सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला जिसने बीमा कंपनियों को दी ‘सांस लेने की छूट’
अब तक तो आपने भी सुना होगा – कोई शराब पीकर गाड़ी चलाता है, स्टंट करता है या फिर रेस लगाता है, और हादसा हो जाता है। फिर क्या? बीमा कंपनी से मुआवजा! लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक ऐसा फैसला सुनाया है जो शायद आपको हैरान कर दे। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर हादसा ड्राइवर की अपनी लापरवाही से हुआ है, तो बीमा कंपनियों को मुआवजा देने की ज़रूरत नहीं। सच कहूं तो, ये फैसला उतना ही बड़ा है जितना कि सुबह की चाय के साथ समोसे का होना!
पूरा मामला क्या है?
असल में बात ये थी कि पहले के नियमों में एक अजीब सी खामी थी। मान लीजिए आपने बिना हेलमेट के बाइक चलाई, एक्सीडेंट हो गया – तो भी बीमा कंपनी को भरना पड़ता था मुआवजा। थोड़ा अजीब लगता है न? यही सवाल कोर्ट के सामने भी आया। और देखिए न्यायमूर्तियों ने क्या तीर मारा – अब अगर ड्राइवर ने जानबूझकर लापरवाही की है (जैसे नशे में ड्राइविंग या रेसिंग), तो बीमा कंपनी ‘नो’ बोल सकती है। एकदम सही फैसला, है न?
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
सुनिए, कोर्ट ने बिल्कुल साफ शब्दों में कहा है कि बीमा का मतलब ये नहीं कि आप जो मर्जी करें! कुछ प्रमुख बातें:
– अगर ड्राइवर ने जानबूझकर नियम तोड़े हैं (जैसे ओवरस्पीडिंग या स्टंट)
– अगर हादसे में ड्राइवर की गलती साबित हो जाए
तो बीमा कंपनी मुआवजा देने से मना कर सकती है। सच कहूं तो, ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे आप किसी को अपना फोन तोड़ने दें और फिर उससे ही मरम्मत का पैसा मांगें!
लोग क्या कह रहे हैं?
अब ज़ाहिर है, बीमा कंपनियां तो खुशी से झूम रही होंगी। उनका कहना है कि इससे फर्जी केस कम होंगे। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स की चिंता भी है – कहीं ये न हो कि असली पीड़ितों को न्याय न मिले। सोशल मीडिया पर तो माजरा और भी दिलचस्प है – कुछ लोग इसे ‘गेम चेंजर’ बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि अब बीमा कंपनियां मनमानी करेंगी। आपकी क्या राय है?
आगे क्या होगा?
अब देखना ये है कि:
1. क्या बीमा कंपनियां नई पॉलिसियों में ‘लापरवाही’ को एक्सक्लूड कर देंगी?
2. क्या ये फैसला ड्राइवर्स को ज़्यादा जिम्मेदार बनाएगा?
3. और सबसे बड़ा सवाल – क्या इसका गलत फायदा नहीं उठाया जाएगा?
एक बात तो तय है – अब से पहले की तरह बेफिक्र होकर नियम नहीं तोड़े जा सकते। वैसे भी, सुरक्षित ड्राइविंग ही सबसे अच्छी पॉलिसी है, है न? 😉
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com