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“ट्रंप का बड़ा ऐलान: कनाडा पर 35% टैरिफ! क्या ट्रेड वॉर की शुरुआत? जानें पूरी खबर”

ट्रंप ने फिर छेड़ दी बवाल की बयार: कनाडा पर 35% टैरिफ! क्या अब ट्रेड वॉर होगा?

अरे भई, अमेरिकी राजनीति में बोरिंग होने का मौका कब मिलता है? खासकर जब डोनाल्ड ट्रंप मैदान में हों! पिछले दिनों उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जिसने सिर्फ वॉशिंगटन ही नहीं, बल्कि ओटावा के दफ्तरों में भी चाय की चुस्कियों के बीच गर्मागर्म बहस छेड़ दी है। ट्रंप साहब ने कनाडा पर 35% टैरिफ लगाने की धमकी दे डाली। और साथ में यह चेतावनी भी – “अगर तुमने जवाबी कार्रवाई की, तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे!” सीधे शब्दों में कहें तो यह दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव को नई ऊंचाई पर ले जाने जैसा है।

पुरानी रंजिश, नया अध्याय

असल में देखा जाए तो अमेरिका और कनाडा का रिश्ता वैसा ही है जैसे पड़ोस में रहने वाले दो भाई – एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते, लेकिन लड़ते भी खूब हैं! USMCA (US-Mexico-Canada Agreement) जैसे समझौतों ने थोड़ा सुकून जरूर दिया, पर मनमुटाव खत्म नहीं हुआ। याद है न, ट्रंप ने पहले भी स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ लगाकर कनाडा को नाराज कर दिया था? उस वक्त भी कनाडा ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर टैक्स बढ़ा दिया था। और अब तो कनाडा ने अमेरिकी किसानों को निशाना बनाकर प्रतिबंधों की बौछार कर दी है। सोचिए, ट्रंप चुप कैसे बैठते?

“अमेरिका फर्स्ट” का नया अवतार

यह तो आप जानते ही हैं कि ट्रंप साहब को अपनी “America First” नीति से कितना प्यार है। उनका कहना है कि कनाडा अमेरिका के साथ अन्याय कर रहा है। इस नए टैरिफ का सबसे ज्यादा असर तो ऑटोमोबाइल, लकड़ी और डेयरी उत्पादों पर पड़ेगा – यानी वो सब चीजें जो कनाडा अमेरिका को बड़े पैमाने पर बेचता है। कनाडा सरकार अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोली है, लेकिन सूत्रों की मानें तो ओटावा में जवाबी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। अब देखना यह है कि यह खेल कितना आगे जाता है!

विशेषज्ञों की राय: क्या कहते हैं जानकार?

इस घोषणा ने तो जैसे हलचल मचा दी है! अमेरिकी ट्रेड एक्सपर्ट्स चिल्ला रहे हैं कि यह कदम ग्लोबल ट्रेड वॉर को जन्म दे सकता है। और हां, इसका सीधा असर तो अमेरिकी उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा – महंगाई बढ़ेगी ही। वहीं कनाडाई ट्रेड एसोसिएशन्स तो बिल्कुल गुस्से में हैं। उनका कहना है कि यह तो सीधे-सीधे स्मॉल बिजनेसेस पर हमला है। और राजनीति के पंडित? वे तो यही कह रहे हैं कि यह सब 2024 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन की तैयारी है। ट्रंप अपने वोट बैंक को मजबूत करने की फिराक में हैं।

आगे क्या? कुछ अंदाजा लगा पा रहे हैं?

अब सवाल यह है कि अगर कनाडा ने रिटेलिएटरी टैरिफ लगा दिए, तो क्या होगा? देखिए, यह स्थिति बिल्कुल उस लड़ाई जैसी हो जाएगी जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे को धक्का देते रहते हैं और अंत में दोनों ही गिर पड़ते हैं। पूरा का पूरा USMCA समझौता ही दांव पर लग सकता है। और जब दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आपस में भिड़ती हैं, तो पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था हिल जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो यह सिर्फ अमेरिका-कनाडा का मसला नहीं रह जाएगा, बल्कि पूरे उत्तरी अमेरिका की आर्थिक स्थिरता को चुनौती देने वाला होगा। सच कहूं तो, स्थिति गंभीर है। पर क्या ट्रंप को यह सब परवाह है? शायद नहीं!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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