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ट्रंप ने लगाए 70% तक के ‘पारस्परिक’ टैरिफ: ‘हम उन्हें सौदा दे रहे हैं’

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ट्रंप का बड़ा झटका: ‘अगर आप हम पर टैक्स लगाओगे, तो हम भी लगाएंगे!’ 70% टैरिफ की धमकी

अरे भई, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक ऐसा बयान दिया जिसने पूरी दुनिया के व्यापारिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया। असल में बात ये है कि उन्होंने कहा – जो देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर दस्तखत नहीं करेंगे, उन पर “reciprocal” यानी ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ लगेगा। और यहाँ मजा आ गया – ये टैरिफ 60% से लेकर 70% तक हो सकते हैं! ट्रंप ने इसे “बार्गेनिंग चिप” बताया, मतलब सौदेबाजी का हथियार। पर सच कहूँ तो, ये अमेरिकी उद्योगों को बचाने की एक बड़ी चाल लगती है। देखा जाए तो ये अमेरिकी व्यापार नीति में भूचाल जैसा बदलाव है।

पूरी कहानी क्या है?

देखिए, ट्रंप प्रशासन तो लंबे समय से दुनिया भर में ‘अनफेयर’ ट्रेड प्रैक्टिसेज के खिलाफ भाषण देता आया है। पिछले कुछ सालों में चीन, European Union और Canada जैसे देशों पर टैरिफ लगाने के मामले तो आम हो गए थे। लेकिन इस बार की बात ही अलग है। अब अमेरिका का नया नियम है – “जितना तुम हम पर लगाओगे, उतना हम तुम पर लगाएंगे!” सीधी सी बात है न? ये नीति दरअसल दो मकसद से बनाई गई है – अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट कम करना और अपने घरेलू उद्योगों को मजबूत बनाना।

क्या-क्या है इस नई नीति में?

ट्रंप साफ-साफ कह चुके हैं कि ये टैरिफ “बहुत जल्द” लागू होने वाले हैं। और हैरानी की बात ये कि कुछ मामलों में ये 70% तक पहुँच सकते हैं! अब सोचिए, जिन देशों ने लंबे समय से अमेरिकी सामान पर भारी टैक्स लगा रखे हैं, उन पर ये क्या बीतेगी? हालांकि USTR (United States Trade Representative) ने कई देशों के साथ डील कर ली है, पर कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी भी इससे बाहर हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ये चाल सीधे-सीधे China और European Union को निशाने पर लेती है।

दुनिया की क्या प्रतिक्रिया है?

इस घोषणा ने तो जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूफान ला दिया है। ट्रेड एक्सपर्ट्स की चेतावनी है कि इससे ग्लोबल ट्रेड वॉर का खतरा बढ़ सकता है। European Union और China तो पहले ही अमेरिकी टैरिफ के जवाब में कड़े कदम उठा चुके हैं। और अब? अब तो और भी तेज प्रतिक्रिया आने वाली है। अमेरिका के अंदर भी राय बंटी हुई है – कुछ व्यापारिक संगठन इसे “जोखिम भरा” कह रहे हैं, तो कुछ उद्योग समूह खुलकर इसका समर्थन कर रहे हैं।

आगे क्या होगा?

अगले कुछ हफ्तों में अमेरिकी सरकार उन देशों की लिस्ट जारी कर सकती है जिन पर ये भारी-भरकम टैरिफ लगेंगे। इंटरनेशनल मार्केट्स में तो पहले से ही खलबली मची हुई है, खासकर उन देशों की करेंसीज को लेकर जो अमेरिका के साथ ट्रेड पर ज्यादा निर्भर हैं। अगर दूसरे देश भी जवाबी टैरिफ लगाते हैं… तो समझ लीजिए global supply chain और economic growth दोनों को झटका लगेगा। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये ट्रंप का 2024 चुनावों से पहले “America First” एजेंडे को आगे बढ़ाने की सोची-समझी रणनीति है।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है – क्या अमेरिका वाकई में ग्लोबल ट्रेड सिस्टम का नेता बना रहेगा? अब देखना ये है कि ये कड़वी दवा अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित होगी… या फिर पूरी दुनिया को मंदी की ओर धकेल देगी। क्या पता, शायद दोनों ही हो जाए!

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1. भईया, ट्रंप ने अचानक 70% टैरिफ का बम क्यों फोड़ दिया?

देखिए, ट्रंप का तर्क सीधा है – “जैसे को तैसा”। अगर कोई देश USA पर high टैरिफ लगाता है, तो वो भी उन्हें वही दवा देगा। उनका कहना है कि ये trade deals को थोड़ा और fair बनाने का तरीका है। पर सवाल ये है कि क्या ये तरीका सच में काम करेगा? हमें तो थोड़ा शक है…

2. अरे भाई, इसका आम अमेरिकी consumers पर क्या असर होगा?

सीधी बात? आपकी जेब पर चोट! Imported सामान महंगा होगा – mobile से लेकर कार तक। ट्रंप कह रहे हैं कि long-term में ये फायदेमंद होगा, लेकिन short-term में? एकदम ज़बरदस्त झटका। सच कहूं तो मुझे लगता है middle class को सबसे ज्यादा भुगतना पड़ेगा।

3. ये टैरिफ किन-किन देशों को लगेंगे? और किस चीज़ पर?

अभी तक तो China और EU की बारी है – खासकर steel, aluminum और technology products। मजे की बात ये कि ट्रंप administration ने एक तरह की “टैरिफ हिट लिस्ट” बना रखी है। जो देश USA के सामान पर जितना ज्यादा टैक्स लगाता है, उसका नाम इस लिस्ट में ऊपर होगा। चालाकी है न?

4. सबसे बड़ा सवाल – क्या ये एक नई trade war की शुरुआत है?

ईमानदारी से? हां, खतरा तो है। जब आप ऐसे tariffs लगाते हैं, तो दूसरे देश भी तो जवाब देंगे न? Experts कह रहे हैं कि global economy के लिए ये अच्छा संकेत नहीं है। पर ट्रंप को तो अपने “अमेरिका फर्स्ट” वाले agenda से प्यार है। तो अब देखना ये है कि ये चाल काम करती है या उल्टा पड़ जाती है।

एक बात और – क्या आपने notice किया कि ये सारे tariffs election year में आए हैं? है न दिलचस्प?

Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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