ट्रंप की टैरिफ धमकी और BRICS का जवाब: क्या अब ट्रेड वॉर होगा?
अरे भई, ट्रंप साहब फिर से अपने मूड में हैं! अमेरिका के राष्ट्रपति ने एक बार फिर BRICS देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को निशाना बनाते हुए नए टैरिफ की धमकी दे डाली। और सच कहूं तो, इस बार BRICS ने जिस तरह से जवाब दिया है, वो किसी ‘सम्राट’ को चुनौती देने जैसा ही है। ब्राज़ील तो सीधे-सीधे इसे “बेहद गैर-जिम्मेदार” कहकर ट्रंप को सुनाने में जुट गया। अब सवाल ये है कि क्या ये नया तनाव वैश्विक व्यापार के लिए बड़ी मुसीबत बन जाएगा?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, BRICS देश पिछले कुछ सालों से वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी धाक जमा चुके हैं। सोचिए – दुनिया की 40% आबादी और 25% GDP! लेकिन अमेरिका के साथ इनका रिश्ता हमेशा से थोड़ा… कॉम्प्लिकेटेड रहा है। ट्रंप तो पहले भी चीन और भारत पर टैरिफ लगा चुके हैं। पर इस बार उन्होंने पूरे BRICS ग्रुप को टारगेट कर दिया है, ये कहते हुए कि ये देश “अनुचित व्यापार नीतियां” अपना रहे हैं। और यहीं से शुरू हुई असली फायरवर्क्स!
किसने क्या कहा?
इस मामले में सबसे ज़ोरदार प्रतिक्रिया आई है ब्राज़ील से – जो कि इस समय BRICS का चेयर भी है। उनके वाणिज्य मंत्रालय ने तो सीधे ट्रंप के बयान को “अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए खतरनाक” बता डाला। चीन ने अपनी स्टाइल में इसे “एकतरफा आर्थिक दबाव” कहा। रूस वालों ने तो BRICS देशों को और करीब आने की सलाह दे डाली। भारत? हमारी सरकार अभी तक ऑफिशियली कुछ नहीं बोली है, पर सूत्रों की मानें तो दिल्ली में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा चल रही है।
ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने तो सीधे कह दिया – “ये बयान वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला देगा!” चीन ने भी नहीं छोड़ा – “अमेरिका को अपनी नीतियों पर फिर से सोचना चाहिए।” एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं? सीधी बात – अगर ये टेंशन बढ़ी, तो पूरी दुनिया की इकोनॉमी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
अब आगे क्या?
तो अब सवाल ये है कि अगला मूव क्या होगा? जानकारों के मुताबिक, BRICS देश जल्द ही कोई संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। अमेरिका के साथ वार्ता की गुंजाइश भी है। लेकिन अगर ट्रंप अपनी जिद पर अड़े रहे, तो BRICS देश नए ट्रेड डील्स की तरफ बढ़ सकते हैं – बिना अमेरिका को शामिल किए। यानी अमेरिका को बायपास करने की प्लानिंग!
इस पूरे ड्रामा ने एक बात तो साफ कर दी है – वैश्विक व्यापार का लैंडस्केप बदल रहा है। जहां अमेरिका ‘अमेरिका फर्स्ट’ पर अड़ा है, वहीं BRICS देश भी पीछे हटने का मूड नहीं दिखा रहे। किसकी चलेगी? वो तो टाइम ही बताएगा। पर एक बात पक्की है – अगर ये टेंशन बढ़ी, तो हम सभी को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। थोड़ा सोचिए, क्या आपको नहीं लगता कि ये सब हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को भी प्रभावित करेगा?
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1. ट्रंप ने BRICS देशों को क्या धमकी दी है?
अब सवाल यह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से क्या हंगामा खड़ा कर दिया है? देखिए, उन्होंने BRICS देशों (ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका) पर नए टैरिफ लगाने की बात कही है। और यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है। असल में, इससे global trade war का खतरा काफी बढ़ गया है। ट्रंप का दावा है कि ये देश US के साथ “unfair trade practices” कर रहे हैं। पर सच क्या है? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
2. BRICS देशों ने ट्रंप की इस धमकी का क्या जवाब दिया?
अब इन देशों ने क्या किया? एकदम साथ खड़े हो गए! BRICS देशों ने एकजुट होकर ट्रंप को जवाब दिया है। और साफ कह दिया है कि वो इस तरह की “economic bullying” को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मतलब साफ है – अबकी बार, जवाब दो तरफा होगा। इन देशों ने अपनी economy को मजबूत करने और alternative trade systems बनाने की बात भी कही है। यानी, अब डॉलर का वर्चस्व चुनौती देने की तैयारी है।
3. क्या ये टैरिफ भारत की economy को प्रभावित करेगा?
सीधा जवाब? हाँ, बिल्कुल। अगर US ने भारत पर टैरिफ लगाया तो हमारे exports को झटका लगेगा। खासकर IT, pharmaceuticals और textiles सेक्टर, जो US को काफी सामान एक्सपोर्ट करते हैं। लेकिन यहाँ एक अच्छी बात भी है। भारत पहले से ही दूसरे markets की तलाश में जुट गया है। यूरोप, अफ्रीका – इन दिशाओं में नए रास्ते बन रहे हैं। थोड़ा समय लगेगा, पर विकल्प तो हैं।
4. क्या BRICS देश मिलकर ट्रंप का मुकाबला कर सकते हैं?
इसे ऐसे समझिए – BRICS देशों के पास combined GDP और resources का जबरदस्त भंडार है। यानी, वो US के खिलाफ मजबूत स्टैंड ले सकते हैं। असल में, ये देश पहले से ही दो काम कर रहे हैं: एक तो अपनी करेंसी को डॉलर से कम डिपेंडेंट बनाने की कोशिश, और दूसरा नए trade agreements पर काम। लेकिन सच्चाई यह भी है कि ये सब रातों-रात नहीं होगा। लंबी लड़ाई है, पर शुरुआत तो अच्छी है।
Source: Financial Times – Global Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com