अमेरिका ने जापान से लेकर मलेशिया तक 40% टैरिफ ठोक दिया! क्या ये ट्रंप की नीतियों का अगला चैप्टर है?
अरे भाई, अमेरिकी सरकार ने तो इस बार बड़ा धमाकेदार फैसला लिया है! जापान, दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे एशियाई देशों पर 40% का टैरिफ लगाने का ऐलान करके उन्होंने वैश्विक व्यापार को हिला दिया है। सच कहूं तो, ये ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ वाले एजेंडे की ही अगली कड़ी लगती है। अमेरिकी प्रशासन का दावा है कि ये कदम उनके घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए है… पर क्या सच में?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, अमेरिका का ये पहला टैरिफ ड्रामा नहीं है। 2018 में ट्रंप ने चीन के साथ जो टैरिफ वॉर छेड़ा था, वो तो आपको याद ही होगा। अबकी बार निशाने पर हैं स्टील, ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स – यानी वो सामान जो अमेरिका बड़ी मात्रा में इम्पोर्ट करता है। मजे की बात ये कि अमेरिकी कंपनियों को फायदा होगा, ये तो ठीक है… लेकिन क्या इससे उनके उत्पादों की क्वालिटी और कीमत में सुधार आएगा? ये तो वक्त ही बताएगा।
कब से शुरू हो रहा है ये सब?
तो सुनिए, USTR (यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव) की मुहर लगने के बाद ये नई टैरिफ पॉलिसी 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। और हां, सिर्फ जापान-कोरिया ही नहीं, वियतनाम और थाईलैंड भी इसकी चपेट में आएंगे। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इससे उनके घरेलू प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ेगी… पर एक सवाल – क्या अमेरिकी कंपनियां इतनी कैपेसिटी रखती हैं कि पूरी मांग पूरी कर सकें? शायद नहीं!
दुनिया की क्या प्रतिक्रिया है?
अब यहां मजा आ गया! जापान तो बिल्कुल नाराज है – WTO में केस करने की धमकी दे रहा है। कोरिया वालों ने थोड़ा सॉफ्ट रुख अपनाया है, बातचीत का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं। और तो और, अमेरिका के अपने बिजनेस ग्रुप्स भी दो राय दे रहे हैं – एक तरफ तो घरेलू इंडस्ट्री को फायदा, दूसरी तरफ सप्लाई चेन का खतरा। कन्फ्यूजन की स्थिति, है न?
आगे क्या हो सकता है?
असल में, ये तो सिर्फ शुरुआत है। एक्सपर्ट्स की मानें तो:
– प्रभावित देश जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं
– वैश्विक ट्रेड वॉर की स्थिति बन सकती है
– प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ेंगी (और कौन भुगतेगा? हम जैसे कंज्यूमर्स!)
– अमेरिका और देशों को टारगेट कर सकता है
एक बात तो तय है – WTO को अब अपनी भूमिका निभानी होगी। वरना… टेंशन बढ़ने वाली है!
फिलहाल तो हमें इस टैरिफ पॉलिसी के असर को समझने के लिए इंतज़ार करना होगा। पर एक बात कह दूं – ये वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। कैसे? वो तो आने वाला वक्त ही बताएगा। आपकी क्या राय है इस मामले में?
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Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com