उत्तराखंड-हिमाचल में भारी बारिश का कहर! चारधाम यात्रा रोकी, स्कूल-कॉलेज बंद, रेड अलर्ट जारी

उत्तराखंड-हिमाचल में बारिश का कहर: चारधाम यात्रा ठप, जिंदगी अस्त-व्यस्त!

क्या आपने कभी सोचा था कि बारिश इतनी भयानक हो सकती है? उत्तराखंड और हिमाचल में पिछले दो दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने सचमुच हालात बिगाड़ दिए हैं। मौसम विभाग ने तो रेड अलर्ट तक जारी कर दिया है – और ये कोई मामूली चेतावनी नहीं है, बिल्कुल वैसी ही जैसे आपके फोन पर 1% बैटरी का अलर्ट आता है… बस फर्क इतना कि यहाँ जान का खतरा है!

असल में देखा जाए तो ये कोई अचानक आई आफत नहीं है। पिछले कुछ सालों से हिमालयी राज्यों में मॉनसून का रुख बदलता जा रहा है। इस बार तो जैसे बारिश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए – नदियाँ उफान पर, सड़कें टूटी हुई, और चारधाम यात्रा? वो तो बीच में ही अटक गई। ईमानदारी से कहूँ तो, कोविड के बाद पहली बार पूरी क्षमता से शुरू हुई यात्रा पर फिर से ब्रेक लग गया है। क्या ये जलवायु परिवर्तन का असर है? शायद हाँ।

ताजा हालात की बात करें तो:
• केदारनाथ-बद्रीनाथ जाने वाले रास्ते बंद
• स्कूल-कॉलेज अगले दो दिन के लिए बंद
• अब तक 10 से ज्यादा लोगों की मौत (और ये आँकड़ा बढ़ सकता है)
• NDRF की टीमें मौके पर पहुँच चुकी हैं

हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि मदद और भी तेजी से पहुँचनी चाहिए। गढ़वाल के एक गाँव वाले तो बता रहे थे – “पहाड़ से पानी और पत्थर एक साथ आ रहे हैं, ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने गुस्से में आकर सब कुछ उजाड़ दिया हो।” सच में डरावना।

अब सवाल यह है कि आगे क्या? मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे और बारिश की संभावना है। CM धामी ने राहत कार्यों को तेज करने के आदेश दिए हैं, लेकिन जब तक बारिश रुकेगी नहीं, तब तक स्थिति सुधरने के आसार कम ही दिखते हैं। और हाँ, अगर आप इन इलाकों में हैं तो please सावधान रहें – ये मौसम मजाक लेने वाला नहीं है।

एक तरफ तो पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोगों की जिंदगी खतरे में है। सरकार को न सिर्फ तत्काल राहत कार्यों पर ध्यान देना होगा, बल्कि लंबे समय के लिए भी योजना बनानी होगी। वरना हर साल यही कहानी दोहराई जाएगी।

अंत में बस इतना – प्रकृति के सामने हम सब निरीह हैं। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें। और हाँ, प्रशासन के निर्देशों को गंभीरता से लें। क्योंकि जब पहाड़ रोने लगे, तो समझ जाइए कि मामला गंभीर है!

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1. चारधाम यात्रा पर लगी रोक – क्या वाकई जरूरी था ये फैसला?

देखिए, जब heavy rainfall और landslides का ऐसा कहर हो तो सरकार के पास कोई चारा नहीं होता। सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही यात्रा temporarily रोकी गई है। वैसे भी, भगवान के दरबार जाने से पहले जिंदा रहना तो जरूरी है न?

2. स्कूल-कॉलेज बंद, exams पर क्या असर? स्टूडेंट्स क्या करें?

अरे भई, जब स्कूल ही बंद हैं तो exams कैसे होंगे? कई जिलों में तो हालात ऐसे हैं कि पेपर postpone होना तय है। लेकिन घबराइए मत – अपने college की website और WhatsApp groups पर नजर रखिए। कोई न कोई update आएगी ही। एकदम टेंशन न लें!

3. रेड अलर्ट! समझिए इसका मतलब और बचने के तरीके

रेड अलर्ट सुनकर ही डर लगता है न? असल में ये मतलब है कि मौसम ने पूरा जोर पकड़ लिया है। ऐसे में बेवजह घर से निकलना वैसा ही है जैसे बारिश में नए फोन को लेकर घूमना। flood वाले इलाकों से दूर रहें, अधिकारियों की बात मानें – यही समझदारी है।

4. क्या ये बारिश climate change का नतीजा है? एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

सच कहूं तो अब हर extreme weather के पीछे climate change की बात होने लगी है। experts भी मानते हैं कि ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। पर इस specific केस पर अभी रिपोर्ट आनी बाकी है। फिलहाल तो बस इतना – प्रकृति का कहर देखकर लगता है, हमने अपनी धरती से बहुत खिलवाड़ कर लिया।

Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com

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