क्या सच में डोनाल्ड ट्रंप को BRICS से इतना डर लगता है? वरना ये सब दिखावा है?
अभी-अभी जैसे ही BRICS देशों ने ब्राजील में अपनी बैठक खत्म की, वैसे ही डोनाल्ड ट्रंप ने अपना पुराना रिकॉर्ड दोहराया है। 100% टैरिफ की धमकी! सच कहूं तो ये कोई नई बात नहीं – ट्रंप साहब तो ऐसे ही बात करते हैं। लेकिन इस बार बात थोड़ी गंभीर है। भारत, चीन, रूस समेत 10 देशों का ये ग्रुप अब कोई छोटी-मोटी संस्था नहीं रह गया है। और ट्रंप का ये बयान साफ बता रहा है कि अमेरिका इसे हल्के में नहीं ले रहा।
BRICS: जब छोटे देशों ने मिलकर बड़ी ताकत बनाई
देखिए, असल में BRICS की कहानी तो बड़ी दिलचस्प है। शुरुआत में सिर्फ 5 देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) थे। मकसद? विकासशील देशों की आवाज़ बुलंद करना। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। पिछले दिनों ईरान, सऊदी अरब जैसे देश भी इसमें शामिल हो गए। अब ये ग्रुप वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने की ताकत रखता है। और यही तो ट्रंप को चुभ रहा है!
“100% टैरिफ” की धमकी पर कौन क्या कह रहा?
ट्रंप का स्टाइल तो आप जानते ही हैं – बिना लाग-लपेट के बात करना। उन्होंने सीधे कह दिया कि अगर BRICS देश अमेरिका के खिलाफ गए तो 100% टैरिफ लगा देंगे। अब इस पर प्रतिक्रियाएं आनी ही थीं। चीन ने तो इसे सीधे ‘धौंसजबरी’ बता दिया। रूस वालों ने कहा कि अमेरिका बहुध्रुवीय दुनिया को मानने को तैयार नहीं। भारत? हमारे लोग अभी तक चुप हैं… लेकिन सूत्रों के मुताबिक मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
विशेषज्ञ क्या सोचते हैं?
असल में मामला कुछ यूं है – BRICS देश आपस में डॉलर की जगह अपनी-अपनी करेंसी में ट्रेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। और ये बात अमेरिका को हजम नहीं हो रही। विश्लेषकों की मानें तो अगर ये टैरिफ वाकई लगे, तो भारत जैसे देशों को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। क्यों? क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था निर्यात पर बहुत ज्यादा निर्भर है। एक तरह से देखें तो ये वैश्विक व्यापार युद्ध की शुरुआत हो सकती है।
अब आगे क्या?
तो सवाल ये है कि BRICS देश अब क्या करेंगे? जानकारों का कहना है कि इन देशों को और करीब आना होगा। आपसी व्यापार बढ़ाना होगा। वैसे नवंबर में अमेरिका में चुनाव भी हैं… और शायद ट्रंप ये सब अपने वोटरों को दिखाने के लिए कर रहे हैं। “देखो, मैं अमेरिका के हितों की रक्षा कर रहा हूं” वाली बात।
असल में ये पूरा मामला दुनिया की बदलती ताकतों की लड़ाई है। एक तरफ अमेरिका जैसी पुरानी ताकत, दूसरी तरफ BRICS जैसे नए खिलाड़ी। अब देखना ये है कि ये नया ग्रुप अमेरिकी दबाव को झेल पाता है या नहीं। एक बात तो तय है – आने वाले दिनों में ये मामला और गरमायेगा!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com