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रॉयटर्स का ‘एक्स’ अकाउंट भारत में ब्लॉक: सरकार ने दिया यह बड़ा बयान, जानें पूरा विवाद

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रॉयटर्स का ‘एक्स’ अकाउंट भारत में ब्लॉक: सरकार ने क्या कहा, और क्यों है ये इतना बड़ा मामला?

अरे भई, क्या आपने सुना? अंतर्राष्ट्रीय मीडिया दिग्गज रॉयटर्स का ‘एक्स’ (पहले वाला Twitter) अकाउंट भारत में अचानक गायब हो गया है। ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं है – ये तो वैसा ही है जैसे किसी बड़े रेस्टोरेंट को अचानक बंद कर दिया जाए। सरकार ने तुरंत जवाब दिया है कि सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भारतीय कानून मानने ही होंगे। पर सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ कानून की बात है, या फिर प्रेस की आजादी और सरकारी नियंत्रण के बीच की जंग का नया चैप्टर?

पूरा माजरा क्या है? सोशल मीडिया vs सरकार की कहानी

देखिए, ये कोई नई लड़ाई नहीं है। पिछले कुछ सालों से सरकार और टेक कंपनियों के बीच नियमों को लेकर तनातनी चल रही है। 2021 के नए IT नियमों के बाद से तो मामला और गरमा गया है। एक तरफ सरकार का कहना है कि प्लेटफॉर्म्स को कानून मानने चाहिए, दूसरी तरफ ‘एक्स’ (Twitter वाला) जैसी कंपनियां कभी-कभी पीछे हट जाती हैं। याद है न वो मामला जब ट्विटर ने कुछ खाते ब्लॉक करने से मना कर दिया था?

पर इस बार तो बात ही अलग है। रॉयटर्स जैसी प्रतिष्ठित संस्था का अकाउंट ब्लॉक? सच में? ये तो वैसा ही है जैसे BBC या CNN को म्यूट कर दिया जाए। भारत में तो इसके लाखों पाठक हैं, और दुनिया भर में इसकी पत्रकारिता की धाक है।

अब तक क्या हुआ? एक्सेस ब्लॉक और सरकारी बयान

कल सुबह से ही लोगों ने नोटिस किया कि रॉयटर्स का ‘एक्स’ अकाउंट भारत में नहीं खुल रहा। साफ है कि इसे ब्लॉक कर दिया गया है। अभी तक तो कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई, पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि IT एक्ट, 2000 के तहत ये कार्रवाई हुई होगी। कुछ जानकारों का कहना है कि हाल में रॉयटर्स ने एक बेहद संवेदनशील मुद्दे पर रिपोर्टिंग की थी – शायद उसी का नतीजा है ये कदम। हैरानी की बात ये कि ‘एक्स’ कंपनी (यानी पुराना Twitter) अभी तक चुप ही है।

कौन क्या बोल रहा है? सरकार से लेकर ट्विटर तक

सरकार का स्टैंड तो क्लियर है – “हमारे देश में हमारे नियम चलेंगे”। कुछ सूत्रों का कहना है कि ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा या फिर कानून-व्यवस्था से जुड़ा हो सकता है।

वहीं मीडिया एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है। कुछ तो इसे प्रेस फ्रीडम पर हमला बता रहे हैं, वहीं दूसरे कह रहे हैं कि कानून तो सबके लिए एक जैसा होना चाहिए, चाहे वो कोई भी हो।

और सोशल मीडिया पर तो माजरा ही अलग है। #ReutersBlocked और #PressFreedom ट्रेंड कर रहे हैं। कुछ लोग सरकार के साथ हैं, तो कुछ को लग रहा है कि ये खतरनाक रुझान है।

अब आगे क्या? लंबी लड़ाई की आशंका

ये मामला फिर से वही पुराना सवाल उठाता है – सोशल मीडिया और सरकार के बीच बैलेंस कैसे बने? अगर रॉयटर्स या ‘एक्स’ कंपनी कोर्ट चली गई, तो ये केस और लंबा खिंच सकता है। एक बात तो तय है – भारत में इंटरनेट रेगुलेशन और प्रेस की आजादी पर बहस और तेज होगी। अगले कुछ दिनों में नए ट्विस्ट आ सकते हैं, तो बने रहिए हमारे साथ!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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