अमेरिका के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है: क्या टैरिफ वाली नीति बन जाएगी नई ‘ट्रेड वॉर’ की वजह?
अमेरिका वालों ने फिर से अपने टैरिफ का राग अलापना शुरू कर दिया है, और दुनिया भर के देशों का पारा चढ़ता जा रहा है। सच कहूं तो, ये कोई नई बात नहीं – लेकिन इस बार आसियान के 10 देश एक साथ आ गए हैं और अमेरिका को खुली चुनौती दे रहे हैं। है न दिलचस्प? और ये तब, जब BRICS देश पहले ही इस मामले पर आग बबूला हो चुके हैं। स्थिति ऐसी बन रही है जैसे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था एक बार फिर अमेरिका के इस कदम से झटके खा रही हो।
असल मामला क्या है? समझिए पूरा खेल
देखिए, अमेरिका कहता है कि वो तो बस अपने घरेलू उद्योगों को बचा रहा है। “Unfair trade practices” का बहाना बनाकर वो चीन, EU और अब एशियाई देशों पर टैरिफ लगा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये सच में उचित है? BRICS देश तो इसे सीधे-सीधे ‘ट्रेड वॉर’ की शुरुआत बता चुके हैं। अमेरिका का तर्क है कि उनका व्यापार घाटा कम होना चाहिए… पर क्या ये तरीका सही है? बिल्कुल नहीं!
आसियान ने क्यों उठाई आवाज़? जानिए पूरा सच
अब इंडोनेशिया, थाईलैंड जैसे देश भी इस मामले में आ गए हैं। ASEAN के इन देशों ने मिलकर अमेरिका को साफ-साफ कह दिया है कि उनकी ये नीति पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक है। और सच तो ये है कि WTO भी चेतावनी दे चुका है – supply chain पूरी तरह चैपट हो सकती है। क्या आप समझ रहे हैं मामले की गंभीरता?
चीन तो बिल्कुल नहीं चूक रहा – उन्होंने इसे बहुपक्षीय व्यापार के लिए खतरा बताया है। भारत? हमारे देश ने भी BRICS और ASEAN दोनों के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जता दी है। EU वाले तो पूरी तरह तैयार हैं – वो WTO में केस लड़ने को तैयार बैठे हैं।
अब क्या? ये 3 बड़े खतरे मंडरा रहे हैं
तो अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा? मेरे हिसाब से तीन बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं:
1. पहली – WTO में केसों का ढेर लग जाएगा। कानूनी लड़ाई तो तय है।
2. दूसरी – देश अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाएंगे। और फिर? ट्रेड वॉर का पूरा दौर शुरू!
3. तीसरी और सबसे डरावनी – पूरी दुनिया की ग्रोथ रेट धीमी हो जाएगी। क्यों? क्योंकि टैरिफ बढ़े तो व्यापार घटेगा न!
सच तो ये है कि ये सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं रहा – अब तो राजनीति भी इसमें घुल चुकी है। क्या अमेरिका पीछे हटेगा? या फिर बाकी देश मिलकर कोई रास्ता निकालेंगे? एक बात पक्की है – ये विवाद अभी लंबा चलने वाला है। और इसके नतीजे? वो तो आने वाली पीढ़ियां भुगतेंगी।
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अमेरिका vs Global Trade War: जानिए क्या होगा असली मैदान में?
अरे भाई, आजकल तो हर कोई इस trade war की बात कर रहा है न? लेकिन सच पूछो तो ज्यादातर लोगों को समझ ही नहीं आता कि आखिर ये सब चल क्या रहा है। तो चलिए, आज बात करते हैं बिना किसी जटिल भाषा के – जैसे दोस्तों के बीच चाय की चुस्कियों के साथ होती है!
1. अमेरिका पर टैरिफ का आरोप – सच्चाई क्या है?
देखिए, मामला कुछ यूं है… अमेरिका ने टैरिफ को ऐसे इस्तेमाल किया जैसे कोई बच्चा खिलौने छीन रहा हो! मतलब, “national security” का बहाना बनाकर उन्होंने जो टैरिफ लगाए, उससे global economy को झटका लगा है। और सच कहूं तो ये तरीका थोड़ा… हम्म… चालाकी भरा लगता है, है न?
2. भारत का क्या? हम पर कैसे पड़ेगा असर?
अब यहां थोड़ा गंभीर होना पड़ेगा। स्टील, एल्युमिनियम और कृषि उत्पादों के कारोबार में तो धक्का लगना तय है। और भाई, dollar के आगे rupee की हालत तो वैसे भी… आप समझ ही रहे होंगे! मगर डरने की बात नहीं – भारत ने पहले भी ऐसे हालात देखे हैं।
3. WTO क्या कर पाएगा? या फिर वो भी बेबस?
WTO वालों की कुर्सियां अभी गरम हो रही होंगी! हालांकि, अमेरिका ने तो पहले ही उनके नियमों पर सवाल उठा दिए हैं। ऐसे में case तो दर्ज होगा, लेकिन नतीजा? वो तो… वक्त ही बताएगा। एक तरफ तो नियम हैं, दूसरी तरफ अमेरिका की जिद। मुश्किल स्थिति!
4. आगे क्या? कहीं ये झगड़ा world economy को तो नहीं डुबो देगा?
Experts की राय? अगर बातचीत नहीं बनी तो… हालात और खराब होंगे। दूसरे देश जवाबी टैरिफ लगाएंगे, WTO में case बढ़ेंगे। और सबसे डरावना – recession का खतरा! पर मेरा मानना है कि अंत में कोई middle way निकलेगी ही। क्योंकि अंततः, business is business – सबको पैसा कमाना है न?
तो ये थी trade war पर मेरी साधारण सी समझ। कैसा लगा? कमेंट में बताइएगा जरूर। और हां, अगर कुछ पूछना हो तो बेझिझक पूछिए – आखिर ये ब्लॉग तो आपके लिए ही है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com