चीन-पाकिस्तान की नींद हराम कर देगी ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’? जानिए क्या है पूरा माजरा!
दोस्तों, भारतीय सेना ने हाल में एक ऐसा फैसला लिया है जिसने पड़ोसियों की हवा निकाल दी है। सीधे शब्दों में कहें तो – हमारी सेना ने दो साधारण इंफ्रेंट्री ब्रिगेड को “रुद्र ब्रिगेड” और “भैरव बटालियन” में बदल डाला है। और ये कोई नाम बदलने वाली बात नहीं है। असल में तो ये एक पूरा गेम-चेंजर है!
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? देखिए, पिछले कुछ सालों से LAC और LOC पर जो हालात बने हुए हैं, उन्हें देखते हुए सेना को एक स्मार्ट मूव की जरूरत थी। और ये वो मूव है जैसे चेस में क्वीन को सही जगह पर रख देना। “Integrated Battle Groups (IBGs)” के तहत ये नया ढांचा बनाया गया है जहां पुराने और नए हथियारों का जबरदस्त कॉम्बिनेशन तैयार किया गया है। एक तरफ टैंक, तो दूसरी तरफ ड्रोन्स!
अब थोड़ा इन नए यूनिट्स के बारे में जान लीजिए। “रुद्र ब्रिगेड” और “भैरव बटालियन” को खास तौर पर “Hybrid Warfare” के लिए डिज़ाइन किया गया है। मतलब? साइबर वॉर से लेकर ड्रोन अटैक तक – सबकुछ! इनमें T-90 टैंक हैं, K9 वज्र तोपें हैं, और तो और हमारे स्वदेशी ड्रोन्स भी शामिल हैं। एकदम ज़बरदस्त पैकेज। सच कहूं तो ये हमारी सेना का ‘सुपरहीरो अवतार’ है!
अब बात करें एक्सपर्ट्स की राय की… तो ज्यादातर रक्षा विश्लेषक और रिटायर्ड जनरल्स इस फैसले को सराह रहे हैं। उनका कहना है कि ये “Offensive-Defensive” स्ट्रैटेजी का बेहतरीन उदाहरण है। लेकिन कुछ राजनीतिक लोग सवाल भी उठा रहे हैं – कहीं ये बजट पर बोझ तो नहीं बनेगा? हालांकि, सुरक्षा के मामले में पैसा खर्च करना ही पड़ता है। है न?
आगे की रणनीति क्या है? सेना इसी तर्ज पर और ब्रिगेड्स को अपग्रेड करने की योजना बना रही है। और पाकिस्तान-चीन की प्रतिक्रिया? वो तो अभी से ही चिंता में दिख रहे हैं। एक तरह से ये फैसला उनके लिए वॉर्निंग शॉट की तरह है।
तो दोस्तों, संक्षेप में कहें तो ये फैसला सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं है। ये हमारी सेना के नए अवतार की शुरुआत है। और ये संदेश साफ है – अब कोई भी गलत हरकत बिना जवाब के नहीं रहेगी। जय हिंद!
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चीन-पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाली ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’ – जानिए क्या है इनका रहस्य?
1. ‘रुद्र ब्रिगेड’ और ‘भैरव बटालियन’ आखिर हैं क्या चीज?
देखिए, अगर आसान भाषा में कहें तो ये भारतीय सेना के ‘गुप्त हथियार’ हैं। रुद्र ब्रिगेड? ये कोई आम हेलिकॉप्टर यूनिट नहीं, बल्कि पहाड़ों पर बिजली की तरह हमला करने वाली elite fighting force है। और भैरव बटालियन? अरे भाई, ये तो वो कमांडो हैं जो दुश्मन की नाक के नीचे घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक कर देते हैं – बिना आवाज़ किए। एकदम ज़बरदस्त!
2. सवाल यह है कि ये यूनिट्स चीन-पाक को इतना क्यों डराती हैं?
असल में बात ये है कि… सुनिए, आजकल के युद्ध में technology और training का कॉम्बिनेशन ही जीत तय करता है। रुद्र ब्रिगेड के हेलिकॉप्टर्स LAC पर किसी भूकंप की तरह अचानक टूट पड़ते हैं। और भैरव वाले? उनके बारे में तो कहा जाता है – “दिखेंगे नहीं, मारेंगे जरूर”। है न मजेदार बात?
3. क्या ये सिर्फ दिखावा है या असली मैदान में भी कमाल दिखा चुके हैं?
अरे भई, ये कोई नौटंकी नहीं! 2016 का Operation Rhino हो या Balakot airstrike के बाद की स्थिति – इन्होंने अपनी धाक जमाई है। LAC पर तो ये रोजाना चीन को चैलेंज देते हैं। हालांकि, सेना के कुछ रहस्य तो हम आम लोगों को पता भी नहीं चलने देती। समझ रहे हैं न?
4. सबसे मजेदार सवाल – इनके नाम ‘रुद्र’ और ‘भैरव’ क्यों रखे गए?
ईमानदारी से कहूं तो… सेना ने बिल्कुल सही नाम चुने हैं! रुद्र यानी शिव का वो रूप जो प्रलय ला सकता है। भैरव? वो तो खैर… डर本身 का दूसरा नाम है! जैसे नाम, वैसा ही काम – दुश्मनों को जमीन में मिला देना। क्या आपको नहीं लगता कि ये नाम पूरी तरह फिट बैठते हैं?
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