ऑपरेशन जल राहत-2: सेना का जान बचाने का अभियान, लेकिन बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा
अरे भाई, क्या बताऊं… हमारी भारतीय सेना ने फिर वो कर दिखाया जिसके लिए हम उन्हें सलाम करते हैं। पूर्वोत्तर में चल रहे ऑपरेशन जल राहत-2 में अब तक 3,820 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। पर सच कहूं तो ये आंकड़ा खुश होने से ज्यादा चिंता में डालता है। असम, मणिपुर और अरुणाचल – तीनों राज्यों में नदियां सिर्फ उफन नहीं रही, बल्कि गुस्से में बह रही हैं। और हां, NDRF और स्थानीय प्रशासन भी पूरी ताकत से जुटे हैं, लेकिन मौसम विभाग की latest warning देखकर लगता है अभी तो ये मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
हर साल आती है बाढ़, पर इस बार कुछ ज्यादा ही…
देखिए, पूर्वोत्तर में बाढ़ तो रुटीन की बात है। मानसून आया नहीं कि पानी सड़कों पर नाचने लगता है। लेकिन इस बार? सच में, हालात बिल्कुल अलग हैं। मौसम वालों के मुताबिक, सामान्य से 40% ज्यादा बारिश हो चुकी है! ब्रह्मपुत्र और बराक नदी का हाल तो ऐसा है जैसे कोई रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। पर एक अच्छी बात ये है कि सेना पहले से ही ऑपरेशन जल राहत जैसे drills करती आई है। मतलब? ट्रेनिंग ने ही असल मुश्किल में काम आई। helicopters, boats और वो भी special rescue teams – सब कुछ मिलाकर चल रहा है ये अभियान।
72 घंटे, 3,820 जिंदगियां – गिनती नहीं, जज्बात हैं ये
सेना के latest update के मुताबिक सिर्फ 3 दिन में ही 3,820 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। और जानते हैं कौन? वो बुजुर्ग जिनके लिए चलना भी मुश्किल था, वो माएं जो अपने बच्चों को गोद में लिए डर रही थीं… अभी तक 50 से ज्यादा relief camps बनाए जा चुके हैं जहां खाना, दवा – सब कुछ है। पर NDRF की 12 टीमें जितनी मेहनत कर रही हैं, उतनी ही मुश्किलें बढ़ रही हैं। क्यों? क्योंकि अगले 48 घंटे और भारी बारिश का अलर्ट है।
“सेना वाले भगवान का रूप लेकर आते हैं…”
इस पूरे हालात में एक बात जो दिल को छू गई – गुवाहाटी के एक बाढ़ पीड़ित ने कहा, “जब सेना के जवान आते हैं, लगता है भगवान ही हमें बचाने आए हैं।” और सच में, रक्षा मंत्रालय का statement पढ़कर गर्व होता है: “हमारे जवानों ने फिर साबित कर दिया कि वो सिर्फ सीमाओं के रखवाले नहीं, बल्कि जनता के संकटमोचक भी हैं।” असम के CM ने भी केंद्र और राज्य की टीम वर्क की तारीफ की। पर असल हीरो तो वो अनाम जवान हैं जो पानी में उतरकर लोगों को बचा रहे हैं।
अब आगे क्या? चुनौतियां तो कम होने का नाम नहीं ले रहीं
मौसम वालों की मानें तो अभी और बारिश होनी है। और सरकार ने 500 करोड़ की additional relief fund जारी कर दी है। पर experts कह रहे हैं कि असली समस्या तो long term है – नदियों के किनारे flood control projects को तेज करना होगा। वैसे भी, जब तक ये rescue operations चल रहे हैं, तब तक हर पल किसी की जिंदगी दांव पर लगी है। सेना और NDRF की टीमें अभी भी पूरी ताकत से जुटी हुई हैं, क्योंकि अभी भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। एक बात तो तय है – जब तक आखिरी व्यक्ति सुरक्षित नहीं निकल जाता, ये जवान पीछे नहीं हटेंगे। और हम? हमें बस उनके लिए दुआ करनी चाहिए।
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com