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“समंदर से उठी तबाही! 12 जिलों में रेड अलर्ट, लाखों लोगों पर मंडराया खतरा”

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समंदर का गुस्सा: 12 जिलों में रेड अलर्ट, लाखों लोगों की चिंता बढ़ी

अभी-अभी IMD ने बड़ा अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में कुछ ऐसा चल रहा है कि अगले दो दिनों में 12 तटीय जिलों को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। और जब मैं ‘भारी’ कह रहा हूं, तो समझ लीजिए कि यह आम बारिश नहीं, बल्कि जानलेवा स्थिति हो सकती है। प्रशासन भी हरकत में आ गया है – राहत कैंप तैयार हो रहे हैं, NDRF की टीमें मौके पर पहुंच रही हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह काफी होगा?

आखिर हुआ क्या?

देखिए, पिछले कुछ दिनों से बंगाल की खाड़ी में दबाव का एक क्षेत्र बना हुआ था। अब यह और गहरा हो गया है। IMD पहले से ही येलो अलर्ट जारी कर चुका था, लेकिन लगता है स्थिति उससे कहीं ज्यादा गंभीर होने वाली है। 2019 का फानी और 2020 का अम्फान याद है न? उससे भी बदतर हालात हो सकते हैं। असल में, इस इलाके में मौसम का मिजाज पहले से ही खराब चल रहा है।

ताजा अपडेट: कहां-कहां है सबसे ज्यादा खतरा?

IMD की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा के गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से भी रेड जोन में हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि 200mm से ज्यादा बारिश हो सकती है – यानी नदियों का उफान, water-logging, और भगदड़ की स्थिति। सच कहूं तो डर लग रहा है।

प्रशासन ने कुछ सही कदम उठाए हैं। NDRF की 15 टीमें मौके पर हैं, coastal villages को खाली कराया जा रहा है। पर यहां दिक्कत यह है कि ट्रेनें कैंसिल हो रही हैं, flights पर भी असर पड़ा है। एक तरफ तो सुरक्षा के इंतजाम, दूसरी तरफ लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी ठप। मुश्किल स्थिति है।

क्या कह रहे हैं जिम्मेदार लोग?

IMD के डायरेक्टर साहब तो सीधे-सीधे कह रहे हैं – “यह कोई मामूली स्थिति नहीं है।” ओडिशा के CM ने सभी डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर्स को अलर्ट कर दिया है। लेकिन असली बात तो एक पुरी निवासी ने कही – “हमने पहले भी तूफान देखे हैं, पर इस बार बारिश का पैटर्न अजीब लग रहा है।” और सच में, जब स्थानीय लोग ऐसा कहें तो समझ लेना चाहिए कि मामला गंभीर है।

आगे क्या होगा?

अगले 24 घंटे निर्णायक होंगे। IMD का कहना है कि सिस्टम और तेज हो सकता है। लंबे समय के लिए देखें तो धान की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। Coastal erosion की समस्या भी बढ़ेगी। केंद्र सरकार ने फंड का वादा तो कर दिया है, पर यह समस्या सिर्फ पैसों से हल होने वाली नहीं। एक तरह से यह प्रकृति का इम्तिहान है – हमारी तैयारियों का, हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर का।

अंत में एक बात – ऐसे हालात में social media पर अफवाहों से बचें। सिर्फ authentic sources से जानकारी लें। सुरक्षित रहें!

“समंदर से उठी तबाही!” – जानिए वो सवाल जो आप पूछना चाहते हैं

अरे भाई, ये मौसम वालों ने तो इस बार रेड अलर्ट का ऐलान करके सबको हड़कंप मचा दिया है! आप भी परेशान होंगे न? चलिए, आपके मन में उठ रहे सवालों के जवाब देते हैं – बिल्कुल सीधे-सादे अंदाज़ में।

1. कहाँ-कहाँ है रेड अलर्ट? और क्यों?

देखिए, असल में तो ये अलर्ट उन्हीं इलाकों के लिए है जो समंदर के किनारे बसे हैं। मतलब जहाँ बारिश, तूफान या बाढ़ का खतरा सबसे ज़्यादा है। Mumbai, Thane जैसे बड़े शहर तो हैं ही, साथ ही Palghar, Raigad जैसे coastal areas भी लिस्ट में शामिल हैं। सच कहूँ तो IMD की website पर एक नज़र डाल लेनी चाहिए – क्योंकि हालात रोज़ बदल रहे हैं।

2. बचाव के लिए क्या करें? असली ज़मीनी सलाह!

अब ये सुनने में तो बहुत साधारण लगता है, लेकिन मेरा विश्वास करें – ये टिप्स जान बचा सकते हैं। पहली बात तो ये कि एक emergency kit (दवाइयाँ, टॉर्च, कुछ खाने-पीने का सामान) हमेशा तैयार रखें। दूसरा, अगर आप high risk zone में हैं तो वहाँ से निकलने का प्लान बना लें। और हाँ, mobile charge करके रखना! मेरा एक दोस्त पिछले साल इसी गलती की वजह से मुश्किल में फँस गया था।

3. क्या ये सब climate change की वजह से हो रहा है?

ईमानदारी से कहूँ तो experts लगातार यही बता रहे हैं। समंदर का बढ़ता स्तर, गर्म होती धरती… ये सब मिलकर ऐसे extreme weather conditions पैदा कर रहे हैं। एक तरफ तो हम development की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ nature का बिल भर रहे हैं। सोचने वाली बात है, है न?

4. मुसीबत में फँसे हैं? तुरंत ये नंबर याद कर लें!

भगवान न करे, लेकिन अगर कभी emergency हो तो NDRF (1078) या local police (100) को फ़ोन करें। एक और ज़रूरी बात – आजकल तो social media भी बड़ी मददगार साबित हो रहा है। #EmergencyHelpline search करके देखिए, शायद आपके आस-पास की कोई टीम मदद के लिए तैयार हो। वैसे, मेरा सुझाव है कि इन नंबरों को अपने contacts में save करके रखें – कभी काम आ सकते हैं!

अंत में बस इतना… सावधानी ही सुरक्षा है। और हाँ, दूसरों की भी मदद करते रहिए – क्योंकि मुसीबत के वक्त हम सब एक ही नाव पर सवार होते हैं। है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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