विदेश यात्रा और हेल्थ इंश्योरेंस: क्यों ये ज़रूरी है, समझिए आसान भाषा में!
अक्सर देखा गया है कि लोग विदेश ट्रिप की प्लानिंग में फ्लाइट टिकट, होटल और घूमने की जगहों पर तो पूरा ध्यान देते हैं, मगर एक चीज़ भूल जाते हैं – ट्रैवल हेल्थ इंश्योरेंस। और यही छोटी सी चूक बाद में बड़ी मुसीबत बन जाती है। सच कहूँ तो, विदेश में मेडिकल इमरजेंसी के वक्त बिना इंश्योरेंस के इलाज का खर्च आपकी पूरी सेविंग्स को चुटकियों में खत्म कर सकता है। कुछ देशों में तो एक छोटा सा फीवर भी लाखों का बिल थमा देता है। है ना डरावना? इसीलिए समझदार यात्री हमेशा अपने साथ कम्प्रिहेंसिव हेल्थ कवर लेकर चलते हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस: सिर्फ फॉर्मेलिटी नहीं, ज़रूरत!
मैं जानता हूँ कि आप सोच रहे होंगे – “मैं तो पूरी तरह फिट हूँ, मुझे इंश्योरेंस की क्या ज़रूरत?” लेकिन भईया, विदेश में कुछ भी हो सकता है! पहली बात तो ये कि नया मौसम, अलग पानी और अनजान खाना आपको फूड पॉइजनिंग या वायरल फीवर दे सकता है। दूसरा, एक्सीडेंट्स का खतरा – कई देशों में रोड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अलग होते हैं। और तीसरा सबसे बड़ा रिस्क? आपकी पहले से मौजूद बीमारियाँ जैसे डायबिटीज या अस्थमा, जो लंबी फ्लाइट और क्लाइमेट चेंज से बढ़ सकती हैं। ऐसे में बिना इंश्योरेंस के विदेश में इलाज कराना… अरे भई, पूरे ट्रिप का मज़ा किरकिरा हो जाएगा!
ट्रैवल से पहले ये हेल्थ टिप्स ज़रूर याद रखें
पहली और सबसे ज़रूरी बात – कभी भी बिना इंश्योरेंस के ट्रैवल न करें। सुनने में थोड़ा सेल्सी लगेगा, मगर ये सच है। अपनी ट्रिप के हिसाब से पॉलिसी चुनें – ध्यान रखें कि कुछ पॉलिसीज एडवेंचर स्पोर्ट्स या पुरानी बीमारियों को कवर नहीं करतीं। एक छोटी सी टिप: अपने फोन में इंश्योरेंस कंपनी का इमरजेंसी नंबर और लोकल हॉस्पिटल्स की लिस्ट सेव करके रखें। और हाँ, अपना मेडिकल हिस्ट्री (एलर्जी, करंट मेडिसिन्स, ब्लड ग्रुप) एक पेपर पर लिखकर रखें। ये छोटी-छोटी तैयारियाँ बाद में बड़ी मुसीबत से बचा सकती हैं।
विदेश में क्या खाएं, क्या न खाएं?
अब आते हैं सबसे मज़ेदार हिस्से पर – खानपान! विदेश में खाने को लेकर थोड़ा अलर्ट रहना पड़ता है। पैकेज्ड वाटर ही पिएं, और स्ट्रीट फूड से तो बचना ही बेहतर है। फ्रूट्स और वेजिटेबल्स खाएं मगर उन्हें खुद पील करके। मसालेदार और ऑयली फूड से परहेज करें – ट्रैवल के दौरान पेट खराब होने का सबसे बड़ा कारण यही होता है। और एक गोल्डन टिप – आइस वाले ड्रिंक्स से दूर रहें! कई देशों में आइस कंटैमिनेटेड वाटर से बनाई जाती है। अपने साथ बेसिक मेडिसिन्स जैसे एंटासिड, पेन किलर और मोशन सिकनेस की गोलियाँ ज़रूर रखें।
कब डॉक्टर के पास जाएँ?
विदेश में नीचे दी गई किसी भी स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प लें:
– 101°F से ज़्यादा बुखार जो उतर ही न रहा हो
– लगातार उल्टी/दस्त (डिहाइड्रेशन का संकेत)
– सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द
– कोई गंभीर चोट जैसे हड्डी टूटना
याद रखें, छोटी समस्या को नज़रअंदाज करना बड़ी मुसीबत को न्यौता देना है। अपना इंश्योरेंस कार्ड हमेशा साथ रखें और इमरजेंसी में नेटवर्क हॉस्पिटल्स का ही इस्तेमाल करें।
आखिरी बात: सुरक्षित रहें, मस्त रहें!
एक बात हमेशा याद रखें – “अगर आप इंश्योरेंस खरीदने का खर्च उठा सकते हैं, तो बिना इंश्योरेंस ट्रैवल करने का रिस्क न लें!” विदेश यात्रा में हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ पैसों की सुरक्षा नहीं देता, बल्कि मानसिक शांति भी देता है। थोड़ी सी प्लानिंग और सावधानी आपकी ट्रिप को सेफ और एन्जॉयेबल बना सकती है। तो अगली इंटरनेशनल ट्रिप पर जाने से पहले अपना ट्रैवल इंश्योरेंस ज़रूर चेक कर लीजिएगा। हैप्पी एंड सेफ ट्रैवल्स!
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Source: Dow Jones – Lifestyle | Secondary News Source: Pulsivic.com