तेजस्वी यादव पर BJP का बड़ा दावा: क्या सच में दो Voter ID बनवाए हैं?
अरे भई, राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव फिर से सुर्खियों में हैं। और इस बार BJP ने उन पर ऐसा आरोप मढ़ा है कि सुनकर आपका सिर चकरा जाएगा! पार्टी का दावा है कि तेजस्वी के पास दो अलग-अलग Voter ID कार्ड हैं। सच क्या है? चुनाव आयोग ने तो यह कहकर पलटवार किया है कि तेजस्वी का नाम मतदाता सूची में है और हटाने की बात बकवास है। लेकिन सवाल यह है कि फिर BJP इतने जोर से आरोप क्यों लगा रही है?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, BJP का कहना है कि तेजस्वी के पास दो EPIC नंबर हैं – एक पटना का और एक दिल्ली का। अब यहां मजेदार बात यह है कि 1 अगस्त को आयोग ने खुद मतदाता सूची में तेजस्वी का नाम होने की पुष्टि की है। पर कुछ मीडिया वालों ने तो यहां तक कह दिया था कि उनका नाम सूची से हटा दिया गया है। कन्फ्यूजन की स्थिति है, है न?
एक तरफ तो BJP जोर-शोर से आरोप लगा रही है, दूसरी तरफ आयोग का कहना है कि सब कुछ ठीक है। ऐसे में आम जनता किस पर यकीन करे? मैं तो यही कहूंगा कि थोड़ा और इंतजार करना होगा।
राजनीति गरमाई, प्रतिक्रियाएं तीखी
BJP ने तो इस मामले को लेकर आयोग से तुरंत जांच की मांग कर डाली है। उनका कहना है कि दो Voter ID रखना कानूनन गलत है। और सच कहूं तो यह बात तो सही है – एक आदमी, एक वोट का सिद्धांत तो हमारे संविधान में है न!
वहीं RJD वालों ने तो BJP पर सीधे निशाना साध दिया। उनका कहना है कि यह सब राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है। एक RJD नेता ने तो बड़ी मजेदार बात कही – “BJP वालों को हार का डर सताने लगा है, इसलिए झूठे मामले बना रहे हैं।” वाह, क्या जवाब दिया है!
अब आगे क्या?
असल सवाल यह है कि अब क्या होगा? मेरे हिसाब से तीन संभावनाएं हैं:
1. आयोग जांच करेगा और अगर आरोप सही निकले, तो तेजस्वी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है
2. सब कुछ झूठा निकला तो BJP की बोलती बंद हो जाएगी
3. सबसे मजेदार – यह मामला ऐसे ही लटका रहेगा और चुनाव आते-आते भूल जाएंगे!
एक बात तो तय है – बिहार की राजनीति में यह नया ट्विस्ट जरूर चर्चा का विषय बना रहेगा। और हां, अब तो आयोग के अगले कदम का इंतजार है। क्या पता कल कोई नया मोड़ आ जाए!
[साइड नोट: अगर आपको लगता है कि यह केस आपके वोटर ID से जुड़ा है, तो Electoral Search पर जाकर अपना नाम चेक कर लें। Better safe than sorry!]
देखा जाए तो BJP के आरोपों ने तेजस्वी यादव को फिर से उसी जगह पहुंचा दिया है – विवादों के बीच। और सच कहूं तो, EPIC नंबर और चुनाव आयोग वाला मामला तो राजनीति के गलियारों में बवाल मचा ही रहा है। अब सवाल यह है कि यह सिलसिला कहां तक जाएगा? क्योंकि चुनावी नैतिकता पर इसका असर तो पड़ेगा ही – पर कितना? वही देखना दिलचस्प होगा।
और हां, एक बात तो तय है – यह मामला अभी और गरमाएगा। जैसे गर्मियों में बिजली का बिल। सच में।
तेजस्वी यादव और दो वोटर कार्ड वाला विवाद – जानिए पूरा मामला
BJP तेजस्वी यादव पर क्या आरोप लगा रही है?
देखिए, मामला कुछ यूं है – BJP का दावा है कि तेजस्वी यादव के नाम से दो अलग-अलग वोटर ID कार्ड बने हुए हैं। और ये कोई बिना सबूत का आरोप नहीं है। उनका कहना है कि EPIC नंबर और चुनाव आयोग के अपने ही डेटा से ये बात सामने आई है। अब सवाल यह है कि क्या सच में ऐसा हुआ है?
क्या कानूनन दो वोटर कार्ड रखना सही है?
सीधा जवाब – बिल्कुल नहीं! यह उतना ही गलत है जितना कि एक ही समय पर दो जगह वोट डालना। हमारे देश के नियम साफ कहते हैं कि एक नागरिक का सिर्फ एक ही वोटर कार्ड हो सकता है। दो कार्ड? वो तो सीधे-सीधे कानून को चुनौती देने जैसा है। और इसकी सजा भी हो सकती है, ये बात याद रखिएगा।
चुनाव आयोग ने अब तक क्या किया है?
असल में, अभी तक तो चुनाव आयोग की तरफ से कोई official बयान नहीं आया है। लेकिन ये जरूर पता चला है कि मामले की जांच चल रही है। आयोग ने सभी पक्षों से उनका पक्ष जानना चाहा है। सच क्या है? ये तो वक्त ही बताएगा।
EPIC नंबर की अहमियत क्या है?
अरे, EPIC नंबर तो वोटर ID की जान होता है! ये unique identification नंबर हर कार्ड पर अलग-अलग होता है, जैसे आपके आधार कार्ड का नंबर। इसका मतलब? एक इंसान = एक वोटर कार्ड। अगर किसी के नाम से दो EPIC नंबर मिलते हैं, तो समझ जाइए कि ये electoral fraud के दायरे में आ सकता है। गंभीर बात है, है न?
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