस मामले ने तो राजनीति को गरमा दिया है। वित्त मंत्रालय वाले कह रहे हैं कि सख्त कार्रवाई होगी। विपक्ष वालों ने तो सीधे सरकार को घेर लिया है – “निगरानी कहाँ थी?” वगैरह-वगैरह।
किसान नेता तो बिल्कुल गुस्से में हैं। उनका सीधा सवाल है – जिन असली किसानों का पैसा चोरी हुआ, उन्हें तुरंत मुआवजा कब मिलेगा? सोशल एक्टिविस्ट्स की मांग है कि योजनाओं को और पारदर्शी बनाया जाए। पर सच तो ये है कि ऐसी मांगें हम हर घोटाले के बाद सुनते हैं, फिर भी…
अब आगे क्या?
अभी तो ये केस पूरी तरह खुला ही नहीं है। ED वाले कह रहे हैं कि और राज्यों में भी ऐसे ही केस हो सकते हैं, उनकी भी जांच होगी। आरोपियों पर PMLA के तहत केस चलेगा, जिसमें सजा काफी सख्त है।
सरकार ने अब योजना को डिजिटल बनाने की बात कही है। जनजागरूकता अभियान चलाने की भी योजना है। पर सच पूछो तो, कागज़ों में तो हम हमेशा से ही अच्छे रहे हैं। असल सवाल ये है कि जमीन पर क्या होगा?
एक बात तो तय है – ये घोटाला फिर से याद दिलाता है कि हमारे सिस्टम में कितनी कमियाँ हैं। ED की कार्रवाई अच्छी है, पर सुधार की ज़रूरत तो अभी भी बनी हुई है। वैसे भी, हमारे देश में तो ऐसा लगता है कि घोटाले खत्म होने का नाम ही नहीं लेते!
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ED की ये जांच तो एक बार फिर साबित कर गई कि काले धन का खेल कितना बड़ा और पुख्ता है। सोचिए, 200 fake accounts! और उनके जरिए 1000 करोड़ रुपये की हेराफेरी? ये सिर्फ एक घोटाला नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कमजोरियों को बेनकाब करने वाली घटना है।
अब सवाल यह है कि ऐसे scams पर कैसे लगाम लगे? क्योंकि आम आदमी का पैसा तो दांव पर लगा हुआ है। और हां, सख्त कार्रवाई और पारदर्शिता की मांग तो बनती ही है। वरना, ये खेल चलता रहेगा।
सच कहूं तो, इस तरह के मामलों में तुरंत एक्शन लेना उतना ही जरूरी है जितना कि आग लगने पर फायर ब्रिगेड को बुलाना। देर करने का मतलब है… और ज्यादा नुकसान।
ED का भेड़ घोटाला: 200 फर्जी अकाउंट्स, 1000 करोड़ का खेल… और कुछ सवाल?
सुनकर हैरानी होगी, लेकिन यह सच है! भेड़ों के नाम पर इतना बड़ा घोटाला? अब आप सोच रहे होंगे – “ये कैसे हुआ?” तो चलिए, बात करते हैं इस पूरे मामले की…
1. ED को पता कैसे चला? जांच में क्या सामने आया?
देखिए, ED की टीम ने जब खोजबीन शुरू की, तो पाया कि मामला सिर्फ कुछ लाख का नहीं, बल्कि पूरे 1000 करोड़ का है! है ना चौंकाने वाला? असल में, कुछ चालाक लोगों ने Sheep Rearing Scheme के नाम पर 200 से भी ज़्यादा फर्जी बैंक अकाउंट्स बना डाले। और तो और, ये सब इतने स्मूथली किया गया कि सालों तक किसी को शक तक नहीं हुआ।
2. घोटाले के पीछे कौन-कौन हैं? गिरफ्तारियां हुईं?
अब यहाँ मज़ा आता है। इस ‘गैंग’ में सब शामिल थे – बिजनेसमैन, बैंक वाले, यहाँ तक कि सरकारी योजना के लाभार्थी भी! ED ने अब तक कई लोगों को पकड़ लिया है, लेकिन मेरा मानना है कि अभी और नाम सामने आने बाकी हैं। क्योंकि ऐसे बड़े घोटाले अकेले नहीं होते, है ना?
3. ये सब कहाँ हुआ? किस राज्य की बात हो रही है?
जानकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन ये घोटाला [राज्य का नाम] में हुआ है। जी हाँ, वही राज्य जहाँ भेड़ पालन को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चल रही थीं। अब सवाल यह है कि क्या पैसा भेड़ों पर खर्च हुआ, या किसी की जेब में गया?
4. ED ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
तो सुनिए, ED ने तो जैसे पूरा ‘ऑपरेशन’ ही शुरू कर दिया है। PMLA के तहत केस दर्ज, प्रॉपर्टीज सीज… बस! लेकिन मेरी नज़र में, ये तो सिर्फ शुरुआत है। क्योंकि जब तक बड़े मछलियाँ नहीं पकड़ी जातीं, तब तक… आप समझ गए ना?
एक बात और – अभी तो सिर्फ ED की जारी है। CBI कब तक आएगी? वो तो अलग ही कहानी होगी!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com